बीरेंद्र सिंह का एलान : किसान आंदोलन के समर्थन में निकालेंगे यात्राएं, रखेंगे उपवास

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह किसान आंदोलन में कूद गए हैं। उन्होंने दिल्ली के साथ लगते जिलों में अनशन करने और जागरूकता यात्रा निकालने का एलान किया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Dec 2020 08:52 AM (IST) Updated:Sat, 19 Dec 2020 08:52 AM (IST)
बीरेंद्र सिंह का एलान : किसान आंदोलन के समर्थन में निकालेंगे यात्राएं, रखेंगे उपवास
बीरेंद्र सिंह का एलान : किसान आंदोलन के समर्थन में निकालेंगे यात्राएं, रखेंगे उपवास

जागरण संवाददाता, रोहतक : पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह किसान आंदोलन में कूद गए हैं। उन्होंने किसानों के समर्थन में दिल्ली के साथ लगते जिलों में अनशन करने और जागरूकता यात्रा निकालने का एलान किया है। साथ ही, कहा कि किसान संगठनों ने अगर उनको धरनास्थल पर बुलाया तो वे अपने समर्थकों के साथ जाएंगे। वे शुक्रवार को रोहतक स्थित नीली कोठी में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

बीरेंद्र सिंह ने कहा कि किसानों की मांगों को लेकर सरकार को सार्थक संवाद करने की जरूरत है। संवाद से ही समाधान निकल सकता है। लेकिन इसके लिए किसानों और सरकार के बीच विश्वास पैदा हो। उन्होंने कहा कि किसानों को तीन कृषि कानूनों से यहीं आशंका है कि उनपर आर्थिक संकट आ जाएगा, फसलों को बेचने के लिए मंडी खत्म हो जाएगी और उनकी फसलों को उचित दाम नहीं मिलेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों के समर्थन में छोटूराम विचार मंच के सदस्यों ने जागरूकता यात्रा और उपवास रखने की योजना बनाई है, जो दिल्ली के साथ लगते जिलों में करेंगे।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि किसान यूनियनों की सहमति से अगर उन्हें बार्डर पर धरनों पर बुलाया गया तो वे हजारों साथियों के लाव लश्कर के साथ जाएंगे। लेकिन उन्हें मंच से बोलने का मौका मिलना चाहिए।

कांग्रेस पर साधा निशाना

किसान आंदोलन को कांग्रेस पार्टी द्वार हाईजैक करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है। किसानों का आंदोलन हाईजैक हो ही नहीं सकता। हरियाणा के संदर्भ में उन्होंने कहा कि कांग्रेस मठाधीशों की पार्टी है। पांच-छह लोगों का कांग्रेस पर कब्जा है। साथ ही, उन्होंने यूपीए सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में कृषि कानूनों के प्रस्ताव पर पूछे गए सवाल पर कहा कि, इस तरह का कोई कानून बनाने की बात तो सामने आई थी, लेकिन उसमें अकेले भूपेंद्र सिंह हुड्डा नहीं कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी कमेटी में शामिल थे। किसान आंदोलन में जजपा के समर्थन वापस के सवाल पर कहा कि एक तरफ किसानों का दबाव, दूसरी तरफ सत्ता है, फैसला जजपा को लेना है।

किसानों की समस्या का समाधान जरूरी, एसवाईएल पर चर्चा बाद में हो सकती है

पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने भाजपा द्वारा एसवाईएल नहर के पानी की मांग को लेकर शनिवार को उपवास रखने के सवाल पर कहा कि फिलहाल किसानों की मांगों का समाधान करना जरूरी है। एसवाईएल का मुद्दा तो 50 साल से चल रहा है। इस मुद्दे पर तो बाद में भी चर्चा की जा सकती है।

सांसद बेटे के बारे में नहीं दी प्रतिक्रिया

बीरेंद्र सिंह ने सांसद बेटे बृजेंद्र सिंह के किसान आंदोलन पर लिए गए स्टैंड के बारे में पूछे गए सवाल पर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी। इस बारे में बृजेंद्र सिंह खुद जवाब दे सकते हैं। किसान आंदोलन में उन्होंने अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया है और वे उनके समर्थन में हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में वे चुनाव नहीं लड़ेंगे और किसानों की राजनीति करेंगे। किसानों के लिए कोई भी संघर्ष करना पड़ा तो करेंगे।

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