चौकी इंचार्ज को झूठा फंसाकर रुपये ऐंठने वाले रिटायर एसपी और एएसआइ के खिलाफ केस दर्ज

विनीत तोमर, रोहतक : वर्ष 2017 में सलारा मुहल्ला चौकी इंचार्ज को रिश्वत के झूठे केस में फंस

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 Sep 2018 12:51 AM (IST) Updated:Sun, 23 Sep 2018 12:51 AM (IST)
चौकी इंचार्ज को झूठा फंसाकर रुपये ऐंठने वाले रिटायर एसपी और एएसआइ के खिलाफ केस दर्ज
चौकी इंचार्ज को झूठा फंसाकर रुपये ऐंठने वाले रिटायर एसपी और एएसआइ के खिलाफ केस दर्ज

विनीत तोमर, रोहतक : वर्ष 2017 में सलारा मुहल्ला चौकी इंचार्ज को रिश्वत के झूठे केस में फंसाने के मामले में सिटी थाना पुलिस ने रिटायर एसपी जगदीश चंद्र और एएसआइ राजेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोप है कि दोनों ने मिलकर एक युवक से चौकी इंचार्ज को रिश्वत दिलाई और उसकी ऑडियो रिकार्डिंग कर चौकी इंचार्ज से पांच लाख रुपये भी वसूल लिए। रुपये मिलने के बाद दोनों ने मिलकर बाद में युवक पर दबाव डालकर चौकी इंचार्ज के पक्ष में बयान भी दिलवा दिया। अब दोनों आरोपित एक अन्य चौकी इंचार्ज को फंसाने के लिए युवक पर दबाव डाल रहे थे, तब जाकर उसने सिटी थाने में मामला दर्ज कराया है। गौरतलब है कि इस प्रकरण से पहले जगदीश चंद्र पुलिस ट्रेनिंग सेंटर सुनारिया में एसपी के पद पर तैनात थे।

सिटी थाने में दी गई शिकायत में गढ़ी मुहल्ला के रहने वाले रवि ने बताया कि वह फलों की रेहड़ी लगाने का काम करता है। कुछ समय पहले वह अवैध रूप से शराब बेचने का काम करता था। करीब दो साल पहले वह सभी मामले छोड़ चुका था और कोर्ट में भी बरी हो चुका था। रवि का आरोप है कि वर्ष 2017 में एएसआइ राजेंद्र उसके पास आए, जो एसपी ऑफिस की सिक्योरिटी में इंचार्ज के पद पर भी रह चुके थे। इस वजह से वह जानता था। एएसआइ ने उस पर दबाव बनाया कि सलारा मुहल्ला चौकी इंचार्ज सतपाल को फंसाना है, जिससे उसके ऊपर नाजायज दबाव बनाकर रुपये वसूले जा सकें। युवक के मना करने पर एएसआइ ने धमकी दी कि तुम्हे स्मैक के झूठे मुकदमे में फंसा दिया जाएगा। कुछ दिन बाद एएसआइ दोबारा से रवि के पास पहुंचा। आरोप है कि उस समय एएसआइ के साथ रिटायर एसपी जगदीश चंद्र भी थे। एएसआइ ने दबाव बनाया कि पुलिस के पास बहुत पावर है, तुम्हें फंसा दिया जाएगा और जगदीश चंद्र एसपी भी रह चुके हैं। खुद फंसने के डर से राजी हुआ युवक

एएसआइ की धमकी के बाद रवि ने खुद फंसने के डर से उनकी हां में हां मिला दी। इसके बाद एएसआइ ने रवि को पांच हजार रुपये दिए और कहा कि सलारा मुहल्ला चौकी इंचार्ज को देकर उनकी रिकार्डिंग करनी है। रवि उसके बाद चौकी में पहुंचा और इंचार्ज सतपाल को रुपये देने चाहे, लेकिन उन्होंने रुपये लेने से मना कर दिया। इसके बावजूद उसने जबरदस्ती चौकी इंचार्ज के सामने रुपये डालकर उनकी रिकार्डिंग कर ली। इसके बाद दोनो अधिकारियों ने रवि से शिकायत कराकर मामले की विभागीय जांच शुरू करा दी। आरोपितों ने गुरुग्राम में विजिलेंस के अधिकारी के सामने भी रवि से गलत बयान दिलवा दिए। पुलिस को दी गई शिकायत में रवि ने बताया कि कई माह तक इसी तरह चलता रहा। इसके बाद चौकी इंचार्ज को दबाव में डालकर पांच लाख रुपये वसूल लिए गए। फिर चौकी इंचार्ज के पक्ष में रवि से बयान दिलवा दिए। अब इंद्रा कॉलोनी चौकी इंचार्ज को चाहते थे फंसाना

पुलिस को दी गई शिकायत में रवि ने बताया कि सलारा मुहल्ला चौकी इंचार्ज से वसूली के बाद रिटायर एसपी और एएसआइ ने इंद्रा कॉलोनी चौकी इंचार्ज हरपाल को फंसाने की योजना बनाई थी। इसके लिए फिर से रवि से संपर्क किया गया। रवि का कहना है कि उस पर अब फिर से दबाव डाला जा रहा है। जिस कारण उसे थाने में शिकायत देनी पड़ रही है। रवि की शिकायत के बाद सिटी थाना पुलिस ने मामला भी दर्ज कर लिया है। मामला दबाते रहे पुलिस अधिकारी

हैरानी की बात यह है कि विभागीय मामला होने के नाते पुलिस अधिकारी भी मामले को दबाने पर लगे हुए थे। दोनों के खिलाफ 626 नंबर एफआइआर हुई है। वहीं डीएसपी रोहताश और सिटी थाना प्रभारी जगबीर ¨सह ने भी इस मामले की जानकारी से साफ इंकार कर दिया। अब यह समझ से परे हैं कि मामला दर्ज होने के बाद भी अधिकारी जानकारी से इन्कार क्यों कर रहे हैं। गौरतलब है कि इन दोनों के खिलाफ पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप में केस दर्ज हो चुके हैं।

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