हरियाणा-उप्र सीमा रेखा पर पहुंचे अफसर, खोजकीपुर के निकली जमीन

संवाद सहयोगी सनौली (पानीपत) हरियाणा और उप्र यमुना भूमि सीमा रेखा पर दोनों राज्यों के एसड

By JagranEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 07:40 AM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 07:40 AM (IST)
हरियाणा-उप्र सीमा रेखा पर पहुंचे अफसर, खोजकीपुर के निकली जमीन
हरियाणा-उप्र सीमा रेखा पर पहुंचे अफसर, खोजकीपुर के निकली जमीन

संवाद सहयोगी, सनौली (पानीपत) : हरियाणा और उप्र यमुना भूमि सीमा रेखा पर दोनों राज्यों के एसडीएम, प्र?शासनिक अधिकारी पहुंचे। यमुना नदी के अंदर विवादित भूमि देखी। हरियाणा के गांव खोजकीपुर के किसानों की चार दिन पहले यमुना तटबंध के अंदर उप्र के गांव टांडा के किसानों ने ट्रैक्टरों से फसल उजाड दी थी। मारपीट भी की। विवाद को सुलझाने के लिए शुक्रवार को दोनों प्रदेशों के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। रिकार्ड देखकर पता चला कि ये जमीन हरियाणा के खोजकीपुर की है। फैसला हुआ कि जो जहां काश्त कर रहा है, करता रहेगा।

हरियाणा की तरफ से समालखा के एसडीएम विजेंद्र हुड्डा, बापौली के कानूगो नरेश और बापौली थाना प्रभारी रामनिवास और उप्र के एसडीएम दुर्गेश व अन्य राजस्व व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। दोनो प्रदेशों के राजस्व अधिकारी 1974-75 का रिकार्ड लेकर पहुंचे। उसी रिकार्ड के अनुसार किसानों की जमीन का मालिकाना हक देखा गया। गांव खोजकीरपुर की जिस जमीन को लेकर उप्र के किसानों ने झगड़ा किया था, वह जमीन हरियाणा के किसानों की निकली। इस पर दोनों प्रदेशों के अधिकारियों की सहमति बनी की जिस जमीन पर हरियाणा के किसान खेती कर रहे हैं, वे उसी जमीन पर खेती करेंगे। उप्र के किसान हरियाणा की तरफ नहीं जाएंगे। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों से कहा कि यदि कोई किसान इसकी अवहेलना करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। बापौली के कानूनगो नरेश ने बताया कि अभी दोनों प्रदेशों के अधिकारियों की यह सहमति बनी है कि जो किसान जहां पर काश्त कर रहा है, वह वहीं पर करेगा। उप्र के किसान हरियाणा की तरफ नहीं आएंगे। यदि कोई किसान बात नहीं मानेगा तो पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी। इसी जमीन के विवाद को सुलझाने के लिए दो दिन पहले उप्र के छपरौली में दोनों प्रदेशों के अधिकारियों की बैठक हुई थी। कई बार हो चुका मिलान

यमुना नदी के अंदर पिछले करीब 45 वर्ष से हरियाणा और उप्र के किसानों का विवाद चलता आ रहा हैं। जमीन पर दोनों ओर के अधिकारी अपने-अपने रिकार्ड का मिलान करते है। बार-बार हर वर्ष उप्र के किसान कब्जा करने आते रहते हैं। इस यमुना के अंदर जमीनी विवाद का केस हरियाणा हाई कोर्ट में भी चल रहा है। जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आएगा, तब तक यथा स्थिति बनाए रखेंगे।

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