रागनियों के जरिए बताया नेताजी के जीवन और किसान आंदोलन बारे

किसान मजदूर संघर्ष सहयोग मंच के तत्वावधान में शनिवार को हुडा सिटी पार्क में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 08:00 AM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 08:00 AM (IST)
रागनियों के जरिए बताया नेताजी के जीवन और किसान आंदोलन बारे
रागनियों के जरिए बताया नेताजी के जीवन और किसान आंदोलन बारे

जागरण संवाददाता, रोहतक :

किसान मजदूर संघर्ष सहयोग मंच के तत्वावधान में शनिवार को हुडा सिटी पार्क में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें रागनियों व कविताओं के माध्यम से नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन और किसान आंदोलन व कृषि कानूनों के बारे में अवगत कराया। नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित की। अध्यक्षता डा. रणवीर सिंह दहिया व धर्मपाल मलिक ने संयुक्त रूप से की जबकि मंच संचालन नरेश कुमार ने किया।

रागिनी गायक सत्ते फरमानिया, गुलाब खंडेलवाल, जोगिदर मलिक, राजेश दलाल, रामधारी खटकड़, राकेश कुमार व अमित ने देशभक्ति, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन एवं काले कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन पर अपनी प्रस्तुतियां दी। महिला गायक मनीषा ने पंजाबी गीतों के माध्यम से कार्यक्रम में समां बांधा। सांस्कृतिक कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जयवीर धनखड़ और किसान आंदोलन के अग्रणीय अक्षय नरवाल ने कहा कि मौजूदा इन काले कानूनों से देश की खेती ही मुनाफाखोर कंपनियों के हवाले हो जाएगी और मौजूदा आंदोलन देश की खेती,खाद्यसुरक्षा रोजगार के साथ-साथ देश के लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। उन्होंने आह्वान किया कि आगामी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर होने वाली ट्रैक्टर परेड में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी करें।

कार्यक्रम में मंच के संयोजक कैप्टन सतपाल नरवाल, महिला नेत्री एवं सह संयोजक जगमति सांगवान, सरसीज सिवाच, पूर्व पार्षद जगबीर राठी, प्रोफेसर इंदर सिंह, एडवोकेट अतर सिंह हुड्डा मजदूर नेता संजीव सिंह, विनोद, कमलेश, कमल सिंह राठी, राजेंद्र सिंह मोर और रामकिशन प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।

नेताजी अदम्य साहस की मिसाल थे : प्रो. रामसजन

जागरण संवाददाता, रोहतक :

मस्तनाथ विश्वविद्यालय में शनिवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिवस को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया। कुलपति प्रो. रामसजन पाण्डेय, कुलसचिव प्रो. सतीश चंद्र शर्मा, परीक्षा नियंत्रक ओपी सचदेवा, मीडिया प्रभारी प्रो. सुभाष चंद्र गुप्ता, आइक्यूएसी के डायरेक्टर देवेंद्र वशिष्ठ ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर याद किया।

कुलपति प्रो. रामसजन ने कहा कि नेताजी अदम्य साहस और बहादुरी की ऐसी मिसाल थे जो युगों- युगों तक युवाओं में देश के लिए आन, बान,और शान के लिए अपने प्राण न्योछावर करने का जज्बा पैदा करते रहेंगे। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के लिए जो बिगुल फूंका उसी से प्रेरित होकर लाखों भारतीय अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त होने के लिए संग्राम में कूद पड़े।

प्रो. उर्मिला शर्मा ने महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार व्यक्त करते कहा कि जब महिलाएं प्रगति के हर क्षेत्र में पिछड़ रही थीं तब नेताजी ने महिलाओं की सशक्त सेना रानी झांसी रेजीमेंट बनाने की अनूठी मिसाल पेश की।

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