किसान आंदोलन: किसानों का काफिला पहुंचा करनाल, चढ़ूनी बोले-आंदोलन अभी केवल स्थगित हुआ, खत्म नहीं
किसानों का काफिला देर रात करनाल पहुंचा। आंदोलन को लेकर चढ़ूनी ने कहा कि आंदोलन अभी केवल स्थगित हुआ है और यदि सरकार अपने वादे से मुकरती है तो एक बार फिर दोगुनी ताकत के साथ आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।
करनाल, जागरण संवाददाता। दिल्ली की सीमाओं से चलकर रास्ते के अलग-अलग पड़ाव तय करते हुए आखिरकार शनिवार की देर रात किसानों का काफिला करनाल पहुंच गया। ट्रैक्टर ट्रालियों सहित अन्य वाहनों की लंबी कतार के साथ पहुंचे काफिले का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने किया। उन्होंने बसताड़ा टोल प्लाजा पहुंचने पर कृषि कानून विरोधी आंदोलन में सबसे अधिक सक्रिय भागीदारी के लिए अपने सभी सहयोगियों सहित समस्त करनाल वासियों का आभार व्यक्त किया।
सरकार अपने वादे से मुकरी तो फिर होगा आंदोलन
चढूनी ने कहा कि आंदोलन अभी केवल स्थगित हुआ है और यदि सरकार अपने वादे से मुकरती है तो एक बार फिर दोगुनी ताकत के साथ आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। बांटने की राजनीति करने वाली भाजपा का भी हम आभार व्यक्त करते हैं क्योंकि उसने आंदोलन के जरिए 36 बिरादरियों को एक कर दिया है। अब देश के हर आदमी को रोटी खाने का अधिकार मिल गया है।
15 दिसंबर को होगी बैठक
15 दिसंबर को एक बार फिर बैठक होगी और आगे भी रणनीति पर विचार विमर्श किया जाता रहेगा उन्होंने हरियाणा सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि किसानों के प्रति अन्याय बर्दाश्त नहीं होगा। मिशन पंजाब के तहत भी किसान पूरी तरह एकजुट होकर अपनी मांग और मुद्दों को पुरजोर ढंग से उठाते रहेंगे
उन्होंने बताया कि करनाल में रात्रि विश्राम के बाद रविवार सुबह पूरा जत्था इसी तरह एकजुट होकर कुरुक्षेत्र में आगे के थानों के लिए रवाना होगा। इस दौरान आतिशबाजी और नारेबाजी के साथ पूरे काफिले का जोरदार स्वागत किया गया। देर रात काफिला करनाल शहर के डेरा कार सेवा गुरुद्वारा पहुंचा, जहां पूरी संगत के लिए लंगर की भी विशेष व्यवस्था की गई। काफिले के साथ नगर कीर्तन कीर्तन भी पहुंचा है। किसानों के लंबे काफिले के कारण जीटी रोड पर देर रात तक जाम की स्थिति बनी रही।
13 तक बंद रहेगा टोल
किसान नेता चढूनी ने स्पष्ट किया कि दिल्ली की सीमाओं से लौट रहे किसानों का आवागमन 13 दिसंबर तक जारी रहेगा। अतः फिलहाल इस अवधि तक टोल को खुलने नहीं दिया जाएगा।