Kisan Mahapanchayat : राकेश टिकैत बोले- सरकार मांग माने वरना करनाल लघु सचिवालय पर अब अनिश्चितकालीन महापड़ाव
Karnal Kisan Mahapanchayat हरियाणा के करनाल में आंदोलनकारी लघु सचिवालय के गेट पर बैठे हैं। यहां पर राकेश टिकैत गुरनाम सिंह चढ़ूनी सहित किसान नेता चर्चा कर रहे हैं। राकेश टिकैत ने कहा अब अनिश्चितकालीन महापड़ाव जारी रहेगा।
करनाल, जागरण संवाददाता। दिल्ली चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने विरोध का एलान कर दिया। प्रशासन से बातचीत विफल होने के बाद किसान बैरिकेड्स तोड़ते हुए लघु सचिवालय पहुंच गए। किसान लघु सचिवालय गेट के बाहर बैठे हैं। वहीं, अब लंगर की व्यवस्था की जा रही है।
राकेश टिकैत ने कहा, सरकार से काफी बातचीत हो गई। प्रशासन की भी सुन लिया। अब किसानों की मांग है कि सरकार या तो बात मान ले, अन्यथा लघु सचिवालय में ही महापड़ाव जारी रहेगा। अब किसान पीछे नहीं हटेंगे। किसानों ने काफी वक्त सरकार और प्रशासन को दे दिया है। बता दें कि किसान महापंचायत की 11 सदस्यीय कमेटी करनाल एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
टिकैत ने कहा, यहां भी डालेंगे पड़ाव, लंगर भी चलाएंगे
महापंचायत से बड़ी तादाद में लामबंद होकर जिला सचिवालय पहुंचे हजारों किसानों के बीच शाम करीब साढ़े सात बजे किसान नेता राकेश टिकैत मीडिया के रूबरू हुए। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अभी तक सरकार या प्रशासन की ओर से जितनी भी वार्ता की गई, उससे हम संतुष्ट नहीं हैं। हम यही चाहते हैं कि सरकार उस अधिकारी को सस्पेंड करने के साथ ही मुकदमा दर्ज करे, जिस पर इतने गंभीर आरोप लगे हैं। हम लंबे संघर्ष के लिए तैयार हैं। जिस तरह दिल्ली की सीमाओं पर हमारा आंदोलन कई माह से चल रहा है, उसी तरह एक पड़ाव यहां भी डाल देंगे। जहां तक जिला सचिवालय में प्रवेश की बात है तो इस गेट से नहीं जाने देंगे तो किसी और से चले जाएंगे। अगर पानी में एक डला भी डालते हैं तो हलचल होती है। रात में यहां भी हलचल हो जाएगी।
योगेंद्र यादव ने कहा, न्यूनतम मांग रखी, वो भी पूरी नहीं कर रही सरकार
पहले किसानों की मांग थी कि सरकार मृतक किसान सुशील काजल के स्वजनों को 25 लाख रुपये प्रदान करें और उनके पुत्र को सरकारी नौकरी दी जाए। लाठीचार्ज में घायल हुए किसानों को दो-दो लाख रुपये प्रदान किए जाएं। जबकि लाठीचार्ज को लेकर विवाद में आए तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा पर मामला दर्ज कर उन्हें निलंबित किया जाए। लेकिन प्रशासन इन मांगों पर सहमत नहीं हुआ। प्रतिनिमंडल में शामिल योगेंद्र यादव ने कहा कि उन्होंने प्रशासन के सामने सबसे न्यूनतम मांग यह रखी कि तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा को बर्खास्त किया जाए और फिर उन पर जांच करवाई जाए। इसके अलावा उनकी कोई और मांग नहीं है। सबसे न्यूनततम मांग भी प्रशासन ने खारिज कर दी और उलटे इस अधिकारी का बचाव किया जा जा रहा है।
नमस्ते चौक के पास हजारों की संख्या में पहुंच गए थे। किसानों का कहना था कि शांतिपूर्ण ढ़ंग से विरोध जताएंगे। अगर हमें गिरफ्तार किया जाए तो हम तैयार हैं। नमस्ते चौक पर किसानों को रोका गया था। पुलिस प्रशासन उनसे बातचीत करने के बाद गिरफ्तार किया गया। करनाल के डीसी और एसपी भी बातचीत करने पहुंचे थे। इसके बाद किसान आगे बढ़ गए।
#WATCH | Following Kisan Mahapanchayat at Anaj Mandi, protesting farmers now head to Mini Secretariat in Karnal, Haryana. pic.twitter.com/6CQaKSQ7hZ— ANI (@ANI) September 7, 2021
राकेश टिकैत ने कहा, करनाल में सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही। या तो खट्टर सरकार मांग माने या हमें गिरफ्तार करे। हम हरियाणा की जेलें भरने को भी तैयार हैं। वहीं, किसानों को नमस्ते चौक पर रोक लिया गया। मेरठ रोड पर कुछ किसानों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद नमस्ते चौक पर गिरफ्तारी हुई। नमस्ते चौक से आगे बढ़ गए हैं। सेक्टर 14 चौक के पास पहुंंच रहे हैं।
#WATCH | BKU leader Rakesh Tikait and protesting farmers face police deployment while heading to Mini Secretariat in Karnal, Haryana pic.twitter.com/05cPLwR2s2— ANI (@ANI) September 7, 2021
इस तरह लघु सचिवालय की किलेबंदी
लघु सचिवालय के दोनों गेटों को बंद कर दिया गया है। गेट के अंदर सीआरपीएफ की बटालियन तैनात है। वहीं बाहर की तरफ आइटीपीबी, सीआरपीएफ और हरियाणा पुलिस की बटालियन तैनात की गई है। वहीं, लघु सचिवालय से आगे मोड़ पर आरपीएफ है। सभी को अलर्ट रहने के आदेश दे दिए गए। इसके अलावा दंगा नियंत्रण वाहन, आंसू गैस, वाटर कैनन वाहन के साथ सुरक्षा बल अलर्ट है।
तीन दौर की वार्ता विफल होने के बाद 4.20 बजे किसानों ने लघु सचिवालय की तरफ कूच किया। दो किलोमीटर तक किसानों की भीड़ नाकों को तोड़ती हुई निकली। अभी तक लाठीचार्ज को लेकर बचाव किया गया है। किसान नेताओं का पुलिस का विरोध न कर गिरफ्तारी देने की अपील है। 11 सदस्यीय कमेटी ने महापंंचायत स्थल में पहुंचकर बैठक की। इसके बाद घेराव की घोषण की। अब सभी लघु सचिवालय की तरफ जा रहे हैं।
महापंचायत में गुरनाम सिंह चढ़ूनी के अलावा राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव भी शामिल हुए। इस दौरान प्रशासन की अपील पर संयुक्त किसान मोर्चा वार्ता के लिए मान गए। राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी और योगेंद्र यादव की 11 सदस्यीय कमेटी करनाल लघु सचिवालय पहुंची। हालांकि तीन दौर की बातचीत विफल रही। इसके बाद सभी महापंचायत स्थल की ओर लौट गए। वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बयान जारी किया, कहा, लोकतंत्र में सभी को अपने कार्यक्रम करने का अधिकार है।
करनाल में किसानों और सरकार के बीच हुई वार्ता असफल रही। किसान अब घेराव पर अड़े। सचिवालय पर बढ़ाई गयी सुरक्षा। पुलिस-प्रशासन अलर्ट।@JagranNews @cmohry #KisanMahaPanchayat पढ़ें पूरी खबर-https://t.co/fgvVVnjf8j… pic.twitter.com/bYz7aEzuyB— amit singh (@Join_AmitSingh) September 7, 2021
इस तरह चली वार्ता किसान महापंचायत में प्रशासन ने वार्ता के लिए संदेश भेजा। 11 सदस्यीय कमेटी, राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, योगेंद्र यादव के साथ लघु सचिवालय पहुंचे। यहां पर अधिकारियों के आदेश के बाद अंदर जाने दिया गया। लघु सचिवालय के बाहर ही समर्थकों को रोक लिया गया। करीब सौ लोगों की भीड़ जुट गई। करीब दो घंटे तक दो दौर की वार्ता चली। इसके बाद सभी किसान नेता बाहर आ गए। किसान नेता जोगेंद्र उगरहा और राकेश टिकैत प्रेस से बातीचत करने लगे। जोगेंद्र ने कहा, प्रशासन ने मांग नहीं मानी है। सरकार मांग नहीं मान रही है। अब हम अपना काम करेंगे, प्रशासन अपना काम करे। टिकैत ने कहा, फैसला महापंचायत स्थल में होगा। तभी प्रशासन की तरफ से तीसरे दौर की वार्ता के लिए बुलाया गया। करीब पांच मिनट के बाद फिर से किसान नेता बाहर आ गए। किसान नेताओं ने बताया कि वार्ता विफल रही है। प्रशासन से जो मांग की वो नहीं मान रहे।
ये मांग की थी प्रशासन से
राकेश टिकैत ने बताया कि प्रशासन से मांग की गई थी कि एसडीएम आयुष सिन्हा पर कार्रवाई की जाए। लाठीचार्ज मामले में उन पर जांच बैठाई जाए। हालांकि प्रशासन ने इस मांग को नहीं माना।
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महापंचायत की ओर लौटे किसान नेता
सभी किसान नेता बैठक कक्ष से बाहर निकल आए। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत की। किसान नेताओं ने कहा कि अभी पंचायत स्थल में जाकर फैसला लिया जाएगा। वहीं पर फैसला होगा कि अब आगे क्या करना है।
तनाव की स्थिति
किसान नेताओं के जाते ही पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गए हैं। सभी सुरक्षा बलों को भी अलर्ट रहने के लिए कहा गया हे। साथ ही लघु सचिवालय में भी बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। वहीं, किसान नेताओं के पहुंचने पर लघु सचिवालय की किलेबंदी कर दी गई थी। सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। बिल्डिंंग की तरफ आने जाने वाले रास्तों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
योगेंद्र यादव ने कहा, सरकार के आदेश के बाद करनाल डीसी ने प्रेसवार्ता करके इंटरनेट बंद करने और किसानों को आने से रोकने के लिए कहा गया था। संयुक्त किसान मोर्चा ने इसे एक चुनौती के तौर पर लिया। शाम को ही इस बारे में शीर्ष नेताओं ने बैठक करके मंथन किया। इसके बाद कूच किया गया।
योगेंद्र यादव ने कहा, अब सरकार से पूछना चाहते हैं कि कौन सा कानून किसी का सिर फोड़ने की इजाजत देता है।उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि अनुशासन किसी भी सूरत में भंग नहीं होना चाहिए। ये तो सरकार की मंशा है कि अनुशासन भंग हो और आंदोलन को भी भंग कर दिया जाए, लेकिन किसान ऐसा नहीं होने देगा। आज दिखा देंगे किसान अनुशासन प्रिय, न्याय प्रिय और एकता शक्ति वाला है।
वार्ता के लिए ये नेता रहे कमेटी में शामिल
करनाल प्रशासन द्वारा मीटिंग की पेशकश पर किसान संयुक्त मोर्चा की ओर से राकेश टिकैत, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी, डा. दर्शनपाल, राम पाल चहल, अजय राणा, सुखविंद्र सिंह, विकास सिसर, योगेंद्र यादव, कामरेड इंद्रजीत सिंह, सुरेश गोत को कमेटी में शामिल किया गया।
हथियार लेकर आए हमारे दुश्मन
चढ़ूनी ने कहा, सूचना मिली है कि हमारे बीच कुछ लोग हथियार लेकर आए हैं। ये गलत है। अगर ऐसा है तो तुंरत उनकी पहचान करके मंच में लाया जाए। जो हथियार लेकर आए हैं। वो हमारे दुश्मन हैं। हमें वार नहीं करना है, शांतिपूर्ण ढ़ंग से बात रखनी है।
करनाल जिला और पुलिस प्रशासन ने जारी किए निर्देश
करनाल में किसान महापंचायत को लेकर पुलिस और जिला प्रशासन ने निर्देश दिए हैं। प्रशासन बयान जारी किया है कि पंचायत में लाठी, जेली, लोहे की राड आदि से लैस कुछ तत्व रंभा से, कुछ निसिंग से और कुछ अन्य स्थानों से अनाज मंडी पहुंचे हैं। वे कोई अप्रिय घटना कर सकते हैं। ऐसे शरारती तत्वों को कार्यक्रम स्थल छोड़ने के लिए किसान नेताओं ने कोशिश की, लेकिन वे अपने नेताओं की एक नहीं सुन रहे हैं। करनाल जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा ऐसे शरारती तत्वों को कानून हाथ में न लेने और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने की चेतावनी दी जा रही है। ऐसे सभी तत्वों से कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा।
यहां-यहां पुलिस का पहरा
अनाज मंडी में किसानों की महापंचायत के चलते सुरक्षा की हिदायत से शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। बलड़ी बाइपास, अग्रसेन चौक, अंबेदकर चौक, बस स्टैंड, नमस्ते चौक, आइटीआइ चौक, सेक्टर-6 चौक, हांसी रोड, चिढ़ाव मोड, काछवा रोड स्थित पिंगली चौक के पास पुलिस का पहरा है।
करनाल अनाज मंडी में एसडीएम के खिलाफ नारेबाजी सुबह 8 बजे से ही बूंदाबांदी के बावजूद करनाल अनाज मंडी में किसान इक्ट्ठा हुए थे। प्योंत टोल और बसताड़ा टोल पर रणनीति तैयार करने के बाद किसान नारेबाजी करते हुए अनाज मंडी पहुंचे और मंडी लाठीचार्ज का आदेश देने वाले एसडीएम के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों के आवागमन बढ़ने के साथ-साथ हालात नाजुक बने हुए हैं। दिल्ली-चंडीगढ़ हाइवे पर आवाजाही के लिए वाहनों को पेप्सी पुल (पानीपत) से होते हुए मूनक से असंध या फिर मूनक से गगसीना और घोघडीपुर से होते हुए हांसी चौक, बाईपास, पश्चिमी यमुना नहर कर्ण लेक जीटी रोड-44 होते हुए चंडीगढ़ की ओर निकाला जा रहा है। चंडीगढ़ की ओर से आने वाले वाहनों को पिपली चौक (कुरुक्षेत्र) से लाडवा, इंद्री, ब्याना, नेवल और कुंजपुरा से होते हुए नंगला मेघा, मेरठ रोड से अमृतपुर खुर्द, कैरवाली, घरौडा से जीटी रोड-44 से दिल्ली की ओर निकाला जाएगा। एक तरफ किसान जहां अपनी जिद पर अड़े हैं वही किसी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा का सख्त पहरा लगाया है। लघु सचिवालय के आसपास रात से ही पुलिस व सीआरपीएफ जवानों की तैनाती कर दी गई और सुरक्षा की हिदायत से सुबह वाटर कैनन के अलावा, रेत-बजरी के डंपरों से सड़कों को बंद करना शुरू कर दिया गया है।
हरियाणा सरकार के आदेशों के बाद कई जिलों की पुलिस के अलावा पैरामिलिट्री फोर्स बुला ली गई। सरकार ने करनाल के अलावा कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद और पानीपत में भी सोमवार रात 12 बजे से इंटरनेट व एसएमएस सेवा बंद कर दी है। यह पाबंदी मंगलवार रात 12 बजे तक लागू रहेगी। पुलिस-प्रशासन का दावा है कि किसी भी सूरत में कानून-व्यवस्था भंग नहीं होने दी जाएगी।
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