अग्निपथ योजना के विरोध में जींद में हुई महापंचायत, 3 को गाजियाबाद में पहुंचने का आह्वान

अग्निपथ योजनाके विरोध में जींद के लजवाना कलां में महापंचायत हुई। इस दौरान युवाओं की राय लेते हुए अग्निपथ का विरोध जारी रखने का फैसला लिया गया। साथ ही तीन जुलाई को गाजियाबाद में पहुंचने का आह्वान किया गया।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 29 Jun 2022 06:42 PM (IST) Updated:Wed, 29 Jun 2022 06:42 PM (IST)
अग्निपथ योजना के विरोध में जींद में हुई महापंचायत, 3 को गाजियाबाद में पहुंचने का आह्वान
जींद में अग्निपथ के विरोध में जींद में महापंचायत।

जुलाना (जींद), संवाद सूत्र। जुलाना के गांव लजवाना कलां में अग्निपथ के विरोध में युवा महापंचायत का आयोजन किया। महापंचायत की अध्यक्षता करसोला गांव के पूर्व सरपंच रिटायर्ड कैप्टन रामफल लाठर, जुलाना बारहा के कार्यकारी प्रधान बसाऊ लाठर, नंदगढ़ बारहा के प्रधान होशियार सिंह दलाल ने संयुक्त रूप से की। पंचायत में मृतक सचिन लाठर को मौन रह कर श्रद्धांजलि दी गई।

अग्निपथ के विरोध में युवाओं ने भिवानी के तालू गांव से लेकर लजवाना कलां तक पैदल मशाल यात्रा निकाली। महापंचायत में निर्णय लिया गया कि तीन जुलाई को गाजियाबाद में होने वाली किसान महापंचायत में अधिक से अधिक लोग जाएंगे। जहां पर अग्निपथ योजना के बारे में कड़ा फैसला लिया जाएगा। कैप्टन रामफल ने कहा कि सरकार अग्निपथ जैसी योजनाएं लाकर युवाओं के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है।

जुलाना बारहा खाप के कार्यकारी प्रधान बसाऊ लाठर ने कहा कि सरकार द्वारा देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के हितों के साथ क्यों खिलवाड़ किया जा रहा है। जिस तरह एक साल तक लंबे चले किसान आंदोलन को किसानों ने जीता इसी तरह इस लड़ाई को भी शांतिपूर्वक और अनुशासन में रहकर युवा जीतेंगे। लजवानां कलां के सचिन ने जिस तरह सरकार की गलत नीतियों का शिकार होना पड़ा।

महापंचायत की मांग है कि सरकार मृतक के स्वजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा और एक सरकारी नौकरी दे ताकि परिवार का गुजर बसर हो सके। वहीं नंदगढ़ बारहा खाप के प्रधान होशियार सिंह दलाल ने कहा कि युवा कई वर्ष तक तैयारी के बाद भी सेना में जाने से रह जाते हैं। युवाओं का सपना होता है कि वो सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करे लेकिन सरकार युवाओं के सपनों को तोड़ने का काम कर रही है। सरकार युवाओं को नौकरी देने की बजाए छीनने का काम कर रही है। इस मौके पर कई सामाजिक संगठन, किसान दल, कर्मचारी दलों के सदस्य मौजूद रहे।

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