सैनिक कालोनी को औद्योगिक क्षेत्र घोषित करने पर भड़के पार्षद, आंदोलन के लिए गठित की संघर्ष समिति

शहर की तमाम कालोनियों में चल रहे सर्वे को लेकर वार्ड-1 के भाजपा पार्षद ने कड़ी नाराजगी जताई है। पार्षद कृष्ण सेहरावत ने आपत्ति जताते हुए दावा किया है कि वार्ड की सैनिक कालोनी को साजिश के तहत औद्योगिक क्षेत्र में शामिल कराया जा रहा है। कुछ उद्यमियों के इशारे पर रिहायशी कालोनी को औद्योगिक श्रेणी में शामिल करने की साजिश रची जा रही है। कड़ी आपत्ति जताते हुए दावा किया है कि आरटीआर से भी हमने सूचना मांगी थी। इसमें स्पष्ट हो गया है कि संबंधित कालोनी रिहायशी है। प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि किसी भी तरह की साजिश रची गई तो आंदोलन किया जाएगा। संघर्ष समिति भी गठित कर दी है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 03 Jan 2021 07:51 AM (IST) Updated:Sun, 03 Jan 2021 07:51 AM (IST)
सैनिक कालोनी को औद्योगिक क्षेत्र घोषित करने पर भड़के पार्षद, आंदोलन के लिए गठित की संघर्ष समिति
सैनिक कालोनी को औद्योगिक क्षेत्र घोषित करने पर भड़के पार्षद, आंदोलन के लिए गठित की संघर्ष समिति

जागरण संवाददाता, रोहतक

शहर की तमाम कालोनियों में चल रहे सर्वे को लेकर वार्ड-1 के भाजपा पार्षद ने कड़ी नाराजगी जताई है। पार्षद कृष्ण सेहरावत ने आपत्ति जताते हुए दावा किया है कि वार्ड की सैनिक कालोनी को साजिश के तहत औद्योगिक क्षेत्र में शामिल कराया जा रहा है। कुछ उद्यमियों के इशारे पर रिहायशी कालोनी को औद्योगिक श्रेणी में शामिल करने की साजिश रची जा रही है। कड़ी आपत्ति जताते हुए दावा किया है कि आरटीआर से भी हमने सूचना मांगी थी। इसमें स्पष्ट हो गया है कि संबंधित कालोनी रिहायशी है। प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि किसी भी तरह की साजिश रची गई तो आंदोलन किया जाएगा। संघर्ष समिति भी गठित कर दी है।

पार्षद सेहरावत ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि सैनिक कालोनी रिहायशी कालोनी है, लेकिन कुछ उद्यमी अपने स्वार्थ के चलते औद्योगिक क्षेत्र में शामिल कराने की कोशिश में हैं। इन्होंने कहा कि रिहायशी कालोनी के लोगों के अधिकारों पर कुछ लोग पैसे के बलबूते पर सुविधाओं का हनन करने की साजिश रची जा रही है। नियमों और कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। कालोनी के लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां भारी वाहनों की एंट्री हो रही है। इससे हादसों का खतरा बढ़ गया है। वहीं, पूरे प्रकरण में सैनिक कालोनी सुधार समिति ने जिला उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार को इस संबंध में पत्र भेजा है। शिकायत का समाधान होने पर आंदोलन का फैसला लिया गया है। सोमवार को इस प्रकरण में अधिकारियों से मिलेंगे। फिर भी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो बैठक करके आगामी रणनीति तय करेंगे।

आरटीआइ से यह मांगी गई हैं सूचनाएं

वार्ड-1 के पार्षद कृष्ण सेहरावत ने कड़ी नाराजगी जताई है कि जन सूचना अधिकार अधिनियम-2005 के तहत चार बिदुओं की जानकारी मांगी गई थी। सूचनाओं का जवाब मिल गया है। पार्षद ने दावा किया है कि सैनिक कालोनी किस वर्ष में और किस श्रेणी में है। इसका जवाब यह मिला है कि सैनिक कालोनी सरकार की तरफ से साल 2004 में स्वीकृत की गई और यह रिहायशी कालोनी है। इसके साथ ही आरटीआइ में स्पष्ट किया गया है कि संबंधित कालोनी रिहायशी ही है, वाणिज्यिक इसे घोषित नहीं किया गया। इसलिए नगर निगम के पास ऐसा कोई भी नक्शा नहीं है, जिसमें रिहायशी व वाणिज्यिक डिमार्केशन की गई हो। वहीं, यदि कोई इस तरह की बात करेगा तो नगर निगम के क्षेत्रीय कराधान कार्यालय की तरफ से कार्रवाई की जा सकती है। इस प्रकरण को लेकर पार्षद सेहरावत ने कड़ी नाराजगी जताई है।

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