माइक्रोक्यूट मीटर से तुरंत मिलेगी हिमोग्लोबिन रिपोर्ट

एनीमिया मुक्त हरियाणा अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग पानीपत को 56 माइक्रोक्यूट मीटर मिले हैं। डिजीटल मीटर से महिलाओं-किशोरियों के हिमोग्लोबिन की जांच रिपोर्ट महज तीन-चार सेकेंड में मिल जाएगी।सीएचसी-पीएचसी और हेल्थ वेलनेस सेंटरों में ये मीटर पहुंच गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 06:27 AM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 06:27 AM (IST)
माइक्रोक्यूट मीटर से तुरंत मिलेगी हिमोग्लोबिन रिपोर्ट
माइक्रोक्यूट मीटर से तुरंत मिलेगी हिमोग्लोबिन रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, पानीपत : एनीमिया मुक्त हरियाणा अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग, पानीपत को 56 माइक्रोक्यूट मीटर मिले हैं। डिजीटल मीटर से महिलाओं-किशोरियों के हिमोग्लोबिन की जांच रिपोर्ट महज तीन-चार सेकेंड में मिल जाएगी।सीएचसी-पीएचसी और हेल्थ वेलनेस सेंटरों में ये मीटर पहुंच गए हैं। विभाग इनका इस्तेमाल स्वास्थ्य जांच शिविरों में करेगा।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिवार सर्वेक्षण (एनएचएफएस-4) की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में 6 से 59 माह तक के 72 फीसद बच्चे, 55 फीसद गर्भवती,स्तनपान करवाने वाली 70 फीसद महिलाएं और 19 साल तक की 62 फीसद लड़कियां के शरीर में खून की कमी है। इसका मुख्य कारण पौष्टिक भोजन का सेवन नहीं करना, खराब दिनचर्या और तनाव है। अब सीएचसी-पीएचसी और हेल्थ वेलनेस स्तर पर लगने वाले स्वास्थ्य जांच शिविरों में माइक्रोक्यूट मीटर से हिमोग्लोबिन की जांच होगी। स्तर कम मिलने पर तुरंत उपचार शुरू कराया जाएगा। एनीमिया के मामलों में कमी लाकर मातृत्व-शिशु मृत्यु दर को भी कम किया जा सकेगा।

अर्बन नोडल अधिकारी डॉ. मनीष पासी ने पुष्टि करते हुए बताया कि एएनएम और स्टाफ नर्सों को ट्रेनिग दे दी गई है। विभाग का लक्ष्य एनीमिया दर में हर साल तीन फीसद की कमी जाना है। 2022 तक प्रदेश को एनीमिया मुक्त करना है। तीन स्तर पर इलाज :

1. ओरल : आयरन टेबलेट-सीरप और पौष्टिक आहार से खून की मात्रा बढ़ेगी।

2. इंजेक्टेबल : खून की पूर्ति के लिए इंजेक्शन के जरिए वैक्सीन दी जाएगी।

3. रक्त चढ़ाना : खून की पूर्ति के लिए मरीज को खून चढ़ाया जाएगा।

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