Rewari: विज्ञापन देख ट्रैक्टर खरीदना पड़ा महंगा, 2.10 लाख रुपये ठगे; ठगों ने खुद को बताया CISF जवान

विज्ञापन देख कर ट्रैक्टर खरीदने के लिए संपर्क करना गांव नंदरामपुर बास के रहने वाले एक व्यक्ति को महंगा पड़ गया। साइबर ठगों ने अपने झांसे में लेकर दो लाख दस हजार रुपये ठग लिए। पीड़ित ने शिकायत देकर प्राथमिकी दर्ज कराई है।

By krishan kumarEdited By: Publish:Thu, 23 Mar 2023 07:56 PM (IST) Updated:Thu, 23 Mar 2023 07:56 PM (IST)
Rewari: विज्ञापन देख ट्रैक्टर खरीदना पड़ा महंगा, 2.10 लाख रुपये ठगे; ठगों ने खुद को बताया CISF जवान
विज्ञापन देख ट्रैक्टर खरीदना पड़ा महंगा, 2.10 लाख रुपये ठगे;

रेवाड़ी, जागरण संवाददाता। फेसबुक पर विज्ञापन देख कर ट्रैक्टर खरीदने के लिए संपर्क करना गांव नंदरामपुर बास के रहने वाले एक व्यक्ति को महंगा पड़ गया। साइबर ठगों ने अपने झांसे में लेकर दो लाख दस हजार रुपये ठग लिए। दो लाख से अधिक की राशि देने के बाद भी पीड़ित को न तो ट्रैक्टर मिला और न ही रुपये वापस आए। पीड़ित ने बृहस्पतिवार को साइबर थाना में शिकायत देकर प्राथमिकी दर्ज कराई है।

ट्रैक्टर भेजने का दिया झांसा

पुलिस के दी शिकायत में गांव नंदरामपुर बास के रहने वाले सुरेंद्र कुमार ने कहा है कि 19 मार्च को उन्होंने फेसबुक पर पुराने ट्रैक्टर खरीदने व बेचने का विज्ञापन देख कर उसमें दिए मोबाइल नंबर पर काल की थी। दूसरी बात करने वाले व्यक्ति ने अपना नाम मलकीत सिंह बताया। मलकित ने बताया कि वह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में कार्यरत है।

मलकीत ने अपने आई कार्ड व आधार कार्ड की फोटो भी उनके पास भेजी। मलकीत ने सुरेंद्र सिंह को ट्रैक्टर मिलने के बाद पेमेंट देने के लिए कहा, जिस कारण उस पर विश्वास हो गया। मलकीत ने बताया कि ट्रैक्टर भेजने के लिए दस हजार 550 रुपये ट्रांसपोर्ट चार्ज देने के लिए कहा और क्यूआर कोड भेज कर रुपये जमा करा लिए।

20 मार्च को ट्रैक्टर भेजने की कही बात

आरोपित ने एक रसीद भी भेजी, जिस पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट आर्मी कैंप इंदोर का पता लिखा हुआ था। रुपये भेजने के बाद मलकीत ने बताया कि उन्होंने ट्रांसपोर्ट से ट्रैक्टर भेज दिया है और 20 मार्च को उन्हें मिल जाएगा।20 मार्च को उनके पास एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को ट्रांसपोर्ट वाला बताया और बिल्टी के नाम पर 31 हजार रुपये जमा करा लिए।

एक घंटे बाद फिर से काल आई और आउट आफ स्टेट से ट्रांसपोर्ट फीस के नाम पर 45 हजार रुपये जमा कराने के लिए कहा। सुरेंद्र ने बात की तो मलकीत ने कहा कि वह राशि जमा करा दें और यह पेमेंट ट्रैक्टर की राशि से कट जाएगी। इसके बाद सुरेंद्र ने 45 हजार रुपये भी जमा करा दिए। रात नौ बजे ई-मेल वेरीफाई करने के लिए 12 हजार 800 व जीएसटी के नाम पर 15 हजार रुपये और जमा करा लिए।

दो लाख दस हजार रुपये कराए जमा

साइबर ठग सुरेंद्र सिंह को झांसा देकर रुपये जमा कराते रहे। दो लाख दस हजार रुपये जमा होने के बाद फिर से 66 हजार रुपये जमा कराने के लिए कहा तो सुरेंद्र को ठगी का संदेह हो गया और इंकार करने पर ट्रैक्टर वापस ले जाने की धमकी दी। सुरेंद्र ने मलकीत से बात की तो उसने भी रुपये जमा कराने के कहा। रुपये जमा कराने से इंकार करने पर आरोपितों से संपर्क टूट गया। सुरेंद्र ने माले की शिकायत पुलिस को दी। साइबर थाना पुलिस ने ठगी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।

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