'कैसे पालूं बेटी, मैं बेरोजगार हूं'

-चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सामने आया अजीब केस बच्ची की मां की हो गई थी प्रसव के दौरान मृत्यु -बेरोजगारी की बात कहकर पिता लेकर आए बच्ची को अमित सैनी रेवाड़ी पैदा होते ही मां का साया सिर से उठ गया और अब पिता ने भी हाथ छोड़ दिया। यह एक बेटी की विडंबना ही है। बाल कल्याण समिति के समक्ष शुक्रवार को एक ऐसा ही मामला आया। एक पिता अपनी 2

By JagranEdited By: Publish:Fri, 01 Mar 2019 08:37 PM (IST) Updated:Fri, 01 Mar 2019 08:37 PM (IST)
'कैसे पालूं बेटी, मैं बेरोजगार हूं'
'कैसे पालूं बेटी, मैं बेरोजगार हूं'

अमित सैनी, रेवाड़ी :

पैदा होते ही मां का साया सिर से उठ गया और अब पिता ने भी बेरोजगारी का हवाला देते हुए उसका साथ छोड़ दिया है। वह मात्र 28 दिन की है, लेकिन अनाथ हो गई इै। जी हां यह मामला रेवाड़ी का है जहां शुक्रवार को एक युवक अपनी नवजात बेटी को लेकर बाल कल्याण समिति के समक्ष पहुंच गया। युवक ने कहा कि उसके माता- पिता नहीं हैं। पत्नी की भी मौत हो चुकी है। वह बेरोजगार है और नवजात बेटी को पालने में सक्षम नहीं है। समिति ने फिलहाल बच्ची को चाइल्ड केयर होम में भेज दिया है।

हर स्तर पर होगी मामले की जांच चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के आंबेडकर चौक के निकट स्थित कार्यालय में पिता जब अपनी बेटी को लेकर पहुंचा तो हर कोई हैरान था। युवक ने जब बेटी को छोड़ने का कारण बताया तो उसकी मनोदशा को समझना भी सहज था। पिता ने बताया कि बच्ची का जन्म 28 दिन पूर्व ही हुआ है। जन्म देते ही उसकी मां की मृत्यु हो गई। परिवार में अब ऐसा कोई भी नहीं है जो बच्ची का लालन-पालन ठीक से कर सके। वह खुद भी बेरोजगारी की मार झेल रहा है तथा पढ़ाई भी कर रहा है। ऐसे में अब बेटी को वह संभाल नहीं सकता। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की चेयरपर्सन कुसुमलता शर्मा, सदस्य उपासना गुप्ता, सदस्य रजनी भार्गव व सदस्य एडवोकेट अमरजीत सिंह ने फिलहाल बच्ची को पिता से लेकर चाइल्ड केयर होम में भेज दिया है। जानकारी जुटाएगी समिति

चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की चेयरपर्सन कुसुमलता शर्मा व सदस्य उपासना गुप्ता ने बताया कि बच्ची के पिता जो बता रहे हैं उसकी पूरी जांच पड़ताल की जाएगी। जांच के बाद ही आगे निर्णय लिया जाएगा कि बच्ची को हम अपने पास ही रखे या फिर पिता को वापस सौंपा जाए।

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