अलवर मेडिकल कालेज घूस कांड की जांच बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय तक पहुंची

अलवर मेडिकल कालेज में नर्सिग भर्ती को लेकर भाजपा सांसद बाबा बालकनाथ के निजी सचिव की संलिप्ता पाए जाने पर अब रोहतक स्थित बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय में हुई भर्तियों को लेकर सवाल उठने लगे है। मिशन एकता समिति ने इस बारे में बैठक कर बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय में भर्तियों व अन्य अनियमिताओं को लेकर सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 08:00 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 08:00 AM (IST)
अलवर मेडिकल कालेज घूस कांड की जांच बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय तक पहुंची
अलवर मेडिकल कालेज घूस कांड की जांच बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय तक पहुंची

जागरण संवाददाता, रोहतक : अलवर मेडिकल कालेज में नर्सिग भर्ती को लेकर भाजपा सांसद बाबा बालकनाथ के निजी सचिव की संलिप्ता पाए जाने पर अब रोहतक स्थित बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय में हुई भर्तियों को लेकर सवाल उठने लगे है। मिशन एकता समिति ने इस बारे में बैठक कर बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय में भर्तियों व अन्य अनियमिताओं को लेकर सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है। विश्वविद्यालय के कई कर्मचारियों का आरोप है कि वेतनमान को लेकर भी भारी अनियममिताएं है और विरोध करने पर उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है। कुछ ही दिन पहले काफी कर्मचारियों का इसी के चलते नौकरी से हटा दिया गया था। अब अलवर मेडिकल कालेज का मामला सामने आने पर कर्मचारी भी खुल कर बोलने लगे है। बताया जा रहा है कि परिवारवाद के चलते अपने चहेतों को संस्थान में नियुक्त किया जा रहा है और पुराने कर्मचारियों की अनदेखी की जा रही है। मिशन एकता समिति ने पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है। समिति अध्यक्ष कांता आलडिया का कहना है कि निजी सचिव के मार्फत ही सारा रुपया सांसद तक पहुंचता है। एसीबी द्वारा अलवर मेडिकल कालेज में संविदा पर नर्सिग कर्मी लगाने के भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने पर बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय में भी हडकंप मच गया है। दरअसल भाजपा सांसद महंत बालकनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति है और मठ के महंत भी हैं।कांता आलडिया का कहना है कि अलवर, बोहर व हनुमानगढ़ स्थित मठों की जांच ईडी से होनी चाहिए और पिछले तीन साल के दौरान मठ की कितनी जमीन बेची गई है। इसके अलावा जो भर्तियां की गई है, उसकी भी जांच कराई जाएगी। कांता आलडिया ने कहा कि अगर इस मामले में सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया तो समिति की प्रदेश स्तरीय बैठक बुलाकर आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।

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