कुछ बचपन की यादें, जो अब तक भी नहीं भुलाई जाती
जागरण संवाददाता, रोहतक : भाई बहन का पवित्र बंधन ऐसा बंधन है जो मरते दम तक साथ देता है। भ
जागरण संवाददाता, रोहतक : भाई बहन का पवित्र बंधन ऐसा बंधन है जो मरते दम तक साथ देता है। भाई-बहन का प्यार बचपन से लेकर बड़े होने तक कभी भी कम नहीं होता है। दोनों ही एक-दूसरे को दुखी नहीं देख सकते है। यह रिश्ता बहुत ही अनोखा होता है। इस रिश्ते में जितनी ज्यादा नोंक-झोंक, एक-दूसरे के साथ खींच तान, चिल्लाना होता है, उतना ही ज्यादा प्यार और दुलार भी होता है। शादी के बाद भी बहन को अपने ससुराल घर में होते हुए भी अपने भाई की ¨चता सताती रहती है। वह अपने बचपन की बातों, छोटी-छोटी लड़ाई झगड़ों को कभी भूल नहीं पाती। कुछ भाई बहनों ने ऐसे ही प्यारे से रिश्ते और लम्हें को दैनिक जागरण से चर्चा कर ताजा किया।
इस राखी पर चार साल के बाद रहे एक साथ
जसवीर कॉलोनी की निवासी अनुमेहा ने बताया कि इस बार मैं बहुत खुश हूं। क्योंकि रक्षाबंधन के दिन मैं और मेरा भाई तुषार एक साथ मिलकर रक्षाबंधन मनाया है। चार साल से में उसे ओमान में राखी कूरियर करती थी। जब भी रक्षाबंधन पर मैं राखी के दिन वीडियो कॉल करती थी तो ऐसा लगता था कि भाई मेरे पास कब आएगा। इस बार वह स्पेशल राखी बंधवाने के लिए आया है।
अपनी पॉकेट मनी से गिफ्ट किए चश्मे
छात्रा कविता ने बताया कि भाई यतिन मेरे से छोटा है। छोटा भाई होने के बावजूद भी उसे मेरी हर जरूरत की ख्याल रहता है। पिछले रक्षाबंधन पर उसने अपनी पॉकेट मनी में से थोड़े-थोड़े पैसे जोड़कर मुझे चश्मे गिफ्ट किए। जिससे मुझे पढ़ाई करने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। हम दोनो एक दूसरे से मिल बिना नहीं रह पाते हैं। इसलिए मैं उससे मिलने के लिए हर 15 दिन में घर चली जाती हूं।
बड़ी बहन ने दिया छोटी बहन को सुरक्षा का वचन
सेक्टर दो की निवास रीतू शर्मा ने बताया कि बहन मेरे से छोटी है और मैं हर साल ज्योति से राखी बंधवाती हूं। इस बार मैंने अपनी छोटी बहन को राखी के गिफ्ट में उसे लैपटॉप दिया है। इसके साथ ही उसे वचन दिया कि मैं हमेशा राह पर उसका साथ दूंगी।
छोटी नहीं बहन नहीं, बल्कि बड़ी बहन का देता हूं दर्जा
रोहतक निवासी नीरज मलिक ने बताया कि मेरी बहन छवि मेरे से 11 साल छोटी है पर मैं उसे अपने से बड़ी मानता हूं। उसका कहना कभी भी नहीं टलटा हूं। मुझे आज भी याद है मेरे दसवीं कक्षा के प्रेक्टिकल चले हुए थे और छवि ने जिद लगाई भाई को बुला दो, तो मुझे उसी वक्त अपने प्रेक्टिकल छोड़ने पड़े। मेरी हमेशा कोशिश रहती है कि मैं उसे हमेशा खुश रखूं। इस राखी पर मैंने अपनी बहन को तोहफे में से¨वग पॉलिशि कराई है।
चचेरे भाई ने दिया हमेशा साथ
तनिशा बताती है कि मेरा अपना भाई तो नहीं है पर हमेशा चचेरे भाई उज्जवल ने मेरा हर राह पर साथ दिया। हम दोनों एक दोस्त के तरह बनकर रहते हैं। जन्मदिन से लेकर राखी पर मुझे सरप्राइज देता है। हर फैसले में मेरा साथ देता है। कभी भी उसने मुझे भाई की कमी महसूस नहीं होने दी है। हर बार की तरह इस बार सबसे पहले मुझसे राखी बंधवाई है।