इल्ली व मकड़ियां खाते हैं परीनिया के चूजे

प¨रदो की दुनिया: सामान्य परीनिया (प्लेन परीनिया) परिवार: सिस्टीकोलीडी जाति: परीनिया प्रजा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Jun 2018 05:58 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jun 2018 05:58 PM (IST)
इल्ली व मकड़ियां खाते हैं परीनिया के चूजे
इल्ली व मकड़ियां खाते हैं परीनिया के चूजे

प¨रदो की दुनिया: सामान्य परीनिया (प्लेन परीनिया)

परिवार: सिस्टीकोलीडी

जाति: परीनिया

प्रजाति: इनोरनाटा

लेख संकलन: सुंदर सांभरिया, ईडेन गार्डन रेवाड़ी। ----------

परीनिया की यह प्रजाति स्थानीय है और भारत व दक्षिण-पूर्व एशिया में काफी संख्या में पाई जाती है। इसका आकार छोटा होता है। इसे लांग टैल्ड वार्बलर भी कहते हैं। इस पक्षी के शरीर के ऊपरी हिस्से का रंग धुंधला मटियाला-भूरा तथा नीचे का रंग धुंधला सफेद होता है। इसकी पूंछ लंबी, चोंच छोटी व काले रंग की होती है। इसके पंजे मजबूत होते हैं। इसकी आंख के चारों ओर एक घेरा तथा उसके ऊपर एक लाइन होती है। इसकी आंख की पुतली पीली-भूरी होती है। ये पक्षी मुख्यत दलदली घास के मैदानों, खुले जंगलों, झाड़ीनुमा जंगलों, झुंडों, सरकंडों, पटेरा (रीडस), कृषि क्षेत्र व बगीचों में दिखाई देते हैं। इन जगहों पर इन छोटे प¨रदों को एक पेड़ व पौधे से दूसरे पर उछल-कूद करते देखा जा सकता है। इसी कारण स्थानीय भाषा में इसे सादा दुमे फुदकी के नाम से भी जाना जाता है। बदल जाता है रंग

इन पक्षियों का मुख्य भोजन कीट, चींटे, भृंग, मकड़ियां व फूलों का रस होता है। इसके प्रजनन का समय मार्च से सितंबर तक होता है। इस दौरान इसके शरीर के रंग में बदलाव आता है। प्रजनन के समय व्यस्क पक्षियों के शरीर के पंखों का रंग बदल जाता है। इस दौरान ये स्लेटी भूरे रंग के दिखते हैं। सर्दियों में इसका ऊपरी रंग, पंख व पूंछ बादामी रंग की झलक देता है। इस दौरान इसकी पूंछ की लंबाई भी लगभग एक इंच तक बढ़ जाती है। नर व मादा मिल कर घोंसला बनाते हैं। इनका घोंसला आमतौर पर बड़ी घास व सरकंडों के बीच लटका होता है। घोंसला एक लंबे कपनुमा आकार का होता है, जो मुख्यत घास से बना होता है। इसके ऊपरी हिस्से में प्रवेश द्वार होता है। मादा पक्षी तीन से पांच अंडे देती है। चूजे निकलने पर नर व मादा मिल कर पालते हैं। छोटे चूजों को इल्ली व मकड़ियां खिलाई जाती है, जिससे भरपूर प्रोटिन चूजों को मिल जाता है। इन पक्षियों के पंजे काफी मजबूत होते है। ये एक छोटी उड़ान भर कर झाड़ियों, बड़ी घास, सरकंडों व पटेरा पर अपने पंजों के जरिए ऊपर से नीचे व दाएं से बाएं चलते रहते हैं। जिस झाड़ी या पेड़ पर रहते हैं, उसके एक तने से दूसरे तने पर मजबूत पंजों से चलते रहते हैं।

chat bot
आपका साथी