सियासी राजधानी में लाडलों की कुश्ती, दांव पर लगी दिग्गजों की विरासत Panipat News

जींद में पूर्व विधायकों के तीन बेटे चुनाव के मैदान में हैं। ऐसे में दिग्गजों की विरासत दांव पर लगी है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Tue, 15 Oct 2019 11:25 AM (IST) Updated:Tue, 15 Oct 2019 11:26 AM (IST)
सियासी राजधानी में लाडलों की कुश्ती, दांव पर लगी दिग्गजों की विरासत Panipat News
सियासी राजधानी में लाडलों की कुश्ती, दांव पर लगी दिग्गजों की विरासत Panipat News

पानीपत/जींद,[जोगेंद्र दूहन]। हरियाणा की सियासी राजधानी जींद में इस बार विरासत दांव पर है। उपचुनाव के दौरान हरियाणा की सियासत में सुर्खियों में आई जींद विधानसभा में कांटे का मुकाबला है। उपचुनाव में कांग्रेस व जजपा द्वारा दिग्गजों को उतारा था। अब सभी पार्टियों ने पूर्व विधायक के बेटों को चुनावी मैदान में उतारा है।

भाजपा ने जहां उपचुनाव में कांग्रेस व जजपा के दिग्गजों को हराने वाले विधायक डॉ. कृष्ण मिढ़ा को दोबारा से चुनावी मैदान में उतारा है, वहीं जजपा ने पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता के बेटे महाबीर गुप्ता को प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस ने पूर्व मंत्री बृजमोहन सिंगला के बेटे अंशुल सिंगला पर दाव खेला है, जबकि इनेलो ने विजेंद्र रेढू को मैदान में उतारा है।

गत जनवरी माह में हुए उपचुनाव में 169210 मत थे, लेकिन उसके बाद करीब 16 हजार नए मत जुड़े हैं। नए वोट ही निर्णायक की भूमिका अदा करेंगे। फिलहाल चुनावी मैदान में 13 उम्मीदवार हैं। जींद विधानसभा से आज तक कोई भी महिला नहीं चुनी गई है और इस बार भी एक भी महिला चुनावी मैदान में नहीं है।

सबसे ज्यादा बार मांगेराम गुप्ता बने विधायक : जींद विधानसभा में अब तक 13 बार चुनाव हो चुके हैं। इसमें कांग्रेस पार्टी 6 बार, जबकि 4 बार इनेलो, एक बार हविपा, एक भाजपा ने जीत दर्ज की है, जबकि एक बार आजाद प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। 1982 में लोकदल के प्रत्याशी बृजमोहन सिंगला सबसे कम 186 वोटों से जीते थे।

सबसे ज्यादा मतों से जीत दर्ज करने का रिकॉर्ड भी बृजमोहन सिंगला के नाम है। 1996 में 18558 मतों से विजय प्राप्त की थी। पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता को सबसे ज्यादा बार विधायक बने हैं। अब उनके बेटे महाबीर गुप्ता जजपा की टिकट पर चुनावी मैदान में हैं।

यह है इतिहास

कहा जाता है कि महाभारत के समय जींद शहर की स्थापना की गई थी। एक पुरानी कहावत के अनुसार पांडवों ने जयंती देवी (जीत की देवी) के सम्मान में एक मंदिर का निर्माण किया, सफलता की प्रार्थना की और फिर कौरवों के साथ लड़ाई शुरू की। यह शहर मंदिर के चारों ओर बसा हुआ और इसे जैतपुरी (जिंदी देवी के निवास) नाम दिया गया, जिसे बाद में जींद के नाम से जाना जाने लगा। इस विधानसभा में शहरी वोट के साथ 34 गांव भी आते हैं।

उपचुनाव के बाद सुर्खियों में रही सीट

जींद विस क्षेत्र से वर्ष 2014 में इनेलो की टिकट पर विजय हासिल करने वाले डॉ. हरिचंद मिढ़ा का वर्ष 2018 में निधन हो गया था। इसके बाद उनके बेटे डॉ. कृष्ण मिढ़ा भाजपा में शामिल हो गए थे और जनवरी 2019 में हुए उपचुनाव में वे भाजपा की टिकट पर मैदान में आए। भाजपा प्रत्याशी डॉ. कृष्ण मिढ़ा ने 50566 मत प्राप्त कर 12 हजार 235 वोटों से दिग्गजों को हराया। जननायक जनता पार्टी (जजपी) के दिग्विजय चौटाला ने 37631 वोटों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया था। जबकि रणदीप सिंह सुरजेवाला 22740 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे। जींद विधानसभा यह रहे विधायक वर्ष           विधायक            पार्टी वोट 1977 मांगेराम गुप्ता आजाद 15751 1982 बृजमोहन सिंगला लोकदल 27045 1987 परमानंद         लोकदल 39323 1991 मांगेराम गुप्ता कांग्रेस 35346 1996 बृजमोहन सिंगला हविपा 40803 2000 मांगेराम गुप्ता कांग्रेस 41621 2005 मांगेराम गुप्ता     कांग्रेस 43883 2009 डॉ. हरिचंद मिढ़ा   इनेलो 34057 2014 डॉ. हरिचंद मिढ़ा  इनेलो 31631 2019 उपचुनाव डॉ. कृष्ण मिढ़ा भाजपा 0566

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