Panipat weather forecast: मौसम में अचानक बदलाव, ठंड के साथ-साथ सुबह छाई धुंध, सेहत का रखें ख्‍याल

सोमवार सुबह हल्की धुंध छायी। वायु गुणवत्ता स्तर बेहद खराब होने के कारण सुबह सैर पर निकलने लोगों ने बताया कि प्रदूषण के कारण सांस लेने में परेशानी रही। अभी तापमान भी सामान्य से अधिक चल रहा है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 06:56 AM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 06:56 AM (IST)
Panipat weather forecast: मौसम में अचानक बदलाव, ठंड के साथ-साथ सुबह छाई धुंध, सेहत का रखें ख्‍याल
पानीपत में सोमवार सुबह हल्की धुंध छायी।

पानीपत, जेएनएन। अक्‍टूबर में ही सर्दी ने दस्‍तक दे दी है। सुबह ठंड के साथ-साथ धुंध भी छाने लगी है। वहीं, स्‍मॉग का भी असर देखने को मिल रहा है। इससे सुबह सैर करने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है। आंखों में जलन के साथ-साथ सांस लेने में भी दिक्‍कत हो रही है।

सोमवार सुबह हल्की धुंध छायी। वायु गुणवत्ता स्तर बेहद खराब होने के कारण सुबह सैर पर निकलने लोगों ने बताया कि प्रदूषण के कारण सांस लेने में परेशानी रही। अभी तापमान भी सामान्य से अधिक चल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार सप्ताह भर के बाद मौसम में बदलवा होने शुरू होगा। शुष्क मौसम के कारण पिछले चार पांच साल के बाद इस बार अक्टूबर में दिन का तापमान सामान्य से एक से तीन डिग्री सेल्सियस ज्यादा चल रहा है। रात का तापमान दो तीन दिनों से कम हुआ है। मौसम विभाग का मानना है हर तीन चार साल में ऐसा होता है। एक सप्ताह बाद न्यूनतम तापमान में दो डिग्री की गिरावट रहेगी। अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस रहा।

वायु गुणवत्ता का स्तर बेहद खराब स्थिति में रहा। एयर क्वालिटी इंडेक्स 323 दर्ज किया गया। 300 अंक से ऊपर इंडेक्स होने से वायु गुणवत्ता का स्तर बेहद खराब स्थिति में है। उद्योगों की चिमनियां काला धुआं उगलने से बाज नहीं आ रही। त्योहारी सीजन होने के कारण वाहन भी अधिक चल रहे हैं साथ ही जाम लग रहे हैं।

हल्‍की सर्दी में न बरतें लापरवाही, इन बीमारियों से बचना है जरूरी

मौसम बदल रहा है, रात्रि पहर में हल्की सर्दी पड़ने लगी है। कोविड-19 से तो जूझ ही रहे हैं। मलेरिया-डेंगू, टायफाइड, चिकनगुनिया और डायरिया जैसी बीमारियां पनपने का डर रहेगा। बेहतर होगा कि स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की गाइडलाइन का ठीक से पालन किया जाए। ऐसा करने से ही बीमारियों से बचाव हो सकता है। बीमारी न पनपे, इसके लिए जलभराव और गंदगी न हो, नगर निगम, नगर और ग्राम पंचायतों को ध्यान देना होगा। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने जिले में डेंगू आशंकित करीब 400 मरीजों का ब्लड सेंपल लेकर एलाइजा टेस्ट कराया। इनमें से 82 कंफर्म केस मिल चुके हैं।

जलमाना में मास फीवर सर्वे संपन्न

गांव जलमाना में डेंगू-मलेरिया-वायरल से हुई 10 मरीजों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को चार सदस्यीय आठ टीमें गांव में भेजी। सात हजार घरों में फीवर मास सर्वे किया। करीब 200 ग्रामीण बुखार-खांसी से ग्रस्त मिले। विभाग ने कोरोना आशंकित 68 लोगों के स्वाब सैंपल लिए। डेंगू जांच के लिए 21, मलेरिया जांच के लिए 60 ग्रामीणों के ब्लड सैंपल लिए। सोमवार की शाम तक रिपोर्ट आने की उम्मीद है।

बचाव के तरीके :

-सोते समय मच्छर दानी का उपयोग करें।

-खिड़की दरवाजों में नेटिंग होनी चाहिए।

-घर और आसपास पानी को एकत्र न होने दें।

-अनुपयोगी वस्तुओं में पानी इकट्ठा न होने दें।

-पानी की टंकी पूरी तरह ढक कर रखें

-कूलर चलाना बंद कर, उसे सुखाकर रख दें।

-फ्रीज की ट्रे रोजाना साफ करें।

-शरीर को ढ़कने वाले परिधान पहनें।

डेंगू बुखार के लक्षण :

-सिर व मांसपेशियों में दर्द।

-उल्टी आना, ग्रंथियों में सूजन।

-आंखों में दर्द होना।

डीसी की अपील

मौसमी बीमारियों के प्रति सचेत करते हुए डीसी धर्मेंद्र सिंह ने जिला वासियों से यह अपील की है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि आशा वर्करों के माध्यम और पंफलेट-पोस्टरों के जरिए जिला वासियों को मौसमी बीमारियों के प्रति जागरुक किया जाए। प्रदेश सरकार ने हरियाणा को वर्ष-2022 तक मलेरिया मुक्त बनाने का लक्ष्य दिया है। गंभीरता से काम होना चाहिए। नगर निगम फॉगिंग का शेड्यूल बनाएं, ताकि जनमानस को मच्छरों से निजात मिल सके।

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