मोदी ने किया स्वामीनाथन से बढ़कर काम

अच्छे दिन आएंगे नहीं बल्कि आ गए। आगामी 21 जुलाई को महेंद्रगढ़ में होने वाली भाजपा की किसान रैली का न्यौता देने आए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने शनिवार को रेवाड़ी में पहले पार्टी पदाधिकारियों को व बाद में पत्रकारों से बातचीत में यही संदेश देने का प्रयास किया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 14 Jul 2018 07:37 PM (IST) Updated:Sat, 14 Jul 2018 07:37 PM (IST)
मोदी ने किया स्वामीनाथन से बढ़कर काम
मोदी ने किया स्वामीनाथन से बढ़कर काम

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: अच्छे दिन आएंगे नहीं बल्कि आ गए। 21 जुलाई को महेंद्रगढ़ में प्रस्तावित भाजपा की किसान रैली का न्यौता देने आए प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने शनिवार को रेवाड़ी में यही संदेश देने का प्रयास किया। खरीफ की फसलों के समर्थन मूल्य में मुनाफा जोड़कर की गई बढ़ोतरी को केंद्र सरकार का क्रांतिकारी कदम बढ़ाते हुए बाजरे का विशेष रूप से जिक्र किया। दावा किया कि बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य उत्पादन लागत पर 50 फीसद नहीं बल्कि 97 फीसद मुनाफा जोड़कर घोषित किया है। यह आंकड़ा इस बात का गवाह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामीनाथन से बढ़कर काम किया है।

कांग्रेस से पूछे तीन सवाल

धनखड़ ने एमएसपी पर तीन सवाल करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला से जवाब मांगा। यह भी कहा कि किसान रबी की फसल के लिए भी अच्छी उम्मीद रख सकते हैं। महेंद्रगढ़ की किसान रैली में प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया जाएगा। इस अवसर पर विधायक रणधीर ¨सह कापड़ीवास व बिक्रम ¨सह यादव भी मौजूद रहे।

इन सवालों का जवाब दे कांग्रेस

1. वर्ष 1965 में सीएसीपी (कमीशन फार एग्रीकल्चर कोस्ट एंड प्राइसेज) का गठन हो गया था। फिर भी किसानों को फसल का भाव मुनाफा जोड़कर क्यों नहीं दिया गया?

2. साठ वर्ष तक सत्ता में रहकर भी किसानों को लाभकारी मूल्य क्यों नहीं दिया?

3. विविधिकरण की कल्पना को साकार करने के लिए हर फसल पर समान आमदनी की व्यवस्था क्यों नहीं की गई?

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यह भी कहा

-हर वर्ष होंगे लाभ के साथ फसलों के मूल्य निर्धारित।

-एमएसपी में बढ़ोतरी से देश के किसानों के खातों में 33 हजार 500 करोड़ व हरियाणा के किसानों के खातों में 1500 करोड़ पहुंचेंगे।

-केवल धान व गेहूं उत्पादकों के खाते में जाएंगे 1200 करोड़ अधिक।

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50 हजार करोड़ में पड़ी मोदी की रेवाड़ी रैली

जासं, रेवाड़ी: भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित होने के बाद 15 सितंबर 2013 को नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली रैली रेवाड़ी में ही की थी। यही कारण है कि जब-जब इस रैली की गूंज अब भी सुनाई पड़ती है। शनिवार को धनखड़ ने चर्चा करते हुए कहा कि मोदी ने उसी रैली में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने व वन रैंक वन पेंशन देने जैसे संकल्प लिए थे। अब ये वादे पूरे हो चुके हैं। अगर किसानों व जवानों को होने वाले फायदे को जोड़ा जाए तो जाहिर है मोदी की तब हुई रेवाड़ी की रैली 50 हजार करोड़ में पड़ी। दक्षिण हरियाणा को इस रैली का सबसे अधिक फायदा होगा, क्योंकि यहां बाजरा उत्पादक भी सबसे अधिक और हैं और जवान भी।

सत्रह का गेहूं तीस का आटा क्यों : सत्रह रुपये किग्रा के गेहूं का आटा तीस रुपये किग्रा बिकने के सवाल पर किसानों को डायरेक्ट मार्के¨टग की सलाह दी। उन्होंने कहा कि किसान चाहें तो खुद ऐसा कर सकते हैं। अब समय आ गया है कि डोर-टू-डोर सर्विस प्रोवाइड करें। महेंद्रगढ़ व रेवाड़ी में अधिक सक्रिय रहने व राव इंद्रजीत ¨सह द्वारा झज्जर जिले के मुण्डाहेड़ा में रैली किए जाने का सवाल पर कहा कि सिर्फ बाजरे की बात।

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