होने थे फेरे, ऐन वक्त पर सरकारी अफसरों ने लौटा दी बरात, ये थी बड़ी वजह

सरकारी अफसरों ने ऐन वक्त पर शादी समारोह में पहुंचकर फेरे रुकवा दिए। बारातियों को भी लौटा दिया। शुक्र है दो बेटियों की जिंदगी बच गई। वरना कुछ ऐसा होता जो समाज के लिए निंदनीय था।

By Ravi DhawanEdited By: Publish:Wed, 21 Nov 2018 04:45 PM (IST) Updated:Wed, 21 Nov 2018 08:09 PM (IST)
होने थे फेरे, ऐन वक्त पर सरकारी अफसरों ने लौटा दी बरात, ये थी बड़ी वजह
होने थे फेरे, ऐन वक्त पर सरकारी अफसरों ने लौटा दी बरात, ये थी बड़ी वजह

पानीपत, जेएनएन। समाज में अभी भी ऐसी कई कुप्रथाएं हावी हैं, जिन पर रोक है। बावजूद कई लोग अभी भी इसे नहीं मानते हैं। ये ही वजह है कि कई बार इस पर कार्रवाई भी की जाती हैं। कुछ ऐसा ही हुआ नरवाना की इस कॉलोनी में। जहां सरकारी अधिकारियों को दखल देना पड़ गया और बेटियों को एक नई जिंदगी मिल गई। 

देवउठनी एकादशी पर जिले में बाल विवाह के दो मामले सामने आए हैं। जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी की टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों शादियों को रुकवा दिया और लड़कियों के बालिग होने तक शादी नहीं करने के लिए लिखित में लिया। 

लड़की का जन्मप्रमाण पत्र मांगा तो नहीं दे सके सबूत
सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी रवि लोहान ने बताया कि सूचना मिली कि नरवाना की एक कालोनी में एक नाबालिग लड़की की शादी करवाई जा रही है और बारात भी धमतान गांव से आ चुकी है व लड़की के फेरों की तैयारी जारी है। टीम में विवाह स्थल पर पहुंचे और लड़की के परिवार वालों से लड़की के जन्म प्रमाण पत्र मांगा तो पहले तो कोई भी सबूत देने में आना कानी की।

कार्रवाई की बात पर बताया सच
जब सख्त कार्यवाही करने की बात कही तो इसके बाद लड़की व उसके परिजनों के अनुसार उसकी उम्र साढ़े 16 वर्ष है। यहां तक कि नाबालिग लड़की के बालिग होने का परिवार वाले कोई भी प्रमाण नहीं दे सके। इससे साफ हुआ कि लड़की नाबालिग है और दूल्हा बालिग मिला। इस मामले में जब लड़की के परिवारजनों को समझाया व कानून बारे जानकारी दी। जिस पर परिवार सहमत हो गया तथा शादी को रोक दिया गया।

यहां भी दुल्हन नाबालिग
इसी बीच दूसरी सूचना मिली कि जींद शहर के भूपेंद्र नगर में भी एक नाबालिग लड़की की शादी करवाई जा रही है और बारात भी हिसार जिले के खांडाखेड़ी गांव से आ चुकी है। सूचना मिलते ही टीम तुरंत नरवाना से निकल कर जींद शहर में विवाह स्थल पर पहुंचीं और दूल्हा व दुल्हन के परिवार वालों से दोनों के जन्म प्रमाण पत्र मांगे तो जो सर्टिफिकेट पत्र दिखाए। उनमें दूल्हन नाबालिग पाई गई और उसकी उम्र 18 वर्ष से कम मिली जबकि खांडाखेड़ी गांव से आए दुल्हे की उम्र 26 वर्ष मिली। इस पर दोनों पक्षों को बाल विवाह निषेध कानून की जानकारी दी गई और तब तक शादी न करने को कहा जब तक लड़की बालिग नहीं हो जाती। इस पर दोनों परिवार सहमत हो गए और लिखित बयान दर्ज करवाए कि लड़की के बालिग होने पर ही उसकी शादी की जाएगी तथा बारात वापिस गांव बैरंग लौट गई।

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