जोगिया द्वारे-द्वारे: महेश कुमार वैद्य

राव आया भाव आया से भाव बढ़ाएंगे राव

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Jan 2022 11:49 PM (IST) Updated:Fri, 21 Jan 2022 11:49 PM (IST)
जोगिया द्वारे-द्वारे: महेश कुमार वैद्य
जोगिया द्वारे-द्वारे: महेश कुमार वैद्य

'राव आया भाव आया' से भाव बढ़ाएंगे राव

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह जल्द ही नए अवतार में नजर आएंगे। खबरची की मानें तो इंद्रजीत अपने पिता राव बिरेंद्र सिंह के चर्चित नारे 'राव आया भाव आया' को जन-जन तक पहुंचाएंगे और राजनीति में अपना भाव बढ़ाएंगे। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. राव बिरेंद्र के जमाने के बुजुर्ग यह जानते हैं कि केंद्र में कृषि मंत्री रहते हुए राव बिरेंद्र ने किसानों के हितों की चिता की थी। उन्हीं के जमाने में 'राव आया भाव आया' का नारा भी प्रचलित हुआ था। इसका अर्थ यही था कि जब-जब राव को सत्ता की शक्ति मिली है, तब-तब किसानों को भाव भी अच्छा मिलता था। राव इंद्रजीत सिंह की राजनीति भी भविष्य में किसान केंद्रित होने वाली है। इसकी तैयारी जारी है। लोगों को याद है कि कृषि कानून विरोधी आंदोलन के समय भी राव इंद्रजीत सिंह के सुर अपनी सरकार को किसानों से संवाद कायम करने की नसीहत देने वाले थे। ---------

चौधर चलाने में नंबर वन

जजपाइयों का भी जवाब नहीं। सत्ता में भले ही सहयोगी पार्टनर के कारण नंबर दो की हैसियत है, मगर चौधर चलाने में जननायक जनता पार्टी के अधिकांश कार्यकर्ता नंबर वन हैं। नौकरियों में पचहत्तर प्रतिशत आरक्षण बेशक गठबंधन सरकार ने किया हो, मगर दुष्यंत चौटाला की टीम इसका श्रेय लेने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। उद्यमी इससे परेशान है। रेवाड़ी चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज को भी यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिर कैसे इस नए कानून के अनुरूप उद्यमियों को तैयार करें। अब कानून लागू हो चुका है तो औपचारिकताएं भी पूरी करनी पड़ेगी, मगर इन औपचारिकताओं को पूरा करने में उद्यमियों को पसीना आ रहा है। मामला अदालत में भी विचाराधीन है, मगर उद्यमियों को अदालत से अधिक सीएम और डिप्टी सीएम की उदारता चाहिए। उद्यमी समुद्र में रहकर मगरमच्छ से बैर नहीं चाहते। उन्हें बस मनोहर-दुष्यंत की कृपा दृष्टि का इंतजार है। ---------

रेवाड़ी से बाहर पांव फैला रहे हैं खोला

सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए सरकार का सिस्टम बेशक कमजोर है, मगर पार्टी स्तर पर भाजपा का सिस्टम लगातार मजबूत हो रहा है। कुछ वर्ष पूर्व कंप्यूटर जी के सहारे अपने रेवाड़ी कार्यालय में आम जनता के छोटे-छोटे काम शुरू करने वाले भाजपा सेवा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सतीश खोला इन दिनों बड़े-बड़े काम भी करवा रहे हैं। उन्होंने अपने इसी काम के सहारे रेवाड़ी से बाहर भी पार्टी संगठन में पांव फैला लिए हैं। टीम धनखड़ अब सरकारी दफ्तरों की बजाय पार्टी कार्यकर्ताओं के सहारे लोगों को सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ दिलाने में जुटी हुई है। इससे एक तीर से दो निशाने साधने में आसानी रहेगी। पहला यह कि सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लोगों तक लाभ पहुंचेगा और दूसरा यह कि लाभार्थी पार्टी के कंप्यूटर सेंटर से लाभ पाकर पार्टी की जय-जयकार करेगा। जोगिया जी, काम बुरा नहीं है। हर जगह छेद मत ढूंढो।

--------- बोहरा जी से टकरा रहे हैं राम के भाई

कोसली विधानसभा क्षेत्र जितना बड़ा है, वहां उतना ही बड़ा हितों का टकराव है। जब पचहत्तर पार का नारा लगा तो कोसली में भी सत्ता पक्ष के पास नेताओं की लाइन लग गई। बोहरा जी (पूर्वमंत्री जगदीश यादव) चुनाव से पहले कमल दल के हो गए, मगर टिकट राम के भाई लक्ष्मण (यादव) ले उड़े और ठसक से विधायक बन बैठे। अब कोसली में भाजपा के पास लक्ष्मण व जगदीश के अलावा पूर्वमंत्री विक्रम यादव, प्रदेश महामंत्री वीरकुमार यादव, जिला प्रधान हुकमचंद यादव व मेजर टीसी राव सहित ऐसे कई नेता हैं, जो अपनी-अपनी चौधर चाहते हैं। ऐसे में हितों का टकराव तो होना ही है। कुछ नेताओं के बीच का टकराव पर्दे के पीछे चल रहा है, मगर लक्ष्मण व जगदीश के बीच की जुबानी जंग इन दिनों सार्वजनिक है। लक्ष्मण पलटवार करते हुए जगदीश को विधानसभा रिकार्ड के आधार पर परफोरमेंस के मूल्यांकन की चुनौती दे रहे हैं।

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