विश्व पृथ्वी दिवस पर कार्यशाला में गिरते भूजल स्तर पर जताई चिता

एसडी पीजी कॉलेज में विश्व पृथ्वी दिवस पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। छात्र-छात्राओं ने पर्यावरण की रक्षा के लिए गिरते भूजल स्तर पर चिता जताई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Apr 2019 08:26 AM (IST) Updated:Tue, 23 Apr 2019 08:26 AM (IST)
विश्व पृथ्वी दिवस पर कार्यशाला में गिरते भूजल स्तर पर जताई चिता
विश्व पृथ्वी दिवस पर कार्यशाला में गिरते भूजल स्तर पर जताई चिता

जागरण संवाददाता, पानीपत : एसडी पीजी कॉलेज में विश्व पृथ्वी दिवस पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। छात्र-छात्राओं ने पर्यावरण की रक्षा के लिए गिरते भूजल स्तर पर चिता जताई।

कार्यशाला में गुणवत्ता नियंत्रक इंस्पेक्टर सतबीर सांगवान ने कहा की धरती में मौजूद नमी उसे अन्य ग्रहों से अलग करती है, क्योंकि इसी के कारण इस पर जीवन संभव है, परन्तु आज के लालची मानव ने पानी के अत्यधिक और गैर-जिम्मेदाराना दोहन से धरती के इस गुण पर सवालिया निशान लगा दिया है। हरियाणा में कृषि का भविष्य अंधकार से भर चुका है। यदि हम आज भी ना चेते तो विनाश निश्चित है। उन्होंने मिट्टी में नमी बरकरार रखने के उपाय सुझाते हुए कहा की धान के पौधों को धरती में लगा कर अधिक गुड़ाई करके हम नमी को अधिक समय तक संजो सकते है। टपका विधि से खेती करके भी पानी का संरक्षण किया जा सकता है।

असिस्टेंट प्लान प्रोटेक्शन अधिकारी राजेश भारद्वाज ने कहा कि पराली जलाना प्रदेश में एक गंभीर समस्या बन चुकी है। जिसकी रोकथाम अत्यंत आवश्यक है। कॉलेज के प्राचार्य अनुपम अरोड़ा सहित साहित्य कर्मी राजीव रंजन ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर छात्रों की इस टीम में गुरु प्रसाद, प्रिस, सोनी रानी, छवि, विशाल, रविन्द्र, दिव्यम, शिवानी और विशाल शामिल है।

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