प्रिंसिपल की ये पढ़ाई बच्‍चों को पसंद न आई, पुलिस ने हिरासत में लिया

गढ़ी बंजारा के राजकीय स्कूल में प्रधानाचार्य ने भगवान वाल्मीकि के बारे में कही गलत बात। हो गया बखेड़ा। यमुनानगर पुलिस ने हिरासत में लिया। इस तरह शुरू हुआ विवाद।

By Ravi DhawanEdited By: Publish:Tue, 23 Oct 2018 02:04 PM (IST) Updated:Tue, 23 Oct 2018 02:10 PM (IST)
प्रिंसिपल की ये पढ़ाई बच्‍चों को पसंद न आई, पुलिस ने हिरासत में लिया
प्रिंसिपल की ये पढ़ाई बच्‍चों को पसंद न आई, पुलिस ने हिरासत में लिया

जेएनएन, पानीपत : प्रिंसिपल की कथित टिप्‍प्‍णी से भड़के लोगों ने हंगामा कर दिया। मामला पुलिस तक पहुंच गया। पुलिस ने उन्‍हें हिरासत में ले लिया। मामला यमुनानगर के गढ़ी बंजारा के राजकीय स्‍कूल का है।

गढ़ी बंजारा के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में आठवीं कक्षा में एक लड़की पढ़ती है। मंगलवार को उसने अपने परिजनों को बताया कि स्कूल में भगवान वाल्मीकि के बारे में गलत टिप्पणी की जा रही है। पहले भी महर्षि वाल्मीकि जयंती के उपलक्ष्य में इसी तरह से बच्चों को गलत बताया था। जब यह बात परिजनों को पता लगी, तो उन्होंने समाज के अन्य लोगों को बताया। इसके विरोध में ही समाज के लोग स्कूल में एकत्र हुए और प्रधानाचार्य के खिलाफ नारेबाजी की। मामले को लेकर समाज के लोगों की तीखी नोंकझोंक भी प्रधानाचार्य के साथ हुई।

क्‍यों गलत पढ़ाया जा रहा
मामले की सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची। प्रधान रिंकू गागट का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में याचिका लगाई गई थी। लिखित में आदेश में है कि महर्षि वाल्मीकि के बारे में गलत लिखा गया है। ऐसा कुछ नहीं है, जो बताया जाता है। इसलिए इस तरह की कोई टिप्पणी या किताब बच्चों को न पढ़ाई जाए। इसके बावजूद भी बच्चों को महर्षि के बारे में गलत पढ़ाया जा रहा है।

इंटरनेट से पढ़ा रहा था बच्चों को
प्रधानाचार्य हरजिंद्र सिंह का कहना है कि इंटरनेट पर जो लिखा है, वही बच्चों को पढ़ाया है। उनके बारे में किसी तरह की टिप्पणी नहीं करना चाहता था। बच्चों को उनके अच्छे कार्यों के बारे में बता रहा था। उधर, थाना प्रभारी ईश्वर सिंह का कहना है कि मामला न बढ़े, इसलिए ही प्रधानाचार्य को हिरासत में लिया गया है। जो शिकायत मिलेगी, उसके आधार पर आगे कार्रवाई होगी।

जगाधरी में हो चुका विवाद
कई माह पहले जगाधरी के राजकीय विद्यालय में भी इसी तरह से विवाद हो चुका है। एक शिक्षिका ने भी बच्चों को इसी तरह से महर्षि वाल्मीकि के बारे में पढ़ाया था, जिसका समाज के लोगों ने कड़ा विरोध किया था और स्कूल में हंगामा किया था। बाद में शिक्षिका ने इसके लिए माफी मांगी थी।

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