रेवाड़ी शहर को मिलेगी दूषित पानी से मुक्ति

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : अतीत में आग लगने पर कुंआ खोदने की कहावत को चरितार्थ करने के कटाक्ष झेलता र

By Edited By: Publish:Sun, 26 Apr 2015 12:59 AM (IST) Updated:Sun, 26 Apr 2015 12:59 AM (IST)
रेवाड़ी शहर को मिलेगी दूषित पानी से मुक्ति

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : अतीत में आग लगने पर कुंआ खोदने की कहावत को चरितार्थ करने के कटाक्ष झेलता रहा जिला प्रशासन इस बार आग लगने से पहले कुंआ तैयार रखने की तैयारी में है। प्रशासन ने बरसाती पानी की निकासी के साथ-साथ शहर को दूषित पानी से निजात दिलाने का इंतजाम भी किया है। जन स्वास्थ्य विभाग को इसके लिए अलर्ट कर दिया गया है। कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है। क्रियान्वयन की ओर कदम बढ़ाए जा चुके हैं। लाल बहादुर शास्त्री चैनल के माध्यम से साहबी नदी बैराज तक पहुंच रहा दूषित पानी किसानों के खेतों में मार न करे, इसके लिए 35 लाख रुपये की लागत से नाले का विस्तार होगा।

यदि आसपास के ग्रामीणों ने शहर का प्रदूषित पानी लाल बहादुर शास्त्री चैनल में डालने का विरोध किया तो भी जिला प्रशासन पंगा नहीं लेगा। किसानों को बताया जाएगा कि ट्रीटमेंट के बाद चैनल में डाला जा रहा पानी न केवल आसपास की जमीन का जलस्तर बढ़ाएगा, बल्कि खेती में भी रामबाण होगा। इसके बाद भी ग्रामीणों ने किसी तरह का विरोध किया तो जन स्वास्थ्य विभाग चैनल के साथ-साथ पाइपलाइन बिछाकर दूषित पानी को साहबी बैराज स्थित ¨सचाई विभाग की जमीन तक पहुंचाया जाएगा। प्रशासन की इस दरियादिली के पीछे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की हिदायतें भी हैं। कुछ दिन पहले ही एनजीटी ने रेवाड़ी से सटे खलीलपुर गांव के लोगों की याचिका पर गांव के पास प्रदूषित पानी न डालने के आदेश दिए थे।

उपायुक्त ने किया कई प्वाइंटों का निरीक्षण

उपायुक्त डॉ. यश गर्ग ने निकासी से जुड़ी कार्ययोजना के क्रियान्वयन के लिए कई प्वाइंटस का निरीक्षण भी किया। उपायुक्त सबसे पहले बारिश के पानी की निकासी के लिए बिठवाना के समीप रेवाड़ी ड्रेन का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने बताया कि रामपुरा की सीमा से पानी उठाकर इस ड्रेन के माध्यम से गढ़ी बोलनी रोड पर बनी नहर में डाला जाता है। इसके उपरांत उन्होंने कोनसीवास रोड से दिल्ली रोड पर नहर व पंप हाउस का भी निरीक्षण किया तथा संबंधित अधिकारियों को इनकी सफाई करवाने के निर्देश दिए ताकि भविष्य में पानी निकासी में किसी प्रकार की परेशानी ना आए। उन्होंने इसके उपरांत टीम के साथ लिसाना में नहर के साथ बनी ड्रेन का अवलोकन करते हुए जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस ड्रेन कच् अच्छी तरह सफाई करवाएं तथा इसमें गंदा पानी न डालें और केवल बरसात के पानी की निकासी के लिए ही इसका प्रयोग किया जाए। इसके बाद उपायुक्त ने लाल बहादुर शास्त्री रिचार्ज चैनल सिस्टम का अवलोकन किया। कुछ समय पूर्व किसानों ने इस चैनल में दूषित पानी डालने पर विरोध जताया था। अब इससे जाने वाले दूषित पानी को मसानी बैराज की खाली पड़ी जमीन में डाला जाएगा, जिससे किसानों को भी नुकसान नहीं होगा और शहर को भी गंदे पानी की समस्या से छुटकारा मिलेगा।

उपायुक्त ने खलीलपुरी फाटक के पास बनी ड्रेन का निरीक्षण भी किया। उन्होंने कहा कि इस ड्रेन में भी गंदा पानी नहीं डाला जाए, क्योंकि इससे कोर्ट के आदेशों की अवमानना होती है। उन्होंने बताया कि अस्थाई रूप से मिट्टी का बांध बनाकर खलीलपुरी के पास बने इस नाले को बंद किया हुआ है। जनस्वास्थ्य विभाग केवल बरसात का पानी इस ड्रेन में छोड़ सकता है। उन्होंने इस मौके पर जनस्वास्थ्य विभाग, ¨सचाई विभाग व इस कार्य से जुड़े अन्य अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी ये सुनिश्चित करें कि किसी भी बस्ती के साथ गंदा पानी ना छोड़ा जाए।

बरसाती नालों की सफाई के दिए निर्देश

उपायुक्त ने अंबेडकर चौक, सब्जी मंडी, नाईवाली चौक, नसिया जी रोड़ इत्यादि स्थानों का भी निरीक्षण किया तथा नगर परिषद के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी नालियों तथा गंदे पानी की निकासी के लिए बनाए गए नालों की सफाई तुरंत कराना सुनिश्चित करें ताकि बरसात के समय में निकासी में परेशानी न आए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग व नगर परिषद के अधिकारियों को सरकुलर रोड पर बनाए गए नाले पर किए गए अवैध कब्जों को भी तुरंत प्रभाव से हटवाने के निर्देश दिए।

'अंबेडकर चौक से हटाएं रेहड़ी'

उन्होंने अंबेडकर चौक पर लगी रेहडि़यों को तुरंत प्रभाव से हटवाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि नगर पालिका इनका चालान करें। उपायुक्त के साथ इस दौरे में अधीक्षक अभियंता जनस्वास्थ्य उमेश भारद्वाज, कार्यकारी अभियंता ¨सचाई डीके राघव, कार्यकारी अभियंता जनस्वास्थ्य, कार्यकारी अभियंता बिजली विभाग, जिला राजस्व अधिकारी पीडी शर्मा, तहसीलदार नोरंग राय, सुरेश कुमार गुप्ता, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी विजयपाल यादव व प्रहलाद ¨सह सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

-----------

आशंकाएं:

-साहबी नदी क्षेत्र में प्रदूषित पानी पहुंचने की संभावना बढ़ जाएगी। इससे भूमिगत जलस्तर भी खराब हो सकता है। बिना ट्रीटमेंट पानी छोड़ने पर जमीन में सीवरेज के पानी में जमा स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले तत्व जमीन में पहुंच जाएंगे।

-साफ पानी से साहबी बैराज को भरने की उम्मीद टूट जाएगी। जिस जगह को बेहतर पर्यटन केंद्र बनाया जाना प्रस्तावित था, वहां पर दुर्गध उठ सकती है।

समाधान व जागरण सुझाव:

-शत प्रतिशत सुनिश्चित किया जाए कि एक भी दिन बिना ट्रीटमेंट किया पानी लाल बहादुर शास्त्री वाटर चैनल में न डाला जाए।

-किसानों तक इस पानी की आसान पहुंच सुनिश्चित की जाए।

-किसानों को खेती के लिए इस पानी की उपयोगिता बताई जाए।

-साहबी बैराज को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना के लिए जगह आरक्षित रखी जाए तथा रेवाड़ी शहर का ट्रीटमेंट किया हुआ पानी कम से कम इस जगह से दूर ही डाला जाए।

chat bot
आपका साथी