ये है अंग्रेजों के जमाने का अंबाला का सदर बाजार, व्यापार का होता था प्रमुख केंद्र, शानदार है इसका इतिहास

अंबाला का सदर बाजार अंग्रेजों के जमाने का है। यह व्‍यापार का प्रमुख केंद्र होता था। ब्रिटिश काल के दौरान जहां भी छावनियां बसाई गई थीं वहां पर सदर बाजार बनाया गया। अंबाला कैंट का यह बाजार आज व्यापार का सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 24 Aug 2022 07:40 AM (IST) Updated:Wed, 24 Aug 2022 07:40 AM (IST)
ये है अंग्रेजों के जमाने का अंबाला का सदर बाजार, व्यापार का होता था प्रमुख केंद्र, शानदार है इसका इतिहास
अंग्रेजों के जमाने का अंबाला का सदर बाजार।

अंबाला, [कुलदीप चहल]। ब्रिटिश काल के दौरान जहां पर भी सैन्य छावनियां बसाई गईं वहां पर अंग्रेजों ने सदर बाजार स्थापित किया। सदर बाजार इस समय में व्यापार का मुख्य केंद्र बिंदु होता था, जहां से सारा कारोबार किया जाता था। एक छोटे से इलाके को यह पहचान दी गई। माना जाता है कि सदियों पहले यह बाजार शुरू किए गए, जबकि आज यह बाजार अपना विस्तार ले चुके हैं। अंबाला कैंट की बात करें, तो यह काफी विकसित हो चुका है और व्यापार का मुख्य केंद्र है।

इस तरह अंबाला में बनी थी अंग्रेजों की सैन्य छावनी

अंबाला कैंट में साल 1832 में अंग्रेजों ने पड़ाव डाला था। हालांकि अंग्रेज चाहते थे कि करनाल को सैन्य छावनी बनाया जाए, लेकिन वहां से वे आगे बढ़ गए। वे चाहते थे कि एक ऐसा केंद्र मिले, जहां से दिल्ली सहित उत्तर भारत पर नजर रखी जा सके। अंबाला कैंट में पड़ाव डाला, जिसके बाद ब्रिटिश फौजों ने सरहिंद की ओर रुख किया। सरहिंद को भी सैन्य छावनी के तौर पर अंग्रेज चाहते थे, लेकिन वहां की परिस्थितियां अनुकूल नहीं मिली, जिसके बाद अंबाला कैंट में अंग्रेजों ने अपनी छावनी बनाया। हालांकि सरहिंद की याद में अंबाला कैंट में सरहिंद क्लब भी बनाया गया है।

सैन्य छावनी बनने के साथ ही उस दौर में जरूरतें पूरी करने के लिए सदर बाजार बनाया। अंग्रेज अफसर, सैनिक सहित अन्य इसी क्षेत्रों से खरीददारी करते थे। उल्लेखनीय है कि सदर अरबी भाषा का शब्द है, जिसका हिंदी अर्थ मुख्य है। इसी पर ऐसे व्यापरिक केंद्रों को सदर बाजार का नाम दिया गया था।

विस्तार ले चुका है सदर बाजार

अंबाला कैंट में इन दिनों सदर बाजार विस्तार ले चुका है। अंबाला में सदर बाजार, न्यू सदर बाजार और ओल्ड सदर बाजार अलग-अलग बन चुके हैं। यह सभी कारोबार के लिहाज से सबसे अहम माने जाते हैं। अंबाला कैंट के रहने वाले आनंद मोहन शुक्ला बताते हैं कि सदर बाजार कुछ क्षेत्र में सिमटा हुआ था। लेकिन धीरे-धीरे इसने काफी विस्तार ले लिया और आज यह क्षेत्र अंबाला कैंट का सबसे बड़ा व्यापारिक केंद्र बन चुका है। हालांकि पुराना स्वरूप तो यह खो चुका है, लेकिन यह अब आधुनिक शोरूम और दुकानों से पटा पड़ा है।

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