टोल से 4 बजे भागा परमिंद्र, पुलिस सतर्क हुई 8:30 बजे

विजय गाहल्याण, पानीपत: टोल प्लाजा से आतंकी शाम चार बजे भागा और जिले की पुलिस रात साढ़े आ

By Edited By: Publish:Tue, 29 Nov 2016 02:36 AM (IST) Updated:Tue, 29 Nov 2016 02:36 AM (IST)
टोल से 4 बजे भागा परमिंद्र, पुलिस सतर्क हुई 8:30 बजे

विजय गाहल्याण, पानीपत:

टोल प्लाजा से आतंकी शाम चार बजे भागा और जिले की पुलिस रात साढ़े आठ बजे सतर्क हुई। यानी साढ़े चार घंटे बाद जिले के पहरेदारों को याद आया कि नाभा जेल ब्रेक करने वाले आतंकी उनके एरिया में भी आ सकते हैं।

पंजाब की नाभा जेल से भागे आतंकी खालिस्तान लिब्रेशन फ्रंट के चीफ हरमिंदर उर्फ मिंटू व उसके तीन साथियों को उनके मददगार कुख्यात परमिंद्र उर्फ पेंदा मुनक नहर व फिर कोहंड के पास छोड़कर अपनी फॉ‌र्च्यूनर गाड़ी से रविवार शाम पानीपत टोल प्लाजा को आसानी से पार कर गया। इसके बाद वह सनौली रोड से यमुना नाके को पार कर यूपी के कैराना में भागा था। आतंकियों की फरारी के दौरान कैथल, कुरुक्षेत्र, करनाल और पानीपत पुलिस के बीच के तालमेल की पोल खोल दी है। टोल प्लाजा पर नाका होने के बावजूद पुलिस बेपरवाह रही। यूपी में परमिंद्र के पकड़े जाने और चार आतंकी पानीपत में छोड़े जाने की सूचना के बाद ही जिला पुलिस की रातभर सांसे फुली रहीं। परंपरागत तरीके से जिले की सीमाओं को सील कर नाकाबंदी की रश्म अदायगी की। डीजीपी डॉ. केपी सिंह पानीपत पहुंचे और उनकी फटकार के बाद पुलिस के आला अधिकारियों की बैठक हुई और शहर के तमाम संदिग्ध इलाकों में आंतकियों के लिए सर्च अभियान चलाया गया। शहर में एनएफएल, असंध, बलजीत नगर, मित्तल मेगा माल, बरसत रोड, सिवाह के पास के नाकों पर पहरा कड़ा होने का दम भरा गया। वहीं कैराना पुलिस पानीपत व करनाल के उन स्थानों पर गई जहां पर परमिंद्र ने चार आतंकवादिय को छोड़ने की बात कही थी। इन स्थानों की निशानदेही की गई।

गुरुद्वारे, मस्जिद व होटल खंगाले

डीजीपी डॉ. सिंह के जाने के बाद डीएसपी मुख्यालय जगदीप दूहन, डीएसपी देशराज, डीएसपी बली सिंह, सीआइए-1 व 2, थाना चांदनी बाद, मॉडल टाउन और शहर पुलिस ने रात 12 से सोमवार सुबह 6 बजे तक शहर के सभी गुरुद्वारे, मस्जिद, मंदिर, होटल, रेस्टोरेंट और धर्मशालाओं की जांच की। समालखा, मतलौडा और इसराना थाना पुलिस ने अपने क्षेत्र के सिखों के डेरों की तलाश ली। जो भी संदिग्ध थे उनसे पूछताछ की, लेकिन आंतकी नहीं मिले।

नाके के सीसीटीवी कैमरे खराब, मैकेनिक नहीं मिल रहा

हरियाणा पुलिस ने ई-चालान करके हाईटेक होने का तो दम भरा है, लेकिन सुरक्षा के मामले में इतनी गंभीरता नजर नहीं आती है। यमुना नाके पर दो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन ये कई दिन से खराब हैं। इससे कैमरे शोपीस बने हैं। वहीं वाहन चालकों का कहना है कि पुलिस सुविधा के अनुसार कैमरों को ठीक करवा लेती है। कहीं इनसे गड़बड़ी न पकड़ी जाए। क्योंकि यह नाका रिश्वत को लेकर काफी बदनाम है। थाना सनौली प्रभारी सुभाष कुमार का कहना है कि लाइट न होने व खराबी के कारण कैमरे काम नहीं कर रहे हैं। मैकेनिक बीमार है। जल्द ही मैकेनिक बुलाकर कैमरों को ठीक कराया जाएगा।

फरारी का यमुना भी है आसान रास्ता

पुलिस का अगर यमुना नाके पर पहरा कड़ा हो जाता है तो हो बदमाश यमुना के बीच से होकर भी भाग जाते हैं। वे वाहन को खींचने के लिए ट्रैक्टर का सहारा भी ले लेते हैं। खासकर राणा माजरा का क्षेत्र। अभी तक पुलिस के पास यमुना के अंदर से बदमाशों के वाहनों को रोकने के लिए ठोस योजना नहीं है।

नाके पर चौकसी, शहर में असर नहीं

पुलिस ने गत रात्रि भले ही रात भर आतंकियों को पकड़ने के लिए सर्च अभियान चलाया हो, लेकिन सोमवार को दिन में शहर में जीटी रोड पर चौकसी के प्रबंध नहीं दिखे। फजीहत के बाद यमुना नाके पर जरूरी पुलिस के एक एएसआइ सहित चार पुलिसकर्मी मुश्तैद रहे। डीएसपी विद्यावती और थाना प्रभारी सुभाष कुमार ने भी वाहनों की चेकिंग कराई। दैनिक जागरण की टीम ने सोमवार को जीटी रोड पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। जिसमें झोल ही झोल दिखे।

समय: 1:19 बजे।

स्थान: गोहाना मोड़। वाहनों की आवाजाही हो रही थी। दो पुलिसकर्मी बैठे थे। होमगार्ड का जवान वाहनों की आवाजाही को दुरुस्त करवा रहा था। वाहन बेरोक-टोक दौड़ रहे थे। किसी भी वाहन की चेकिंग नहीं की जा रही थी।

समय: 1:57 बजे।

स्थान: बस स्टैंड। यहां पर पुलिसकर्मी तैनात थे। उनका ध्यान किसी बस या अन्य वाहन की चेकिंग की ओर नहीं थे। यही वही बस स्टैंड है जहां पर आतंकवादियों ने फरवरी 2007 में बस में बम ब्लास्ट कर दिया था। जिसमें एक बच्चे की मौत हो गई थी और एक दर्जन लोग घायल हो गए थे।

समय: 3:45 बजे।

स्थान: संजय चौक। दो पुलिसकर्मी वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। मौके से बिना नंबर की कार भी पकड़ी और फिर छोड़ दी। एक पुलिसकर्मी बैठा था। यह वहीं रूट है जहां से आतंकियों के मददगार परमिंद्र यूपी की ओर भागा था।

20 मिनट में हो जाता है पानीपत पार

कुख्यात अपराधियों के लिए वारदात को अंजाम देकर उत्तर प्रदेश भागने का पानीपत ही सबसे आसान रास्ता है। शहर से यमुना नाका 20 किलोमीटर दूर है। जो महज 20 मिनट में तय कर लिया जाता है। इसी का फायदा परमिंद्र ने भी उठाया। वह आसानी से यमुना पार कर कैराना में भाग गया।

बदमाशों की पनाहगाह रहा है पानीपत

औद्योगिक शहर शातिर अपराधिकयों की पनाहगाह भी रहा है। यहां पर मार्च 10 मार्च 2015 को उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर मुकीम काला का शार्प शूटर महताब उर्फ काना पकड़ा गया था। इसके अलावा उसके गुर्गे रिहान और जहूर भी पानीपत में फरारी काट चुके हैं। क्योंकि यहां पर एक लाख से ज्यादा प्रवासी रहते हैं जिनका पुलिस के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। इसी का फायदा बदमाश उठाते हैं।

जागरण ने दिल्ली की तरफ भागने की जताई थी आशंका

दैनिक जागरण ने 28 नवंबर के अंक में प्रकाशित समाचार में आतंकियों के रूट व खालिस्तान लिब्रेशन फ्रंट के चीफ हरमिंद्र के दिल्ली की ओर भागे जाने की आशंका जताई थी। आतंकी हरमिंद्र दिल्ली में पकड़ा गया।

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