फसलों के साथ फलों की खेती करने से आय हो सकती है दोगुनी

किसान खेत में होने वाली मुख्य फसलें गेहूं सरसों कपास व जीरी आदि पर निर्भर रहते हैं। हर वर्ष इन्हीं फसलों को बदल कर बिजाई करते रहते हैं। जिससे आय लगभग हर वर्ष एक जैसी ही रहती है। जबकि कुछ किसान जो इन फसलों के अलावा फलों व फूलों की खेती साथ-साथ करते हैं तो उनकी आय दो से तीन गुना ज्यादा हुई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Dec 2020 09:29 AM (IST) Updated:Tue, 22 Dec 2020 09:29 AM (IST)
फसलों के साथ फलों की खेती करने से आय हो सकती है दोगुनी
फसलों के साथ फलों की खेती करने से आय हो सकती है दोगुनी

अनीता सिंहमार, महम

किसान खेत में होने वाली मुख्य फसलें गेहूं, सरसों, कपास व जीरी आदि पर निर्भर रहते हैं। हर वर्ष इन्हीं फसलों को बदल कर बिजाई करते रहते हैं। जिससे आय लगभग हर वर्ष एक जैसी ही रहती है। जबकि कुछ किसान जो इन फसलों के अलावा फलों व फूलों की खेती साथ-साथ करते हैं तो उनकी आय दो से तीन गुना ज्यादा हुई है।

कस्बे के गोयत पाना के किसान सुमित गोयत ने बताया कि उन्होंने तीन वर्ष पहले अपने खेत में गेहूं, सरसों व कपास की खेती के साथ-साथ साढ़े तीन एकड़ में आडू, केला, सेब, बेर, आलू बुखारा, अनार, आंवला, पपीता, अमरूद, नींबू, मौसमी और संतरे आदि के पौधे लगाए थे। इन पौधों को लगाने में लगभग 70 से 80 हजार रुपए खर्च हुए हैं। इसके अलावा इन्हें अलग से पानी व खाद आदि की जरूरत नहीं पड़ती है। इनमें पानी फसलों में देते समय स्वयं ही आ जाता है।

उन्होंने बताया कि उनके खेत में उपरोक्त फलों के लगभग 530 पौधे लगे हुए हैं। इन पौधों को फसलों के बीच में ही लगाया गया है। इसके लिए अलग से मेहनत करने की आवश्यकता नहीं है। यदि किसान इस प्रकार की खेती फसलों के साथ-साथ करें तो आय में इजाफा होगा। उन्होंने बताया कि पहले उन्होंने 10-10 पौधे फसलों के बीच लगाए थे। उनका परिणाम सही मिलने पर उन्होंने प्रत्येक पौधों की संख्या 40 से 50 कर दी। आने वाले दो साल में सभी पौधे फल देना शुरू कर देंगे, जिससे अत्याधिक फायदा होने की उम्मीद है। आसपास के अन्य किसानों को कर रहे हैं जागरूक

सुमित गोयत किसान के साथ-साथ बिजनेसमैन भी हैं। लेकिन समय-समय पर वह अपने खेतों में नई-नई तकनीक लाकर आय को बढ़ाने के मौके तलाशते रहते हैं। उन्होंने बताया कि उनके आसपास रह रहे युवा किसान मोनू, विकास राजू, राजेश, जगदीश, सतवीर, प्रवीण, प्रदीप, सोनू व भोलू को आम खेती के साथ-साथ फलों के पौधों से होने वाली आय के लिए जागरूक किया है। उन्होंने अभी अमरूद, जामुन और सेब और बेरी के पौधे लगाए हैं।

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