120 जवानों ने मारे थे 1,300 चीनी सैनिक, गुजरात में भी सुनाई देगी रेजांगला के इन वीरों की गाथा

Rezangla War वीर अहीरों द्वारा रेजांगला की बर्फीली पहाड़ियों पर 18 नवंबर 1962 को लिखी गई वीरता की गाथा को गुजरात में भी नमन किया जाएगा।

By JP YadavEdited By: Publish:Mon, 18 Nov 2019 11:13 AM (IST) Updated:Mon, 18 Nov 2019 11:13 AM (IST)
120 जवानों ने मारे थे 1,300 चीनी सैनिक, गुजरात में भी सुनाई देगी रेजांगला के इन वीरों की गाथा
120 जवानों ने मारे थे 1,300 चीनी सैनिक, गुजरात में भी सुनाई देगी रेजांगला के इन वीरों की गाथा

रेवाड़ी, जागरण संवाददाता। Rezangla War ‘रेजांगला रणगाथा है वीरों की रणधीरों की, सिंहनी के जाये शेरों की, बांके वीर अहीरों की’। रेजांगला युद्ध के वीर :अहीर जवानों के सम्मान में लिखी गई ये पंक्तियां उनके अदम्य साहस को नमन करती है। वीर अहीरों द्वारा रेजांगला की बर्फीली पहाड़ियों पर 18 नवंबर 1962 को लिखी गई वीरता की गाथा को गुजरात में भी नमन किया जाएगा।

18 नवंबर को गुजरात के राजकोट में आयोजित होने वाले रेजांगला शौर्य समारोह में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह विशेष तौर पर हिस्सा लेंगे। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की अगुवाई में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में अहीरवाल के वीरों की शूरवीरता की कहानी गुजरात के लोगों को बताई जाएगी।

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि वीर भूमि अहीरवाल के अहीर सूरमा, जिन्होंने 18 नवंबर 1962 को चीन से लड़ाई में रेजांगला के मोर्चे पर अपने लहू से वीर गाथा लिखी थी, उनका सम्मान न सिर्फ देश के हर कोने में बल्कि विदेशों तक में हो रहा है।

यूनेस्को ने इस युद्ध को विश्व के पांच महानतम युद्धों में ‘स्टोरीज ऑफ ब्रेवरी’ में स्थान दिया है। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि हिंदुस्तान की फौज के आज तक के इतिहास में एक ही मोर्चे पर इतने वीर चक्र व बहादुरी के पदक किसी भी जाति या पलाटून ने नहीं जीते।

रेजांगला युद्ध की गौरवगाथा विश्व के युद्ध इतिहास में अद्वितीय है। वर्ष 1962 में रेजांगला पोस्ट पर हुए इस युद्ध में तत्कालीन 13 कुमाऊं बटालियन के 124 जवानों में से 114 जवान कुर्बान हो गए थे। इन जवानों ने 1300 चीनी सैनिकों को मार गिराया था।

बता दें कि 18 नवंबर को ही भारत चीन सीमा पर ऐसा वीर सपूत शहीद हुआ था, जिसने लद्दाख को बचाया था।दरअसल, मेजर शैतान सिंह ने रेजांगला के युद्ध में उनके 120 जवानों ने 1300 चीनी सैनिकों को मार गिराया था।

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