अधिकारियों के साथ सिरे नहीं चढ़ी तबादला रोकने की बातचीत, कर्मचारियों का धरना जारी

रानियां के एएलएम के तबादले को रोकने के लिए बिजली निगम यूनियन के

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 02:38 AM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 02:38 AM (IST)
अधिकारियों के साथ सिरे नहीं चढ़ी तबादला रोकने की बातचीत, कर्मचारियों का धरना जारी
अधिकारियों के साथ सिरे नहीं चढ़ी तबादला रोकने की बातचीत, कर्मचारियों का धरना जारी

भागलपुर। सोमवार को राजभवन द्वारा सूबे में सहायक प्राध्यापकों की बहाली के लिए जारी की गई नई नियमावली को बिहार प्रदेश पीएचडी धारक संघ ने धोखा करार दिया है। इसको लेकर मंगलवार को संघ के सदस्यों के साथ वर्चुअल बैठक हुई।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि नियमावली में अनुसार जो शोधार्थी 11 जुलाई 2009 से पहले पीएचडी के लिए रजिस्टर्ड या अवार्डेड हुए हैं और जो अभ्यर्थी 11 जुलाई 2009 से वर्ष 2014 तक रजिस्टर्ड या अवार्डेड हैं, उनको बहाली में कोई लाभ नहीं मिलेगा।

दरअसल पीएचडी से जुड़े यूजीसी रेगुलेशन 2009 के पालन का पत्र पूर्व में ही राजभवन ने छह नवंबर 2012 को सभी विश्वविद्यालय को भेजा था। जिसके आधार पर 2012 के बाद 2013, 2014 और 2015 से पीएचडी के लिए अभ्यर्थी को रजिस्टर्ड किया गया था। पर राज्य सरकार ने 2014 की बहाली में भी यूजीसी रेगुलेशन 2009 में तहत इन्हें पीएचडी नहीं माना था। जिस कारण ऐसे पीएचडी धारकों को बहाली से वंचित होना पड़ा था।संघ के अध्यक्ष ने कहा कि हम अपने हक के लिए लड़ाई लड़ेंगे। जरूरत पड़ी तो आंदोलन का भी रास्ता अख्तियार किया जाएगा।

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