यहां म्हारी लाडो को मिल रहा भरपूर दुलार, आंकड़े इसके गवाह
कैथल में लिंगानुपात में सुधार आया है। सीएम और सांसद के गोद लिये गांव क्योड़क व सांघन में बेटियां की संख्या बढ़ी हैं। वर्ष 2018 में 117 गांवों में 1000 के पार लिंगानुपात पहुंचा।
पानीपत/कैथल [सुरेंद्र सैनी]। अब बेटियों को भी बेटों सा प्यार और दुलार मिल रहा है। इसी का नतीजा है कि पिछले वर्ष में लिंगानुपात में अप्रत्याशित सुधार हुआ है। बढ़कर 916 पहुंच गया है। 278 पंचायतों में से 117 पंचायतें ऐसी हैं जहां लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या 1000 से ज्यादा हैं। इनमें भी कई गांव तो ऐसे हैं जहां 1500 से भी ज्यादा लिंगानुपात पहुंच गया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के गोद लिये क्योड़क गांव के गांव में 2017 में लिंगानुपात 934 था तो 2018 में बढ़कर 1000 पहुंच गया है। सांसद राजकुमार सैनी के गोद लिए गांव में 1000 के मुकाबले इस बार 1225, वहीं गुहला विधायक कुलवंत बाजीगर के गांव में लिंगानुपात 1000 के पार है। पहले यहां 1468 दर्ज किया था। वहीं कलायत से आजाद विधायक जयप्रकाश के गांव में लिंगानुपात घटा है। 2017 में 1563 था जो वर्ष 2018 में घटकर 810 रिकार्ड किया है।
दस गांव ऐसे जहां 800 से कम लिंगानुपात
जिले के दस गांव ऐसे हैं जहां 800 से कम लिंगानुपात है। इनमें कई गांव में 650 से भी कम लड़कियां, लड़कों के मुकाबले हैं। देवबन में लिंगानुपात 641, सौंगल में 685, खेड़ी गुलामअली 710, प्यौदा 717, डीग, 727, खरौदी, 729, पाडला 732, बरसाना 762, जाखौली 798 लिंगानुपात है।
इन गांव में इस तरह बढ़ा लिंगानुपात
गांव संख्या लड़का लड़की कुल लिंगानुपात 2017
मूंदड़ी गांव की पंचायत होगी सम्मानित
मूंदड़ी गांव में सबसे ज्यादा लिंगानुपात दर्ज किया है। यहां की पंचायत को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सम्मानित किया जाएगा। इससे पहले भी लिंगानुपात बढऩे पर पंचायत को जिला प्रशासन की तरफ से सम्मानित किया जा चुका है।
पीएनडीटी व एमटीपी के कैथल में 41 केस दर्ज
जिले में पीएनडीटी व एमटीपी के 41 मामले दर्ज किए गए हैं। प्रदेशभर में सबसे ज्यादा फरीदाबाद व दूसरे स्थान पर सोनीपत 48, पानीपत में 47 मामले दर्ज किए गए हैं। विभाग की तरफ से बेटी-बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को लेकर लोगों जागरूक किया जा रहा है। पंजाब व उत्तर प्रदेश में भी विभागीय टीम रेड कर भ्रूण लिंग जांच गिरोह का भंड़ाफोड़ किया है। सख्ती से एक्ट को लागू करने व अभियान को लेकर जागरूकता के चलते लिंगानुपात में इजाफा हुआ है।
117 गांव के आंकड़े हैरान करने वाले
117 गांव ऐसे हैं जहां लिंगानुपात 1000 से ज्यादा पहुंच गया है। यह सब लोगों के सहयोग, पीएनडीटी एक्ट को सख्ती से लागू करने और सरकार की योजनाओं को लेकर लोगों को जागरूक करने से संभव हो पाया है।
-डॉ. सुरेंद्र नैन, सिविल सर्जन।