आवारा पशु बने कस्बे के लिए परेशानी
फोटो-एनएआर-11 -बंदर के हमले से आए दिन लोग हो जाते हैं चोटिल संवाद सहयोगी,कनीना : कस्बा कनीना में
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-बंदर के हमले से आए दिन लोग हो जाते हैं चोटिल
संवाद सहयोगी,कनीना : कस्बा कनीना में इन दिनों आवारा पशुओं व बंदरों से लोग काफी परेशान है। बंदरों व आवारा पशुओं का आतंक जहा लोगों को गलियों से निकलने नहीं देता है, वही बंदरों का आतंक लोगों को छतों पर कपड़े तक नहीं सुखाने देता है। रात में बच्चों व महिलाओं को बंदरों के काट लेने के कारण उनमें खौफ व्याप्त है। कस्बा कनीना के नवीन कुमार, नरेश कुमार एडवोकेट, सुरेश यादव, मनोज कुमार रोहिला, रविंद्र, कमलेश कुमार, रविंद्र बंसल, राजेश कुमार, हरीश यादव ने बताया कि बंदरों के आतंक के कारण लोग घरों से बाहर निकलने से डरने लगे हैं। बंदर लोगों के घर में रखे सामान को तोड़ फोड़ कर देते हैं। अब तक आधा दर्जन लोगों को बंदरों ने काटा है। यहा तक कि पुलिस को भी बंदरों ने नहीं बख्शा है और एक पुलिसकर्मी को भी काटा है। कस्बा वासियों ने बताया कि बंदरों का खौफ लोगों की दिनचर्या को भी बाधित कर रहा है। खासकर बुजुर्गो के लिए बंदर खासी परेशानी बने हैं। कस्बावासियों ने प्रशासन से बंदरों को पकड़वा कर दूर छुड़वाने की गुहार लगाई है।
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क्या कहते है पालिका अधिकारी
कनीना पालिका की चेयरपर्सन शारदा देवी का कहना है कि अब तक करीब 60 बंदरों को पकड़वा कर दूर छुड़वा चुके है। अब फिर एक सौ बंदरों को पकड़वाने की योजना है।