गीता के उपदेश के साक्षी वटवृक्ष की उखड़ रहीं सांसें, हैरान कर देने वाली हकीकत

ये वही वटवृक्ष है, जिसके नीचे बैठकर श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। अब इसकी सांसें सरकारी फाइलों में दबकर रह गईं हैं। जानिए आखिर ऐसा क्या है।

By Ravi DhawanEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 07:33 PM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 11:27 AM (IST)
गीता के उपदेश के साक्षी वटवृक्ष की उखड़ रहीं सांसें, हैरान कर देने वाली हकीकत
गीता के उपदेश के साक्षी वटवृक्ष की उखड़ रहीं सांसें, हैरान कर देने वाली हकीकत

जेएनएन, कुरुक्षेत्र/पानीपत:  महाभारत की रणभूमि में बरगद के जिस पेड़ के नीचे श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया, उस वट वृक्ष की सांस अब भी पत्थरों और सरकारी फाइलों के नीचें दबी पड़ी हैं। न सरकार इस ओर ध्यान दे रहा और न ही प्रशासनिक अधिकारी। इसे देखने वालों में कोई कमी नहीं है। हर रोज सैकड़ों की संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं। आखिर कौन सी है वो जगह, जानने के लिए पढि़ए दैनिक जागरण की ये खबर।

दो वर्ष पूर्व नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने ज्योतिसर स्थित इस वटवृक्ष के नीचे लगाए पत्थरों को उखाडऩे का आदेश दिया था, लेकिन प्रशासन ने उसके आस-पास के थोड़े से क्षेत्र का पत्थर उखाड़ कर कार्य की इतिश्री कर दी। वट वृक्ष ने इतने ही दिनों में उस क्षेत्र को भी भर दिया और उसमें पूरे में वृक्ष की जड़ें फैल गई। इसके बाद आगे बढऩे के लिए फिर पत्थर राह रोके खड़े हैं। 

वन अनुसंधान संस्थान ने भी की थी पत्थर उखाडऩे की अनुशंसा 
दरअसल वृक्ष के सुंदरीकरण के लिए जो संगमरमर के पत्थर उसके आसपास लगाए गए थे, वही पेड़ की सेहत के लिए खतरे की वजह बन रहे थे।  वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) देहरादून के एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई थी। जिसके बाद कुरुक्षेत्र विकास प्राधिकरण ने पेड़ की सेहत सुधारने के लिए संस्थान के वैज्ञानिकों से सहयोग मांगा था तो उन्होंने पेड़ के आसपास के पत्थर को उखाडऩे की अनुशंसा की थी। जिसके बाद पत्थर तो उखाड़ा गया, लेकिन वह नाकाफी है। 

 

इसी पेड़ के नीचे श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिया गया था गीता का उपदेश।

फाइलों में दबी पेड़ को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की योजना 
पौराणिक मान्यता है कि कुरुक्षेत्र, हरियाणा के ज्योतिसर तीर्थ स्थित बरगद के पेड़ के नीचे भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था। इसे देश का सबसे उम्रदराज वृक्ष भी कहा जाता है। इस बारे में ग्रीन अर्थ संस्था की ओर से प्रदेश सरकार से यह मांग की थी कि सरकार इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित करे, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से इसे दोबारा संस्था पर ही डाल दिया गया। सरकार ने कहा था कि वह केंद्र सरकार से इसकी मांग करे तो प्रदेश सरकार भी सहयोग करेगी। संस्था के सदस्य डॉ. नरेश भारद्वाज का कहना है कि उन्होंने कई बार मांग की, लेकिन कोई प्रभावी कार्य होता नहीं दिख रहा है। 

नियमों के अनुसार पत्थर उखाड़ा गया है : मदन मोहन छाबड़ा 
केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने कहा कि पेड़ के नीचे पत्थरों को नियमों के अनुसार उखाड़ा गया है। अगर वन अनुसंधान संस्थान आगे कोई रिपोर्ट देता है तो आगे कार्य किया जाएगा।

chat bot
आपका साथी