रिश्तों के पेड़: पेड़ कटाने पर परिवार के सदस्य की तरह करते हैं श्रद्धांजलि सभा
हरियाणा के यमुनानगर में पेड़ के प्रति लोगों का भावनात्मक रिश्ता है। डेढ़ लाख से ज्यादा पौधे अभी तक कई शहरों में लगवा चुके हैं। जब भी कोई पेड़ काटा जाता है तो परिवार के सदस्य की तरह श्रद्धांजलि सभा करते हैं।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। यमुनानगर सेक्टर 15 निवासी प्रोफेसर एसएस सैनी का पौधों के साथ गहरा नाता है। डेढ़ लाख से अधिक पौधे अभी तक यमुनानगर, कुरुक्षेत्र व पंचकूला में लगवा चुके हैं। पेड़ कटने की सूचना पर टीम के साथ मौके पर पहुंच जाते हैं। उसकी आत्मिक शांति के लिए मंत्रों उच्चारण के साथ परिवार के सदस्य की तरह रस्म किरया करते हैं। शोक जताते हैं। दोस्तों की मदद से चलाई इस मुहिम में हर रोज लोगों को जुड़ रहे हैं। पौधों की देखभाल के लिए एंबुलेंस भी रखी हुई है।
ऐसे मिली प्ररेणा
प्रोफेसर सैनी बताते है कि सन 1989 में ईराक के यूनिवर्सिटी में अध्यापन के कार्य के लिए डेपूटेशन पर गए थे। वहां पर उनकी मुलाकात जापान से आए शिक्षक से हुई। उनसे प्रेरित होकर समाज व देशहित के लिए कार्य करने की ठानी। तभी से वह पौधे लगा रहे हैं। भारत लौटने पर सबसे पहले सन 1991 से उनके द्वारा शुरू की गई संस्था हरियाणा एन्वायरमेंटल सोसाइटी बनाई। अभी तक 65 प्रजातियां के पौधे लगवा चुके हैं। लोगों को पौधारोपण के लिए जागरूक भी करते हैं।
राज्यपाल दे चुके ग्रीन गैन का खिताब
उन्होंने जिले में बड़ी संख्या पौधारोपण करवाया। उनके लगाए गए पौधे अब पेड़ बन गए है। पर्यावरण के प्रति उनकी समर्पण भावना को देखते हुए वर्ष 2003 में तत्कालीन राज्यपाल बाबू परमानंद के हाथों उन्हें ग्रीन मैन के खिताब से नवाजा गया। वन मंत्री कंवरपाल भी उनको सम्मानित कर चुके हैं। यमुनानगर और जगाधरी शहर में कोई ऐसी मुख्य सड़क नहीं, जहां उन्होंने पौधारोपण न कराया हो। बात सिर्फ पौधे लगाने तक ही सीमित नहीं है। लगाए गए पौधों को बड़े होने तक सुरक्षित रखने का जिम्मा भी संस्था उठाती है। इसके लिए बाकायदा पौधों पर ट्री-गार्ड लगाए जाते हैं।
त्यौहार व सालगिरह पर भी लगवाते हैं पौधे
प्रो. सैनी खुद ट्विन सिटी में घूमकर पौधे की देखभाल करते हैं। बच्चे का जन्मदिन, बरसी, त्योहार या सालगिरह, प्रो. सैनी किसी भी पर्व या खास दिन पर लोगों को एक पौधा लगाने के लिए प्रेरित करते हैं। उनको इस दिन को यादगार बनाने के लिए सुझाव देते हैं। पौधे पर नाम से ट्री गार्ड लगवाते हैं। पौधे के पानी व ट्रिमिंग संस्था के कर्मचारी करते हैं।
कभी विकास तो कभी सुविधा के नाम पर कट रहे पेड़
सैनी बताते है कि शहर में कभी विकास के नाम पर तो कभी अपनी सुविधा के लिए पेड़ों की कटाई हो रही है। अधिकारी इस दिशा में संज्ञान नहीं लेते। जब भी उनको पेड़ काटने का पता चलता है तो वह टीम के साथ मौके पर पहुंच जाते हैं। पेड़ की आत्मिक शांति के लिए विधिवत श्रद्धांजलि सभा करवाई जाती है, ताकि लोगों में पेड़ों के प्रति श्रद्धा जागे