25 दिन से मशीन बंद, डायलिसिस के लिए लगा रहे चक्कर

गुर्दे की बीमारी से परेशान लोगों पर कोरोना काल में कहर टूट रहा है। लोगों की परेशानी का कारण है नागरिक अस्पताल में लगी डायलिसिस मशीनों में आई खराबी। बीते 25 दिनों से अस्पताल में लगी मशीनों में खराबी आ गई है जिसके चलते अब मरीजों को निजी अस्पताल में डायलिसिस कराना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 05:06 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 05:14 AM (IST)
25 दिन से मशीन बंद, डायलिसिस के लिए लगा रहे चक्कर
25 दिन से मशीन बंद, डायलिसिस के लिए लगा रहे चक्कर

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: गुर्दे की बीमारी से परेशान लोगों पर कोरोना काल में कहर टूट रहा है। लोगों की परेशानी का कारण है नागरिक अस्पताल में लगी डायलिसिस मशीनों में आई खराबी। बीते 25 दिनों से अस्पताल में लगी मशीनों में खराबी आ गई है, जिसके चलते अब मरीजों को निजी अस्पताल में डायलिसिस कराना पड़ रहा है। बड़ी परेशानी यह है कि जरूरतमंदों व गरीबों का जहां नागरिक अस्पताल में मुफ्त डायलिसिस हो रहा था वहीं अब निजी अस्पताल में एक बार में 1500 रुपये देने पड़ रहे हैं।

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पीपीपी मोड पर लगाई गईं थी मशीनें

नागरिक अस्पताल में डेढ़ वर्ष पूर्व पब्लिक-प्राइवेट पार्टनशिप के आधार पर डायलिसिस सेंटर खोला गया था। इसके लिए निजी कंपनी से अनुबंध किया गया है जिसने अस्पताल में 10 मशीनें लगाई हुई हैं। हर रोज 50-60 से अधिक मरीज यहां डायलिसिस कराने के लिए पहुंचते हैं। नागरिक अस्पताल में डायलिसिस सुविधा शुरू होने का लाभ जरूरतमंदों को मिल रहा था क्योंकि बीपीएल कार्ड धारक व आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की डायलिसिस पूरी तरह से मुफ्त होती है। वहीं सामान्य व्यक्ति भी अगर डायलिसिस कराता है तो उससे 1 हजार रुपये लिए जाते हैं। निजी अस्पताल में डायलिसिस कराते हैं तो एक बार के 1500 रुपये ले लिए जाते हैं।

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25 दिन से नहीं ले रहे सुध

डायलिसिस की सभी मशीनें बीते 25 दिनों से खराब है। बताया जा रहा है कि अचानक से तेज बिजली आने से सभी मशीनों में एक साथ खराबी आ गई है। मशीनों को ठीक कराने की जिम्मेदारी निजी कंपनी की है, लेकिन तमाम शिकायतें देने के बावजूद कंपनी का इंजीनियर आजतक मशीनों का मर्ज जानने के लिए नहीं पहुंचा है।

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गुर्दे के मरीजों का दर्द:

मेरी दोनों किडनी फेल है। सप्ताह में तीन बार मुझे डायलिसिस करानी पड़ रही है। एक बार में 2 हजार रुपये लिए जा रहे हैं। यानि महीने में 24 हजार रुपये डायलिसिस कराने के दे दिए हैं। कई बार शिकायत दे चुके लेकिन नागरिक अस्पताल में मशीनों को ठीक नहीं कराया जा रहा है।

-राजेश कुमार जैन, गांधी नगर

मुझे सप्ताह में तीन बार डायलिसिस करानी पड़ रही है। 74 साल की उम्र हो गई है। नागरिक अस्पताल में डायलिसिस मुफ्त हो जाती थी लेकिन 25 दिनों से मशीन खराब है। हर बार कभी 1500 तो कभी 2 हजार रुपये डायलिसिस के देने पड़ रहे हैं।

-रामअवतार

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मुझे सप्ताह में तीन बार निजी अस्पताल में डायलिसिस करानी पड़ रही है। इतना खर्च सहन करने की स्थिति में नहीं हूं। नागरिक अस्पताल की मशीन पिछले 25 दिनों से ठीक नहीं हो रही है। शिकायत करके भी थक चुका हूं।

-अमित जैन, गांधी नगर

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इनसेट:

इसलिए आवश्यक है डायलिसिस::

डायलिसिस रक्त शोधन की एक कृत्रिम विधि होती है। इस प्रक्रिया को तब अपनाया जाता है जब किसी व्यक्ति के गुर्दे ठीक से काम नहीं कर रहे हों। गुर्दे की समस्या के कारण शरीर में पानी इक्ट्ठा होने लगे तो डायलिसिस कराना आवश्यक हो जाता है।

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मशीनें खराब होने की जानकारी कंपनी अधिकारियों को दे दी गई है। कंपनी से इंजीनियर आना है। इंजीनियर के आने के बाद ही मशीनें ठीक हो पाएगी।

-चंदन भंडारी, कर्मचारी निजी कंपनी

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मुझसे आकर गुर्दे के रोग से पीड़ित लोग मिले हैं। निश्चित तौर पर यह समस्या गंभीर है। हमने कोरोना काल में भी लोगों का डायलिसिस किया है। अब सभी मशीनें खराब हो गई हैं। निजी कंपनियों के अधिकारियों से बातचीत की है। जो भी समाधान होगा शीघ्रता से निकाला जाएगा।

-डॉ. सर्वजीत थापर, चिकित्सा अधीक्षक, नागरिक अस्पताल

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