लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई गोगा मेड़ी में धोक
संवाद सूत्र, ऐलनाबाद : मन में श्रद्धा, चेहरे पर उत्साह के साथ कृष्ण पक्ष की अष्टमी को पूर्वी र
संवाद सूत्र, ऐलनाबाद :
मन में श्रद्धा, चेहरे पर उत्साह के साथ कृष्ण पक्ष की अष्टमी को पूर्वी राज्यों से आए श्रद्धालुओं ने गोरख गंगा में स्नान किया तथा गुरु गोरखटीला व गोगाजी मंदिर में धोक लगाकर मन्नत मांगी। गोगामेड़ी में गोगाजी व गुरु गोरख नाथ मंदिर के बाहर लगे बेरिकेड्स श्रद्धालुओं से भरे नजर आए। कृष्ण पक्ष में लगने वाले इस मेले में उत्तरप्रदेश, बिहार, दिल्ली, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उतरांचल समेत क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से लोग आते हैं। श्रद्धालुओें की सुविधा के लिए गोगाजी मंदिर व गोरख टीला पर देवस्थान विभाग द्वारा विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।
मेले में सजा बाजार
रात में गोगामेड़ी मेले में सजे बाजार का ²श्य किसी बड़े शहर या कस्बे के मुख्य बाजार से कम नहीं लगता। मेले में खिलौने, प्रसाद, खजला मिठाई, मिटं्टी के बर्तन, साहित्य सामग्री, परचून समान, चूडिय़ां, लाठियां, वाद्ययंत्रों, क्रोकरी की दुकानें सजी हुई हैं। बच्चों के लिए सर्कस, आकर्षक झूले लगाए गए हैं। लोग मेले में जमकर खरीददारी कर रहे हैं।
सुरक्षा के मेले में पुख्ता इंतजाम
प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है। चपे-चपे पर पुलिस बल तैनात है। अवांछित तत्वों पर नजर रखने के लिए जगह-जगह कैमरे लगाकर जवान तैनात किए है। प्रशासन ने गोगामेड़ी में जगह-जगह भीड़ नियंत्रण करने व दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अस्थाई अवरोधक भी लगाए हैं।
गोगा नवमीं पर धोक लगाने का विशेष महत्व
गोगामेड़ी में आने वाला श्रद्धालु सबसे पहले गुरु गोरखटीला के बाहर बनी गोरख गंगा में स्नान करके मंदिर के दर्शन सबसे पहले करता है। उसके बाद श्रद्धालु गुरु गोरखटीला मंदिर में धोक लगाने के लिए लंबे बेरिकेट्स की लाइन में लग जाता, ये बेरिकेटस की लाइनें करीब चार किलोमीटर लंबी है। एक श्रद्धालु को गुरु गोरखटीला मंदिर में धोक लगाने के लिए तीन से चार घंटे बेरिकेडस में चलना पड़ता है।