ओवरब्रिज के निर्माण में दो माह वन वे रहेगा दिल्ली बाईपास, लोक निर्माण विभाग ने मांगा दुकानदारों से सहयोग
शीला बाईपास चौक के निकट निर्माणाधीन ओवरब्रिज के निर्माण के लिए कुछ दिन परेशानी हो सकती है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने राहगीरों और स्थानीय दुकानदारों से सहयोग मांगा है।
जागरण संवाददाता, रोहतक : शीला बाईपास चौक के निकट निर्माणाधीन ओवरब्रिज के निर्माण के लिए कुछ दिन परेशानी हो सकती है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने राहगीरों और स्थानीय दुकानदारों से सहयोग मांगा है। यह भी कहा है कि आवागमन को लेकर कोई परेशानी नहीं होगी। फिर भी यहां जाम से बचने के लिए यही कोशिश करें कि वैकल्पिक रास्ते तलाश लें। जिससे जाम न हो। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पायलिग का कार्य तेजी से कराया जा रहा है। फिर भी दो-ढाई माह का वक्त लग सकता है। इसलिए सहयोग जरूरी है।
लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पायलिग के कार्य के लिए यूं तो सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। बेरिकेडिग भी की गई है। फिर भी दुकानदारों, यहां आने वाले ग्राहकों व राहगीरों से सहयोग की अपील की गई है। करीब 48 करोड़ की लागत से निर्मित होने वाले फ्लाईओवर के निर्माण का कार्य 24 माह में पूरा होना है। मई माह में निर्माण कार्य शुरू हुआ था। सोनीपत रोड स्थित जेएलएन नहर और भालौठ पर स्टील के ब्रिज पर भी निर्माण हो रहा है। अधिकारियों का कहना है कि आवागमन के लिए फ्लाईओवर पर सात-सात मीटर चौड़ी बनेगी। 23 खंबों का भी निर्माण होगा। 700 मीटर लंबाई वाला यह फ्लाईओवर नए बस अड्डा रोड पर रेलवे क्रॉसिग के निकट से शुरू होने वाला फ्लाईओवर सागर विला होटल से पहले उतरेगा। वहीं, नहरों के ऊपर निर्माणाधीन स्टील के ब्रिज पर करीब 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
भारी वाहनों के लिए यह हैं वैकल्पिक रास्ते
फिलहाल शीला बाईपास चौक से नए बस अड्डे की तरफ 400 मीटर दूरी तक वन वे किया जा चुका है। भारी वाहन रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस की मदद ली गई है। यदि एमडीयू की तरफ से शीला बाई्रपास चौक पर आने के बजाय दिल्ली बाईपास से जाट भवन के सामने से निकलना होगा। जाट भवन के सामने मुख्य मार्ग से सेक्टर-3 होते हुए लाढ़ौत रोड या फिर वीटा मिल्क प्लांट की तरफ से शहर में एंट्री कर सकते हैं। हिसार, जींद, सिरसा जाने के लिए जींद चौक पर निकल सकते हैं। शीला बाईपास चौक से भारी वाहन जैसे ट्रक, बस आदि वाहन नहीं गुजर सकते।
वर्जन
हमारा प्रयास यही है कि तेजी से कार्य कराया जाए। जब तक पायलिग का कार्य पूरा नहीं होगा तब तक थोड़ी परेशानी रहेगी।
उदयवीर सिंह झांझरिया, एक्सईएन, लोक निर्माण विभाग