डाई हाउस की आड़ में अवैध शराब का गोरखधंधा, 205 पेटी बरामद, पांच गिरफ्तार

सरपंच का चचेरा भाई डाई हाउस मालिक और शराब माफिया आशीष और उसका साथी फरार -बोतलों पर लगवाता था उप्र का मार्का सील लगाने की मशीन हजारों होलोग्राम लेबल और पिकअप बरामद।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 05 Nov 2019 08:02 AM (IST) Updated:Tue, 05 Nov 2019 08:02 AM (IST)
डाई हाउस की आड़ में अवैध शराब का गोरखधंधा, 205 पेटी बरामद, पांच गिरफ्तार
डाई हाउस की आड़ में अवैध शराब का गोरखधंधा, 205 पेटी बरामद, पांच गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, पानीपत : पुलिस ने महराणा गांव में रविवार शाम आठ बजे अवैध शराब के गोरखधंधे का भंडाफोड़ किया है। यहां डाई हाउस की आड़ में देसी शराब के पव्वों पर उत्तर प्रदेश के फाइटर ब्रांड का लेबल लगाकर तस्करी की जा रही थी। मौके से पव्वों की 205 पेटी, सील लगाने की मशीन, हजारों लेबल, उत्तर प्रदेश नंबर की पिकअप और पांच लोगों को गिरफ्तार किया। महराणा गांव के सरपंच का चचेरा भाई मुख्य आरोपित डाई हाउस संचालक आशीष उर्फ पप्पा और उसका दोस्त गांव का ही जोनी फरार हो गए। पकड़ी गई शराब की कीमत एक लाख रुपये है।

सीआइए-थ्री प्रभारी एसआइ छबील सिंह ने बताया कि एएसआइ विनोद कुमार की टीम को सूचना मिली थी। महराणा गांव का आशीष निवासी महराणा अपने साथियों के साथ मिलकर अपने डाई हाउस में अवैध शराब तैयार करता है। इसके बाद आबकारी विभाग के एईटीओ राजेश कुमार की टीम के साथ डाई हाउस पर छापा मारा। पिकअप में अवैध शराब फाइटर मार्का की पव्वों की 40, बिना मार्का की 140 पेटियां बरामद की।

25 पेटी शराब पव्वा फाइटर मार्का की गोदाम से बरामद की। मौके से पश्चिम बंगाल के जिला जितानपुर के किशनगंज के रब्बानी, परवेज, मुस्ताक, राजू सिंह और बिहार के मधुबनी के जावेद को गिरफ्तार किया है। थाना मॉडल टाउन पुलिस ने मामला दर्ज किया। आरोपितों को अदालत में पेश किया, जहां से मुस्ताक, राजू सिंह और जावेद को जेल भेज दिया। जबकि रब्बानी व परवेज को चार दिन की रिमांड पर लिया है। दो साल से चल रहा था धंधा

ग्रामीणों का कहना है कि दो साल से अवैध शराब का धंधा चल रहा था। इस धंधे में कई और रसूखदार भी शामिल हो सकते हैं। उधर, एसआइ छबील सिंह ने कहा कि प्रारंभिक पूछताछ में रब्बीना व परवेज ने बताया कि वे और उनके साथी वेतन पर अवैध शराब पर नकली लेबल व सील लगाते थे। इन लेवल पर फॉर सेल इन यूपी अंकित है। वे तीन महीने से काम कर रहे थे। शराब व्यवसास से जुड़े कारोबारियों ने बताया कि चंडीगढ़ में लाइसेंसशुदा फैक्ट्री हैं। वहां से बिना लेवल के पव्वों में शराब भरकर लाई जाती है। एक पव्वा शराब 10 रुपये में मिल जाती है। इसके बाद पानीपत, करनाल व आसपास के कई लोग पव्वों पर दूसरे ब्रांड की शराब का लेबल चिपका देते हैं। इस शराब को उत्तर प्रदेश में भेज दिया जाता है। वहां पर एक पव्वा 80 रुपये का बिकता है। बिचौलियों का कमीशन देने के बाद भी तस्कर को 60 रुपये की प्रति पव्वा बचत हो जाती है।

कब-कब पकड़ी अवैध शराब की फैक्ट्री

-18 अक्टूबर 2018 को सीआइए-थ्री की टीम ने बिझौल गांव के खेतों में नकली शराब की फैक्ट्री पकड़ी। मुर्गी फार्म में गोरखधंधा चल रहा था। मौके से 2750 खाली बोतलों से भरे कैंटर को पकड़ा। इसी तरह से अक्टूबर 2019 को आट्टा गांव में अवैध शराब की फैक्ट्री पकड़ी।

chat bot
आपका साथी