21 माह पहले हिसार में हुई थी लक्की-शिम्पा में डील

पेजैप एप के जरिए गिफ्ट कार्ड घोटाला पिछले करीब 1 साल 9 माह से चला आ रहा है। पूछताछ के दौरान एसआइटी के समक्ष आरोपित इसका खुलासा कर चुके हैं। इसका मास्टर माइंड डबवाली निवासी अरविद मोंगा उर्फ शिपा को बताया जा रहा है। 3 जून 2020 को एसआइटी ने हिसार की अर्बन एस्टेट-2 निवासी लोकेश अग्रवाल उर्फ लक्की को गिरफ्तार किया था।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Jun 2020 06:50 AM (IST) Updated:Sun, 28 Jun 2020 06:50 AM (IST)
21 माह पहले हिसार में हुई थी लक्की-शिम्पा में डील
21 माह पहले हिसार में हुई थी लक्की-शिम्पा में डील

ंवाद सहयोगी, डबवाली।

पेजैप एप के जरिए गिफ्ट कार्ड घोटाला पिछले करीब 1 साल 9 माह से चला आ रहा है। पूछताछ के दौरान एसआइटी के समक्ष आरोपित इसका खुलासा कर चुके हैं। इसका मास्टर माइंड डबवाली निवासी अरविद मोंगा उर्फ शिपा को बताया जा रहा है। 3 जून 2020 को एसआइटी ने हिसार की अर्बन एस्टेट-2 निवासी लोकेश अग्रवाल उर्फ लक्की को गिरफ्तार किया था। हिसार के तलाकी गेट पर शिव वॉच एंड रेडियो कंपनी के नाम पर मोबाइल शॉप चलाने वाले लोकेश ने खुलासा किया कि वह दिल्ली के करोल बाग में गफ्फार मार्केट से मोबाइल लाता था। सितंबर 2018 में उसे पता चला कि उपरोक्त मार्केट में गिफ्ट कार्ड नकदी देकर मिलते हैं। जिसे बिल भरने वाले लोग ले जाते हैं। मोबाइलों के साथ उसने शुरूआत में 2-3 लाख रुपये के गिफ्ट कार्ड लाने शुरू कर दिए। उसे प्रति 100 रुपये के पीछे दो रुपये बचत होती थी।

लक्की के मुताबिक उसकी मुलाकात अरविद्र मोंगा उर्फ शिम्पा से हुई। उसने बताया कि उसके पास पेजैप की हजारों फर्जी आइडी हैं। उसने ऑफर दिया कि वह उसे गिफ्ट कार्ड व फर्मों के क्यूआर कोड दे दिया करे। उसके संपर्क में कई लड़के हैं, जिनसे वह गिफ्ट कार्डों को फर्जी आइडी के माध्यम से क्यूआर कोड में स्वाइप करवा दिया करेगा। पूछताछ के दौरान हिसार निवासी ने स्वीकार किया कि वह हर रोज 60-70 लाख रुपये के गिफ्ट कार्ड औसतन बेच देता था। एसआइटी को लक्की ने एक मोबाइल के बारे में बताया है। जो उसने छिपा रखा था। पुलिस ने उसका मोबाइल बरामद कर लिया। बताया जाता है कि इसमें उन लोगों का रिकॉर्ड है, जिसे लक्की गिफ्ट कार्ड बेचता था।

काफी देर से बंद है दिल्ली वाली दुकान

गिफ्ट कार्ड से हुए फ्रॉड के तार दिल्ली से जुड़े हैं। बताया जाता है कि एसआइटी 5 जून को लोकेश को लेकर दिल्ली पहुंची थी। उसने दिल्ली की गफ्फार मार्केट में उस दुकान की निशानदेही करवाई, जिससे वह बड़ी संख्या में गिफ्ट कार्ड की खरीद करता था। एसआइटी की जांच में सामने आया कि उपरोक्त दुकान लंबे समय से बंद पड़ी है। ऐसे में एसआइटी गिफ्ट कार्ड बेचने वाले का सुराग नहीं लगा पाई।

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