दोष मिटाने हैं तो सत्संग में जाओ : स्वामी दिव्यानंद

जागरण संवाददाता, पानीपत : स्वामी दिव्यानंद ने कहा कि विरह में गुण और मिलन में दोष दिखाई देते हैं। हर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Feb 2018 07:33 PM (IST) Updated:Mon, 12 Feb 2018 07:33 PM (IST)
दोष मिटाने हैं तो सत्संग में जाओ : स्वामी दिव्यानंद
दोष मिटाने हैं तो सत्संग में जाओ : स्वामी दिव्यानंद

जागरण संवाददाता, पानीपत : स्वामी दिव्यानंद ने कहा कि विरह में गुण और मिलन में दोष दिखाई देते हैं। हर व्यक्ति को परमात्मा का स्मरण करना चाहिए। जीवन के दुख और मन के दोषों को खत्म करना है तो सत्संग में जाकर धर्म लाभ कमाओ। प्रेम मंदिर में सोमवार को वार्षिकोत्सव के समापन समारोह में उन्होंने यह बात कही।

उन्होंने माता-पिता और गुरु को सबसे बड़ा हितैषी बताया। स्वामी दयानन्द सरस्वती मुरथल ने राम के नाम की महिमा बताते हुए कहा कि राम के नाम का स्मरण करने से ही सार्थक जीवन जिया जा सकता है। मां के गर्भ से लेकर माया के गर्भ में प्रवेश करते हैं, उसी के अंधकार में भटकते हैं। अंधकार से बाहर निकलने के लिए सत्संग का आनंद लें। मानस मर्मज्ञ राधेश्याम द्विवेदी ने रामचरितमानस को महान ग्रंथ बताकर, नित्य प्रति पाठ करने की सीख दी। महंत श्रीनाथ व लालनाथ (झग रोहतक) ने राम के नाम और सत्संग को सत्य बताया। कांता देवी महाराज, मदन मोहन हरमिलापी महाराज ने उत्सव की अध्यक्षता की। वार्षिकोत्सव प्रेम सम्मेलन विशाल भण्डारे के साथ संपन्न हुआ। श्री राधा वल्लभ सत्संग परिवार, द्वारा संकीर्तन की प्रस्तुति दी । मंदिर के प्रधान सुनील मिगलानी, प्रेम मन्दिर लैय्या समिति के प्रधान परमवीर ढींगड़ा ने सभी आगंतुकों का आभार प्रकट किया।

इस मौके पर सूरज पहलवान, निरंजन पाराशर, चंद्रभान वर्मा, जगदीश ढींगड़ा, सुरेंद्र शाह, प्रमोद खेड़ा, हिमाशु, देसराज, अशोक जुनेजा, सुभाष गुलाटी व पार्षद अशोक नारंग मौजूद रहे।

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