एसडीएम विजेंद्र ने पहले कोरोना को हराया, अब प्लाज्मा से बचा रहे जिदगी
उपमंडल समालखा के एसडीएम विजेंद्र हुड्डा कर्तव्य का निर्वहन करते हुए कोरोना मरीजों को नवजीवन दे रहे हैं। उन्होंने पहले कोरोना को हराया। स्वस्थ होते ही कर्तव्य का निर्वहन करने लगे। अब प्लाज्मा दान कर दूसरे की जिदगी बचा रहे हैं। उनका ब्लड ग्रुप बी प्लस है।
जागरण संवाददाता, समालखा : उपमंडल समालखा के एसडीएम विजेंद्र हुड्डा कर्तव्य का निर्वहन करते हुए कोरोना मरीजों को नवजीवन दे रहे हैं। उन्होंने पहले कोरोना को हराया। स्वस्थ होते ही कर्तव्य का निर्वहन करने लगे। अब प्लाज्मा दान कर दूसरे की जिदगी बचा रहे हैं। उनका ब्लड ग्रुप बी प्लस है।
एसडीएम हुड्डा रोहतक के गांव खिडवाली के रहने वाले हैं। 2013 बैच के एचसीएस अधिकारी हैं। करीब नौ माह पहले 30 जुलाई, 2020 को उनकी यहां पोस्टिग हुई थी। गत 16 मार्च को ड्यूटी के दौरान कोरोना पॉजिटिव हो गए। जुकाम होने के बाद उन्होंने जांच करवाया था। पॉजिटीव होने के बाद 10 दिन लगातार स्वजनों से दूर रहे। एनएफएल के गेस्ट हाउस में अपने को कैद रखा। रिपोर्ट निगेटिव आने पर स्वजनों से मिलने घर गए।
एक सप्ताह बाद आकर अपने कर्तव्य और जिम्मेदारी का निर्वहन करने लगे। दफ्तर और फील्ड दोनों जगहों के कामों में जुट गए। अभी उनकी ड्यूटी पानीपत के सेक्टर 29 के ऑक्सीजन प्लांट पर लगी है। मरीजों के जीवन बचाने के लिए वे जरूरतमंदों की ऑक्सीजन जरूरत को पूरा करने की ड्यूटी निभा रहे हैं। उपमंडल के कोरोना के नोडल अधिकारी भी हैं। दोस्त के भाई को दिया प्लाज्मा
विजेंद्र हुड्डा ने बताया कि गत 27 अप्रैल को दिल्ली के एक दोस्त ने उन्हें फोन किया। उनसे अपने भाई के लिए प्लाज्मा देने को कहा। उन्होंने तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क किया। दिल्ली के वेंकटेश्वर अस्पताल में जाकर दोस्त के भाई को प्लाज्मा दान किया। इनके प्लाज्मा से व्यक्ति को नवजीवन मिला। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो डॉक्टर की सलाह पर वे किसी की जान बचाने के लिए प्लाज्मा दान कर सकते हैं।