मौत से आगे निकल बचाई लोगों की जान, अमोनिया रिसाव के बीच बाइक से डेरा पहुंची थी नीलम

नीलम ने सूझबूझ से लिया काम और डेरे में पहुंचकर लोगों को सचेत किया था। बाइक पर पति और देवर को देखने निकली थी। 500 मीटर जाकर आंखों के आगे अंधेरा छाने लगा और दम घुटने लगा।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Thu, 20 Feb 2020 10:12 AM (IST) Updated:Thu, 20 Feb 2020 10:12 AM (IST)
मौत से आगे निकल बचाई लोगों की जान, अमोनिया रिसाव के बीच बाइक से डेरा पहुंची थी नीलम
मौत से आगे निकल बचाई लोगों की जान, अमोनिया रिसाव के बीच बाइक से डेरा पहुंची थी नीलम

पानीपत/कुरुक्षेत्र, [विनीश गौड़]। डेरा पट्टी शहजादपुर की 40 वर्षीय नीलम की सूझबूझ ने डेरे के कई लोगों की जान बचा ली। रात को जिस समय जानलेवा अमोनिया गैस डेरे की ओर बढ़ रही थी उससे तेज रफ्तार में नीलम मोटरसाइकिल से डेरे में पहुंची और लोगों को सचेत किया। डेरावासियों को उस दिशा के विपरीत निकलने की सलाह दी जिस दिशा से गैस आ रही थी। 10 से 15 परिवार नीलम के कहने पर वहां से तुरंत घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए। 

एलएनजेपी अस्पताल के आपातकालीन विभाग में दाखिल नीलम ने देर रात के दृश्य को दैनिक जागरण संवाददाता से सांझा किया। नीलम ने बताया कि रात करीब साढ़े आठ बजे की बात है जब डेरा पट्टी शहजादपुर के नजदीक कोल्ड स्टोर में आग लगने की सूचना उनके परिवार को मिली। उनके पति जयभगवान और देवर धर्मबीर स्टोर में मदद के लिए तुरंत रवाना हो गए। 

नहीं मिली दोनों की सूचना तो खुद निकली बाइक से

जब उनकी कोई खबर नहीं मिली तो नीलम ने भी मोटरसाइकिल उठाई और कोल्ड स्टोर की ओर चलने का निश्चय किया। डेरे से 500 मीटर दूर पहुंची तो दम घुटने लगा। उसने सांस रोककर आगे बढऩे का प्रयास किया। मगर आंखों के आगे अंधेरा छाने लगा। तुरंत मोटरसाइकिल घुमाई और गांव पहुंच गई। यहां शोर मचाकर लोगों को गांव जैनपुर की ओर निकलने के लिए कहा। डेरे के कई लोग गांव जैनपुर और फाटक की ओर पहुंचे। पुलिस की मदद से उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। मगर नीलम गैस के प्रभाव से बेसुध हो गई। उसे एलएनजेपी अस्पताल लाया गया। 

अंधेरा छा गया था, ढाई बजे रात को आया होश 

डेरा पट्टी शहजादपुर निवासी ओम प्रकाश ने बताया कि उनका पूरा परिवार घर पर ही था। रात करीब साढ़े आठ बजे आग लगने का शोर मचा। वह तुरंत परिवार को वहां से निकालने लगे। 11 वर्षीय पोती सिमरन, ढाई साल की रजनी, आठ माह की शिवानी, 10 वर्षीय पोता, बहुएं सोनिया व पिंकी और बेटा रिंकू को बारी-बारी से बाहर निकाला। वे डेरे से निकल पाते, इससे पहले ही गैस की चपेट में आ गए और बेसुध हो गए। इसके बाद एलएनजेपी अस्पताल में ढाई बजे रात को आंख खुली।

ये था पूरा मामला

शाहाबाद-नलवी रोड पर मारकंडा-नलवी ओवरब्रिज के पास स्थित हरगोबिंद कोल्ड स्टोर से मंगलवार रात अमोनिया गैस का रिसाव हो गया था। रिसाव से कोल्ड स्टोर के पास से बाइक से गुजर रहे लोग बेसुध होकर सड़क पर गिर गए। कई लोगों ने भागकर जान बचाई। आसपास क्षेत्र में बसे लोगों में भगदड़ मच गई। अमोनिया रिसाव से 62 लोग बेसुध हो गए। कोल्ड स्टोर में आलू का स्टॉक रखा जाता है।

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