टोक्‍यो ओलंपिक पदक विजेता हाकी खिलाड़ी सुरेंद्र की किसान की बेटी गरिमा संंग शादी, बरात ने जमाया रंग

टोक्‍यो ओलंपिक में देश को पदक दिलानेवाली भारतीय हाकी टीम के खिलाड़ी सुरेंद्र पालड़ विवाह बंधन में बंध गए। करनाल के किसान की बेटी गरिमा संग उनका विवाह बुधवार रात हुआ। शादी निसिंग क्षेत्र के गांव में हुई।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 08:03 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 10:09 AM (IST)
टोक्‍यो ओलंपिक पदक विजेता हाकी खिलाड़ी सुरेंद्र की किसान की बेटी गरिमा संंग शादी, बरात ने जमाया रंग
हाकी खिला़ड़ी सुुरेंद्र पालड़ विवाह के बाद पत्‍नी गरिमा के साथ। (जागरण)

जागरण संवाददाता, करनाल। टोक्यो ओलंपिक में देश की झोली में पदक डालने वाली भारतीय हाकी टीम के खिलाड़ी सुरेंद्र पालड़ सात जन्‍मों के बंधन में बंध गए हैं। उनका विवाह बुधवार रात निसिंग क्षेत्र के किसान जयपाल की पुत्री गरिमा के साथ हुआ। दोनों परिवारों ने यह रिश्ता दिसंबर 2020 में तय कर दिया था। सुरेंद्र की बरात ने खूूबरंग जमाया और क्षेत्र के लोगों  में शादी को लेकर खूब उत्‍साह दिखा।  

सुरेंद्र की बारात रात को कस्बे के मल्ली पैलेस पहुंची। ओलंपियन खिलाड़ी की बरात का वधु पक्ष के लोगों ने जोरदार स्वागत किया। गरिमा के संग तय होने के बाद सुरेंद्र पालड़ का टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीतने का एक बड़ा सपना था। इसके बाद उन्‍होंने शादी का निश्‍चय किया था। जैसे ही कस्बे के लोगों को पता चला कि भारत की शान बढ़ाने वाले हाकी खिलाड़ी सुरेंद्र पालड़ की बारात उनके कस्बे में आएगी तो वे खुशी से झूम उठे। लोगों ने वर-वधू के उज्जवल भविष्य की कामना की। सुरेंद्र पालड़ मूल रूप से करनाल जिले के नीलोखेड़ी क्षेत्र के बराना गांव के रहने वाले हैं। इस समय उनका पूरा परिवार कुरुक्षेत्र के सेक्टर आठ में रह रहा है।

उच्च शिक्षित है म्हारी बेटी गरिमा

सुरेंद्र पालड़ संग विवाह बंधन में बंधी प्रेमखेड़ा गांव निवासी गरिमा उच्च शिक्षित है। उसने करनाल के डीएवी कालेज से बीबीए की डिग्री के बाद पीजीडीसीए का कोर्स किया। इस समय वह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में एमकाम प्रथम वर्ष की छात्रा है। वह शिक्षिक व फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र को खासा पसंद करती है। उनके पिता जयपाल की 46 एकड़ के किसान है और मां अनीता गृहणी है। वह दो भाइयों की इकलौती बहन है। 26 वर्षीय गरिमा से बड़ा भाई गुरप्रीत अमेरिका में ट्रांसपोर्ट का काम करता है। जबकि उससे छोटा भाई गुरमेश है। 

आतिशबाजी से की विवाह की खुशियां सांझा

कस्बे के मल्ली पैलेस में बरात का स्वागत करने के लिए वधु पक्ष ने पूरी तैयारियां की थीं। नाचते-गाते बराती दूल्हे सुरेंद्र पालड़ के साथ चल रहे थे तो लोगों ने आतिशबाजी से खुशियों को सांझा किया जा रहा था। बरात के मल्ली पैलेस में  पहुंचने के साथ ही वधु पक्ष के लोगों ने जोरदार स्वागत किया। इसके बाद एक-एक करके विवाह की रस्में शुरू हुईं।

डीजे की धुन पर डाला दोस्तों ने भंगड़ा

शादी की खुशियों के रंग को दोस्तों ने और परवान चढ़ाने का काम किया। बरातियों व सुरेंद्र पालड़ के दाेस्तों ने इस यादगार अवसर पर जमकर डांस किया तो साथ ही भंंगड़ा का जोश भी दिखाया। इस दौरान डीजे की धुन पर दोस्तों ने भंगड़ा डाला। 

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