मिट्टी स्नान कर जाना प्राकृतिक चिकित्सा का राज

जागरण संवाददाता, समालखा : शरीर पर लगी मिट्टी या धूल उतारने के लिए हर कोई स्नान करता है

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Nov 2018 01:22 AM (IST) Updated:Tue, 13 Nov 2018 01:22 AM (IST)
मिट्टी स्नान कर जाना प्राकृतिक चिकित्सा का राज
मिट्टी स्नान कर जाना प्राकृतिक चिकित्सा का राज

जागरण संवाददाता, समालखा : शरीर पर लगी मिट्टी या धूल उतारने के लिए हर कोई स्नान करता है, लेकिन मिट्टी से स्नान करते नहीं देखा और सुना होगा। लेकिन प्राकृतिक चिकित्सा लेने के लिए लोगों को मिट्टी का स्नान कराया गया।

मिट्टी स्नान कार्यक्रम सोमवार को पट्टीकल्याणा स्वाध्याय आश्रम स्थित प्राकृतिक जीवन केंद्र में प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया। जिसमें भाग लेने वाले मिट्टी स्नान कर उत्साहित दिखे। जिन्हें प्राकृतिक चिकित्सा के बारे में भी बतलाया गया। केंद्र के मुख्य चिकित्सक डॉ. विकास सक्सेना ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा के समग्र विकास के लिए आइएनओ के चेयरमैन जयप्रकाश ने 20 दिन तक जल उपवास पर रहकर भारत जगाओ सत्याग्रह किया था। इसके बाद भारत सरकार ने राष्ट्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड का गठन करने के साथ 18 नवंबर को राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाने की भी घोषणा की थी। उन्होंने बताया कि देश भर में 11 से 18 नवंबर तक प्राकृतिक चिकित्सा सप्ताह मनाया जा रहा है। जिसका उद्देश्य मिट्टी के वैज्ञानिक व औषधीय महत्व के बारे में जनजागृति करना है। इसी के तहत केंद्र में मिट्टी स्नान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होंने ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा के जरिये भी हम बड़ी से बड़ी बीमारी का इलाज पा सकते हैं। जो अन्य के मुकाबले काफी सस्ता भी है। इस मौके पर विकास ठक्कर, धनराज, विपिन, योगेंद्र, प्रसन्न कुमार, अनिल गुप्ता, राजेश खुराना, सुभाष, राजेश, हंसराज, पुरुषोतम, अजय और ब्रह्मदेव मौजूद रहे।

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