Kapalmochan Mela: आस्था का संगम बना कपालमोचन, चढ़ावे गिनती में मिल रही विदेश मुद्रा

Kapalmochan Mela कपालमोचन मेला आस्‍था का संगम बना हुआ है। यहां पर चढ़ावे की गिनती के दौरान विदेशी मुद्रा भी मिल रही है। इसमें आस्‍ट्रेलिया की मुद्रा भी मिल रही हैं। साथ ही सोना चांदी के सिक्‍के भी मिल रहे हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 17 Nov 2021 06:15 AM (IST) Updated:Wed, 17 Nov 2021 06:31 AM (IST)
Kapalmochan Mela: आस्था का संगम बना कपालमोचन, चढ़ावे गिनती में मिल रही विदेश मुद्रा
कपालमोचन मेले में चढ़ावे की गिनती करते कर्मचारी

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। ऐतिहासिक कपालमोचन तीर्थ आस्था का संगम बने हुए है। पंजाब, हिमाचल, उप्र सहित अन्य कई राज्यों से श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है। मंगलवार को काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने सरोवरों में आस्था की डूबकी लगाई। मेले के दूसरे दिन श्राइन बोर्ड के अधिकारियों व कर्मचारियों के द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में दान पात्रों को खोला गया। दान पात्र में पहले दिन एक लाख रुपये का चढ़ावा गिना गया। कपालमेाचन सरोवर के गो बच्छा मंदिर, सूरजकुंड सरोवर के मंदिर ,ऋण मोचन सरोवर के मंदिर में रखे दान पात्रों के चढ़ावे की गिनती की गई।

नाेटों व सिक्कों की गिनती करते समय चढ़ावे में कनाडा व आस्ट्रेलिया की मुद्रा भी निकली है। जिसको अलग से पैकेट बना श्राइन बोर्ड के हवाले कर दिया जाएगा। स्थानीय लेागों का कहना है कि विभिन्न प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं की मन्नते पूरी होने पर दान पात्रों व मंदिरों में सोने चांदी के सिक्के भी दान में चढ़ाए जाते है।

आदिबद्री मंदिर में मुस्लिम कर्मचारी की ड्यूटी लगाने पर नाराजगी

श्राइन बोर्ड ने मंदिरों में पूजा अर्चना व प्रसाद वितरण के लिए अलग अलग विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई हुई है। आदिबद्री के प्राचीन बद्रीनाथ मंदिर में शिक्षा विभाग के लिपिक मुस्ताक अली की ड्यूटी लगी थी। मंहत विनय स्वरूप ने बताया कि पूूजारी धमेंद्र पांडेय को उसकी बातचीत पर शक हुआ। कुछ ही देर बाद उसके दूसरे साथी ने उसको मुस्ताक अली के नाम से पुकारा। इसकी सूचना पूजारी ने उनको दी। यह सूचना उनके लिए दुखदायी थी। उनको प्रशासन के प्रति नाराजगी है। पहले उन्होंने अपने स्तर पर अधिकारियों से इस बारे में बात की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई । उसके बाद उन्होंने हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन व भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को इस प्रकरण के बार में विस्तार से बताते हुए अपना विरोध दर्ज करवाया। उनके हस्तक्षेप के बाद प्रशासन ने मुस्ताक अली की मंदिर में प्रसाद वितरण की ड्यूटी से हटा दिया। महंत के मुताबिक बराला ने इस बारे में फोन कर उनको बताया भी। देर शाम डीसी पार्थ गुप्ता ने आदिबद्री का दौरा किया। वहीं मेला प्रशासक का कहना है कि कर्मचारी की ड्यूटी रूटीन में लगी थी। मंदिर से उसकी ड्यूटी बदल दी गई।

पैदल घूम कर श्रद्धालुओं की दिक्कत जानी

मेले में दूर-दराज से आ रहे श्रद्घालुओं को किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए एसडीएम जसपाल सिंह गिल ने पैदल घूम कर जायजा लिया। सबसे पहले ऋण मोचन सरोवर पहुंचे। उसके बाद कपालमोचन सरोवर। पैदल ही वे सूरजकुंड सरोवर भी गए। वहीं जो दुकानदार फलों व गन्ने का जूस बेच रहे थे उनके पास खुद जाकर हिदायत दी। जो दुकानदार रास्तों के बीच में बैठकर सामान बेच रहे हैं, उन्हें दूर बिठाया जाए।

काफी श्रद्घालु पहले ही लौट गए 

श्रद्घालुओं का आना लगातार जारी है, लेकिन वापस घर लौटने वाले श्रद्घालुओं की संख्या भी कम नहीं है। ये श्रद्घालु कार्तिक परिक्रमा से पहले ही सरोवरों में स्नान कर वापस जा रहे हैं। वापस लौट रहे श्रद्घालु कर्मजोत सिंह, रकम सिंह, त्रिलोचन सिंह का कहना है कि उन्होंने दो दिन मेला देखा है। गेहूं बिजाई का सीजन चल रहा है। घर जाकर खेतों में गेहूं की बिजाई करनी है।

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