कंफर्म और तत्काल टिकट मिलना नामुमकिन, यात्रियों की जेबें खाली कर रहे ट्रेवल एजेंसी संचालक

जागरण संवाददाता, रोहतक : होली के चलते ट्रेनों में कंफर्म टिकट के लिए यात्रियों को काफ

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Feb 2018 03:00 AM (IST) Updated:Tue, 27 Feb 2018 03:00 AM (IST)
कंफर्म और तत्काल टिकट मिलना नामुमकिन, यात्रियों की जेबें खाली कर रहे ट्रेवल एजेंसी संचालक
कंफर्म और तत्काल टिकट मिलना नामुमकिन, यात्रियों की जेबें खाली कर रहे ट्रेवल एजेंसी संचालक

जागरण संवाददाता, रोहतक : होली के चलते ट्रेनों में कंफर्म टिकट के लिए यात्रियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। ऐसे में उन्हें जहां ट्रेवल एजेंसी संचालकों को कंफर्म व तत्काल टिकट के लिए मूल्य से पांच से सात सौ रुपए तक ज्यादा देने पड़ रहे हैं। रेलवे द्वारा चलाई गई स्पेशन ट्रेन के बारे में जिन्हें जानकारी है उन्हें तो टिकट मिल गई है। लेकिन ज्यादातर यात्रियों को विशेष ट्रेनों की जानकारी ही नहीं है। दरअसल, यह स्थिति हर बार प्रमुख त्योहारों पर बन जाती है। लेकिन प्रशासनिक अधिकारी कार्रवाई करने में कोताही बरतते हैं। जिसका फायदा ट्रेवल एजेंसी संचालकों को होता है। वहीं रेलवे की ओर से दावा किया जा रहा है कि अब तक करीब 22 जोड़ी ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। जबकि ट्रेन में यात्रियों को तत्काल का टिकट भी नहीं मिल पा रहा है।

ऐसे होता है खेल

यात्री तत्काल का टिकट पाने के लिए सुबह से टिकट काउंटर पर खड़ा हो जाता है। जब उसका नंबर आता है तो उसे पता चलता है कि तत्काल कोटे की टिकट की सभी सीटें फुल हो गई है। असल में, यह सीटें ऑनलाइन के माध्यम से ट्रेवेल एजेंसी संचालक बुक कर लेते हैं। जिसके बाद वह इन सीटों को अधिक दामों पर बेचते हैं। इसमें जहां स्लीपर क्लास के लिए सामान्य किराया साढ़े तीन सौ रुपये होता है और तत्काल का चार्ज लगने के बाद यह किराया पांच सौ रुपये हो जाता है, वहीं ट्रेवेल एजेंसी संचालक उसी टिकट को बारह सौ रुपये तक में बेच रहे हैं।

रेलवे ने चलाई हैं स्पेशल ट्रेनें, यात्रियों को जानकारी ही नहीं

रेलवे की ओर से होली के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं। लेकिन यात्रियों को इस के बारे में पता नहीं है। बताया जा रहा है कि चूंकि इन ट्रेनों का संचालन सीधा दिल्ली से ही होता है इसलिए भी लोगों को इनके बारे में पूरी जानकारी नहीं मिल पाती है। रेलवे की ओर से दावा किया जा रहा है कि अब तक करीब 22 जोड़ी ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। जबकि ट्रेन में यात्रियों को तत्काल का टिकट भी नहीं मिल पा रहा है।

गोरखधाम में पैर रखने की जगह नहीं, टिकट मिलना दूर की बात

हिसार से चलकर रोहतक के रास्ते दिल्ली होते हुए गोरखपुर जाने वाली गाड़ी संख्या 12556 गोरखधाम एक्सप्रेस में तो पैर रखने की भी जगह नहीं है। साथ ही, इस ट्रेन के लिए तत्काल का टिकट मिलना भी दूर की कौड़ी है। इस ट्रेन में टिकट के लिए रोहतक से लखनऊ और कानपुर की तक जाने वाले यात्री जब तत्काल में टिकट पाने के लिए काउंटर पर पहुंचते हैं तो हमेशा यही जवाब मिलता है कि कोटा भर गया है। सीट खाली नहीं है जबकि टिकट काउंटर से शायद ही प्रतिदिन एक भी तत्काल का टिकट काटा जाता हो। अवध असम एक्सप्रेस का भी यही हाल है।

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