चलने लगा कारोबार का पहिया, पानीपत में कॉमर्शियल वाहनों के बढ़े रजिस्ट्रेशन
कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से कारोबार पूरी तरह से रुक गया था। अब एक बार फिर से व्यापार ने रफ्तार पकड़ी है। कॉमर्शियल वाहनों के रजिस्ट्रेशन बढ़े हैं।
पानीपत, [अजय सिंह]। लॉकडाउन के बाद अब कॉमर्शियल वाहनों की खरीद में अब मामूली इजाफा हो रहा है। शहर के ट्रांसपोर्ट व्यवसाय का पहिया दोबारा सड़क पर आने लगा है। साल 2020 के पहले तीन महीनों में वाहनों की बिक्री बीते दो वर्षों की तुलना में अधिक रही। हालांकि 23 मार्च को लॉकडाउन घोषणा के बाद वाहनों की बिक्री में तेजी से गिरावट दर्ज की गई।एक जुलाई से 12 अगस्त तक स्थानीय ट्रांसपोर्टरों ने आरटीए कार्यालय से 87 कॉमर्शियल वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराया है। जो मई और जून माह में खरीदे गए कॉमर्शियल वाहनों के आंकड़ों के लगभग तीन गुणा है।
नौकरियों पर संकट
वाहनों की बिक्री में आई गिरावट के कारण कॉमर्शियल वाहन निर्माता कंपनियों में काम करने वालों की नौकरी पर संकट है। कुछ को सैलरी कम कर दी है तो कुछ को हटाया गया है। स्टाफ लगातार कम किया जा रहा है।
आधा हुआ रेवेन्यू, परमिटों की संख्या में आई तिगुना कमी
राजस्व वसूली की बात करें तो साल 2019 के मुकाबले आरटीए कार्यालय में अब तक आधा ही राजस्व जमा हुआ है। परमिट की संख्या में तीन गुना तक कमी आई है।
किस्तों की चिंता में फंसे ट्रांसपोर्टर
कोरोना काल में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है। स्थानीय ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि संक्रमण के कारण काम आधा भी नहीं रहा। सरकार ने टैक्स पैनलटी छूट की घोषणा तो कर दी, लेकिन आज तक सिस्टम में इसे अपडेट नहीं कराया। अभी तक सिस्टम कंप्यूटर में जुर्माना दिखाता है। कागजात बनवाने से पहले टैक्स भरना अनिवार्य है। मजबूरन जुर्माना जमा कराना पड़ रहा है। वहीं सितंबर माह से बैंकों की किस्तें भी शुरू हो जाएगी, जो ट्रांसपोर्टरों के लिए ङ्क्षचता का विषय बनी हुई है।