हाईकोर्ट के फैसले खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जाएगा रेलवे!

स्पेशल रेलवे मजिस्ट्रेट हरियाणा (एसआरएम) को स्क्वॉड के लिए दस टीटीई उपलब्ध कराने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ रेलवे सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Jul 2018 02:50 PM (IST) Updated:Sun, 01 Jul 2018 02:50 PM (IST)
हाईकोर्ट के फैसले खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जाएगा रेलवे!
हाईकोर्ट के फैसले खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जाएगा रेलवे!

दीपक बहल, अंबाला

स्पेशल रेलवे मजिस्ट्रेट हरियाणा (एसआरएम) को स्क्वॉड के लिए दस टीटीई एक माह में देने और सीनियर डीसीएम के खिलाफ कार्रवाई करने के पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ रेलवे सर्वोच्च न्यायालय में जाने की तैयारी में है। इस बहुचर्चित प्रकरण पर रेलवे बोर्ड के आला अधिकारी कानूनी विशेषज्ञों की राय ले रहे हैं। राय बनी तो अलग-अलग दो याचिकाएं दायर की जाएंगी।

दरअसल, फैसला सुनाते वक्त अपने आला अधिकारियों पर सच छिपाने की हाईकोर्ट की टिप्पणी रेलवे के गले नहीं उतर रही। अब वह इस मुद्दे को हरियाणा से बाहर निकालकर राष्ट्रीय स्तर पर ले जाना चाहता है। सर्वोच्च न्यायालय का फैसला रेलवे ही नहीं, बल्कि देशभर के एसआरएम पर लागू होगा। हाईकोर्ट ने फैसले में उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक और रेलवे बोर्ड के सचिव पर सच छिपाने की बात लिखी है।

एसआरएम ने हाईकोर्ट में सन 2009 से 2016 तक किस-किस एसआरएम ने टिकट चे¨कग कर जुर्माना वसूल किया, इसका ब्योरा भी हाईकोर्ट में पेश किया था। मालूम हो कि 29 व 30 सितंबर 2016 को एसआरएम नितिन राज ने कैंप कोर्ट लगाने के लिए टीटीई मांगे थे, जो नहीं दिए गए। पूछने पर सीनियर डीसीएम प्रवीण द्विवेदी की तरफ से बताया गया कि 3 अक्टूबर को निरीक्षण था और टीटीई की विभाग में कमी है। एसआरएम ने इन दलीलों को खारिज कर दिया और उनके खिलाफ धारा 186, 187, और 217 आइपीसी के तहत आपराधिक केस चलाने के लिए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) अंबाला को लिख दिया। सीनियर डीसीएम एडिशनल सेशन कोर्ट और फिर हाईकोर्ट गईं लेकिन दोनों जगह से अपील डिसमिस कर दी गई। हाईकोर्ट ने रेलवे एक्ट 181 और रेलवे रूल 1209, 1404, 1402, 1403, 1405, 1406, 1407 का अपने फैसले में जिक्र करते कहा कि एसआरएम को चे¨कग के लिए जीआरपी या आरपीएफ उपलब्ध कराना रेलवे की ड्यूटी है।

हाईकोर्ट के फैसले से रेलवे के आला अधिकारी सकते में आ गए। करीब 27 पन्ने के अपने फैसले में हाईकोर्ट ने जीएम और सचिव पर भी टिप्पणी की, जिससे अधिकारी ¨चतित थे। सूत्रों के अनुसार कानून के विशेषज्ञों की राय ली जा रही है कि किन-किन ¨बदुओं पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाए।

पहली बार विवाद सुप्रीम कोर्ट में

रेलवे के इतिहास में पहली बार ज्यूडिशियल और रेल अधिकारी के बीच टिकट चे¨कग की शक्तियों को लेकर विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचेगा। बताते हैं कि पंजाब में भी इसी तरह का विवाद है। हालांकि, कई राज्यों में एसआरएम स्पेशल टिकट चे¨कग कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट में दी जाएगी चुनौती : जीएस बल

रेलवे की ओर से पेश हुए वकील जीएस बल ने बताया कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। दो याचिकाएं दायर होंगी, जिनमें एक सीनियर डीसीएम तो दूसरी रेलवे (जीएम और रेलवे बोर्ड के सचिव) की ओर से होगा। उनका कहना था कि एसआरएम को टिकट चे¨कग का खुद अधिकार नहीं है, बेटिकट यात्रियों से जुर्माना वसूल करने के बाद ही एसआरएम के पास यात्रियों को पेश किया जाता है।

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