कुष्ठ रोग घातक बीमारी, समय रहते पहचान जरूरी, जानिए लक्षण और बचाव

कुष्‍ठ रोग घातक बीमारी है। अगर समय रहते इसकी पहचान हो जाए तो इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। करनाल में 10 साल में कुष्ठ रोगियों की संख्या में 70 प्रतिशत तक आई कमी। स्वास्थ्य विभाग ने कहा रोग को लेकर आई जागरूकता।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 01:16 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 01:16 PM (IST)
कुष्ठ रोग घातक बीमारी, समय रहते पहचान जरूरी, जानिए लक्षण और बचाव
कुष्‍ठ रोग के लक्षण और बचाव जानना जरूरी।

करनाल, जागरण संवाददाता। करनाल में कुष्ठ रोगियों की संख्या में पिछले 10 सालों में करीब 70 प्रतिशत की कमी आई है। स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि यह सब लोगों में जागरूकता के संचार होने से संभव हो पाया है। हमारी तरफ से भी प्रयास किए गए हैं, यह प्रयास लोगों की सहभागिता से संभव हो पाया। सिविल सर्जन डॉ. योगेश शर्मा ने बताया कि हमने लोगों को कुष्ठ रोग लक्षण, पहचान बताई, लोगों ने ध्यान से सुना और भविष्य में यह बीमारी ना फैले इसको लेकर लोग अलर्ट हुए। इसका फायदा यह हुआ है कि कुष्ठ रोगियों की संख्या पर नियंत्रण हुआ। जो कुष्ठ रोगी चिन्हित किए गए उनकी स्थिति पर नियंत्रण के लिए हर 15 दिन में मेडिकल चेकअप कैंप लगाने का निर्णय लिया गया। अब 47 मरीजों में से 22 मरीज बचे हैं और आगे इस बीमारी के विस्तार पर अंकुश लगा है।

दुखद बात यह है कि कुष्ठ रोगियों के सहयोग के लिए नियमित रूप से सहायता के लिए कोई संस्था सामने नहीं आई है। लेकिन लोग खाने-पीने की वस्तुएं जरूर यहां पर देकर जाते हैं। डा. योगेश कहते हैं कि कुष्ठ रोग घातक बीमारी है। लेकिन यदि समय पर पहचान हो जाए तो इसको कंट्रोल किया जा सकता है। इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता बढ़ाई जा रही है।

यह हैं कुष्ठ रोग के लक्षण, दिखाई दें तो नागरिक अस्पताल में करें संपर्क

- त्वचा पर उभार होना

- हाथों, बांहों, पैरो और पैर के तलवों में सुन्नता का अनुभव होना

- नाक से खून निकलना और नाक से पानी बहना

- शरीर पर ऐसे घाव होना जिसे छूने पर दर्द का अनुभव ना हो

- शरीर के घाव का कई हफ्तों और महीनों तक ठीक ना होना।

- पैरों के तलवों में अल्सर होना

- त्वचा मोटी, कठोर और शुष्क होना

- आंख में परेशानी और उसके कारण अंधेपन की समस्या होना

15 दिन में एक बार सभी रोगियों की गहनता से होती है जांच

सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा का कहना है कि कुष्ठ रोगियों के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से हर 15 दिन में एक बार मेडिकल कैंप लगाया जाता है। उनकी गहनता से जांच की जाती है। दवाईयों की जरूरत होती है तो उनको उपलब्ध कराई जाती है। मरहम पट्टियां कराई जाती हैं। रोग ना फैले इसलिए उन्हें जागरूक भी किया जाता है।

chat bot
आपका साथी