विष्णु प्रिय तुलसी विवाह में जमकर झूमे श्रद्धालु

जागरण संवाददाता समालखा कस्बे में विभिन्न जगहों पर तुलसी विवाह धूमधाम और श्रद्धापूर्वक मनाया गय

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 05:30 AM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 05:30 AM (IST)
विष्णु प्रिय तुलसी विवाह में जमकर झूमे श्रद्धालु
विष्णु प्रिय तुलसी विवाह में जमकर झूमे श्रद्धालु

जागरण संवाददाता, समालखा : कस्बे में विभिन्न जगहों पर तुलसी विवाह धूमधाम और श्रद्धापूर्वक मनाया गया। श्रद्धालुओं ने भगवान विष्णु प्रिय तुलसी जी की पूजा-अर्चना की। श्री कृष्ण सनातन धर्म मंदिर में तुलसी बारात ढोल-नगाड़ों के साथ निकाली गई। जिसमें श्रद्धालु भजनों पर जमकर झूमे। बरात शहर की परिक्रमा करते हुए मंदिर पहुंची। जहां पर पूजा-अर्चना के साथ ही तुलसीजी का शालिग्राम के साथ विवाह किया गया।

पंडित गोकुलेशन शास्त्री ने कहा कि पौराणिक मान्यता के अनुसार राक्षस कुल में जन्मी कन्या का वृंदा का विवाह जलंधर नाम के राक्षस के साथ हुआ था। वृंदा भगवान विष्णु की अनन्य भक्त थी। वृंदा की विष्णु भक्ति और साधना के कारण जलंधर को कोई भी युद्ध में हरा नहीं पाता था। देवताओं के कहने पर भगवान विष्णु जलधर का रूप धारण वृंदा के पतिव्रत धर्म को नष्ट कर दिया। जिससे जलंधर की शक्ति कम होती गई और वह युद्ध में मारा गया। इसका पता चलने पर वृंदा ने भगवान विष्णु को शिला यानी पत्थर बन जाने का श्राप दे दिया। माता लक्ष्मी ने वृंदा से प्रार्थना की तब जाकर वृंदा ने अपना श्राप वापस ले लिया और खुद जलांधर के साथ सती होकर भस्म हो गईं। उसकी राख से निकले पौधे को भगवान विष्णु ने तुलसी नाम दिया और खुद के एक रूप को पत्थर में समाहित करते हुए कहा कि तुलसी के बिना मैं कोई भी प्रसाद स्वीकार नहीं करूंगा। इस पत्थर को शालिग्राम के नाम से तुलसी जी के साथ ही पूजा जायेगा। इस अवसर पर पंडित दीपक शर्मा, कमलेश, सरोज, कांता, सुनीता, अनीता, वीना, संतोष, आदि उपस्थित थे।

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