दिखावे से दूर रखता है रोजा

जिंदगी का हर लम्हा अल्लाह की इबादत के लिए होता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 May 2018 08:54 PM (IST) Updated:Tue, 22 May 2018 08:54 PM (IST)
दिखावे से दूर रखता है रोजा
दिखावे से दूर रखता है रोजा

जिंदगी का हर लम्हा अल्लाह की इबादत के लिए होता है। अर्थात हमें अपने मन को साफ रखना चाहिए तथा किसी के लिए मन में दुर्भावना नहीं होनी चाहिए। अमन व शांति का पैगाम देना तथा किसी से बैर नहीं रखना, किसी के प्रति गलत ख्याल नहीं लाना चाहिए। रमजान के महीने में रो•ाना रोजे रखने वाला शख्स दिखावा नहीं कर सकता। दिखावा करके कोई व्यक्ति एक-दो दिन भूखे तो रह सकता है लेकिन कई दिनों तक नहीं। लगातार कई दिनों तक भूखे रहने से यह मालूम होता है कि सच्चे मन से अल्लाह की इबादत की जा रही है। यही वजह है कि रमजान के महीने का खास महत्व है। रोजा का मतलब है कि अपने अंदर आ गई या आ रही बुराइयों को खत्म करना। रमजान के दौरान हर पल रोजा रखने वाला व्यक्ति अपने अंदर झांकने की कोशिश करता है। कहीं उससे गलती तो नहीं हुई या किसी की भावना को ठेस तो नहीं पहुंची। अपनी सोच को बेहतर बनाने का महीना रमजान का महीना होता है। समाज, राष्ट्र व परिवार के प्रति अपनी •िाम्मेदारी का अहसास कराने का महीना रमजान है। जब तक हर व्यक्ति की सोच सकारात्मक नहीं होगी तब तक विकास मुमकिन नहीं है। आज •ारूरत है कि हर व्यक्ति समाज व राष्ट्र के बारे में सोचते हुए उस लर अमल करे। वैसे तो हर दिन लोगों को सबके साथ बराबरी का सुलूक करने की बात कही जाती है परन्तु रमजान के महीने में सकारात्मक सोच पर ज्यादा जोर दिया जाता है। -अब्दुल ह़कीम, पार्षद कहरानी (भिवाड़ी)।

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