3 बच्‍चों की मौत पर फफक उठीं मांएं, बोलीं- बच्चे छिन गए, लाठी भी खा रहे

पानीपत के बिंझौल में तीन बच्‍चों की मौत मामले में इंसाफ की मांग पर लाठीचार्ज को लेकर मांएं रो पड़ीं। उनका कहना था उनके बच्‍चे छिन गए और लाठी भी उन्‍हें ही पड़ रहीं।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 01 Aug 2020 11:24 AM (IST) Updated:Sat, 01 Aug 2020 11:24 AM (IST)
3 बच्‍चों की मौत पर फफक उठीं मांएं, बोलीं- बच्चे छिन गए, लाठी भी खा रहे
3 बच्‍चों की मौत पर फफक उठीं मांएं, बोलीं- बच्चे छिन गए, लाठी भी खा रहे

पानीपत, जेएनएन। कुछ दिन तक आंगन में खेलने वाले बच्चे हमेशा-हमेशा के लिए सो गए। हत्यारों को कब पकड़ोगी। मौत का राज कब खोलोगे। यही पूछने एक दिन पहले प्रशासन के दरवाजे पर पहुंचे। वहां से न्याय तो नहीं मिला, लाठियां के घाव जरूर उन्हें अंदर तक हिला गए। रोती हुई मां पूछ रही थी, उनकी जगह किसी अमीर घर के बच्चे की मौत हुई होती तो आज यही प्रशासन और नेता, अब तक पूरा सच सामने ले आते। हत्यारों को पकड़ लिया जाता। हम गरीब हैं, इसलिए हमारी सुनवाई नहीं हो रही। लाठी भी खा रहे हैं। बिंझौल में जिन तीन बच्चों की मौत हुई थी, उसी गांव में दैनिक जागरण की टीम पहुंची। एक दिन पहले हुए लाठीचार्ज की पीड़ा रह-रहकर उनके चेहरे पर बयां हो रही थी। दैनिक जागरण टीम बिंझौल गांव पहुंची। यहां गांव में एक दुखभरा सन्नाटा था। इंसाफ मांगने गए लोगों को पुलिस जेल में डाल चुकी है।

वंश की मां निर्मला और अरुण की चाची बबली, घर में बच्चों के फोटो पास रखकर आंसू बहाती दिखीं। लक्ष्य की मां शकुंतला से जब बातचीत की कोशिश की तो उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। महिलाओं ने किसी तरह उन्हें ढांढस बंधाया। तीनों महिलाओं का सिर्फ ये ही कहना था कि हमारे ही बच्चों को मारा गया। अब प्रशासन हमें ही निशाना बना रहा है। अगर ये ही घटना किसी अमीर, अधिकारी या राजनेता के बेटों के साथ होती तो प्रशासन लाठीचार्ज को दूर पूछताछ के लिए भी पीछे-पीछे घूमता दिखाई देता। हम गरीब तबके से हैं, अफसरों को पैसा नहीं दे सकते। ...पर जब तक इंसाफ नहीं मिलेगा, पीछे नहीं हटेंगे। चाहे लाठियां क्यों न खानी पड़ें। गांव में सैकड़ों लोग चोटिल हैं, जिन्हें चलने-फिरने तक में तकलीफ हो रही है। 20 से 30 लोगों ने तो बिस्तर पकड़ लिया है। 

वायरल नहीं हो फोटो और वीडियो, कर ली थी घेराबंदी

बूंदाबांदी के बीच शुक्रवार को पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से लाठीचार्ज का फैसला लिया। मीडियाकर्मियों की घेराबंदी भी की गई, ताकि कार्रवाई के दौरान की फोटो और वीडियो वायरल न हो। महज पांच मिनट में ही पुलिसकर्मियों ने लाठियां भांजकर 50 से अधिक लोगों को घायल कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि वे डीएसपी ओमप्रकाश से बातचीत करने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस इसे उनके ऊपर हमला दिखाकर निर्दोषों को ही आरोपित बनाने पर तुली हुई है। 

सियासी दावपेंच हुए शुरू, पूर्व सांसद राजकुमार सैनी पहुंचे

पूर्व सांसद राजकुमार सैनी शनिवार को बिंझौल गांव में पहुंचे। उन्होंने कश्यप समाज के लोगों के साथ हुई घटना को गलत बताया। उनके जाने के बाद कुछ युवा नेता भी गांव में पहुंचे। आखिर तक समाज का साथ देने और इंसाफ दिलाने तक चैन की सांस नहीं लेने का वादा किया। पुलिस के द्वारा जेल भेज गए लोगों को कोर्ट में निर्दोष साबित करने की बात कही। 

मृतक बच्चों के घर पहुंचीं महिलाएं

मृतक बच्चों के घरों में शनिवार को महिलाओं का जमावड़ा लगा हुआ था। लाठीचार्ज में जख्मी हुई अधिकतर महिलाएं दूसरों के सहारे लेकर चलती दिखाई दी। शरीर पर लगी चोटों के कारण कई बुजुर्ग महिलाएं तो अभी तक चारपाई से नीचे भी नहीं उतर पा रही। वहीं गांव के दूसरे हिस्से में पुरुषों ने पंचायत करके उनके साथियों और मौजिज लोगों के निर्दोष होने की बात कही। प्रशासन से केस रद करके समाज के लोगों और जब्त हुए वाहनों को छोडऩे की मांग की।

 

पुलिसकर्मियों ने कमर पर मारे डंडे

लक्ष्य की ताई सावित्री ने बताया कि लघु सचिवालय के सामने वह परिवार के साथ धरनास्थल की ओर बढ़ रही थी। अचानक पुलिस ने पानी की बौछार की तो उसे दिखाई देना बंद हो गया। बचने की कोशिश की तो पास खड़ी बाइक से टकरा कर नीचे गिर गई। दो पुलिसकर्मियों ने कमर में कई लाठियां मारी। अभी तक नील पड़े हुए हैं। 

मेरी 70 साल की मां की टांग में मारी लाठी

कुरुक्षेत्र की रोशनी ने बताया कि वह भी प्रदर्शन में शामिल थी। पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो उसे कई लाठियां लगी। उसकी 70 साल की बुजुर्ग मां राजकली तक को नहीं बख्शा। उसकी भी टांग में लाठी मारी। अभी तक मां राजकली चारपाई से नहीं उठ पा रही। ऐसा लग रहा था कि पुलिस हत्यारों को पकडऩे की बजाए हमें ही मौत के घाट उतार देगी। 

आंखों के सामने पीटा बेटा

लक्ष्य की बुआ धरमो देवी ने बताया कि चार पुलिसकर्मी उसके बेटे बिजेंद्र को पीट रहे थे। उन्होंने हाथ जोड़कर कहा, मैं इसकी मां हूं। तुम चार-चार तो इसे मत पीटो। एक पुलिसकर्मी ने कहा, तू इसकी मां है। धरमो ने टूटा हाथ जोड़ा और बेटे को छुड़ाने की कोशिश की। 

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