प्राथिमिकी मामले में पूर्व एएफएसओ ने रखा अपना पक्ष

रेवाड़ी की पूर्व एएफएसओ वर्षा यादव व उनके पति गोकलचंद एडवोकेट के खिलाफ विजिलेंस थाने में दर्ज हुए मामले का पूरा सच तो तफ्तीश के बाद ही सामने आएगा, लेकिन जिस डिपो होल्डर किशनलाल सैनी के बेटे सुभाष चंद की शिकायत पर विजिलेंस थाने ने 2

By JagranEdited By: Publish:Thu, 12 Jul 2018 08:08 PM (IST) Updated:Thu, 12 Jul 2018 08:08 PM (IST)
प्राथिमिकी मामले में पूर्व एएफएसओ ने रखा अपना पक्ष
प्राथिमिकी मामले में पूर्व एएफएसओ ने रखा अपना पक्ष

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: रेवाड़ी की पूर्व एएफएसओ वर्षा यादव व उनके पति गोकलचंद एडवोकेट के खिलाफ विजिलेंस थाने में दर्ज हुए मामले का पूरा सच तो तफ्तीश के बाद ही सामने आएगा, लेकिन जिस डिपो होल्डर किशनलाल सैनी के

बेटे सुभाष चंद की शिकायत पर विजिलेंस थाने ने 28 जून को मामला दर्ज किया था, उनके खिलाफ पूर्व एएफएसओ ने भी बृहस्पतिवार को गंभीर आरोप लगाए हैं। बृहस्पतिवार को अपना पक्ष रखते हुए वर्षा यादव ने शिकायतकर्ता सुभाष चंद पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने मीडिया को वह पत्र भी उपलब्ध करवाया, जिसमें जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक ने सुभाष चंद सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजा हुआ है। उन्होंने निदेशक, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से डीएफएससी को भेजा वह पत्र भी पत्रकारों को उपलब्ध करवाया, जिसमें तत्कालीन उप निदेशक केके बिश्नोई द्वारा सुभाष चंद व अन्य लोगों के खिलाफ की गई जांच का उल्लेख है। बिश्नोई ने अपनी जांच में सुभाष चंद सहित कई लोगों के एक समूह को झूठी व आधारहीन शिकायतें करके सरकारी काम में बाधा पहुंचाने तथा आरटीआइ के नाम पर ब्लैकमेल करने का दोषी माना था। वर्षा यादव का कहना है कि सुभाष चंद व अन्य ने उनके खिलाफ जो शिकायतें की थी, उनकी जांच हरियाणा सरकार पूर्व में ही करवा चुकी थी। जांच के उपरांत शिकायतों को फाइल करते हुए सुभाष चंद व कई अन्य लोगों के खिलाफ

आपराधिक मामला दर्ज करने के आदेश दिए थे। विभागीय आदेशों के बाद ही एसपी को आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए पत्र भेजा था जो अभी विचाराधीन हैं। इधर, सुभाष चंद का कहना है कि गोकलचंद एडवोकेट व उनकी पत्नी के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। इन्होंने अपने प्रभाव के कारण विभागीय स्तर पर कार्रवाई नहीं होने दी बल्कि मुझ शिकायतकर्ता के विरुद्ध ही आपराधिक मामला दर्ज करवाने का पत्र भिजवा दिया। मुझे समय रहते इस पत्र की जानकारी मिल गई थी और मैने पुलिस के सामने अपना पक्ष रख दिया। मुझे उम्मीद है कि अब पुलिस मेरे खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी। वैसे जिस तरह का यह मामला दिख रहा है, उसमें गहराई से जांच से ही असलियत सामने ला सकती है। सवाल यह है कि पारदर्शिता से यह जांच करेगा कौन? वक्त इस सवाल का जवाब देगा।

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